खुद को हितैषी बताने वाली भाजपा-जजपा ओबीसी के सबसे बड़े दुश्मन

06 लाख को तुरंत प्रभाव से केंद्र के बराबर 08 लाख किया जाए

चंडीगढ़, 12 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि  खुद को ओबीसी का सबसे बड़ा हितैषी बताने का ढोंग करने वाली भाजपा-जजपा ही ओबीसी की सबसे बड़ी दुश्मन है। इन्होंने ही केंद्र सरकार के 08 लाख के मुकाबले प्रदेश में ओबीसी नॉन क्रीमीलेयर की वार्षिक आय सीमा को 06 लाख रुपये तय किया हुआ है। यह ओबीसी के साथ सबसे बड़ा धोखा है। गठबंधन सरकार को तुरंत प्रभाव से इस लिमिट को बढ़ाकर केंद्र के बराबर करना चाहिए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश में ओबीसी के लिए कोई ऐसा कार्य नहीं किया गया, जिसे याद रखा जा सके। इसके विपरीत ओबीसी क्रीमीलेयर की लिमिट घटाकर उनके बच्चों के हक पर डाका डालने का षड्यंत्र रचा गया है। आय सीमा की लिमिट 06 लाख होने से ओबीसी परिवारों के होनहारों के लिए प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिले व सरकारी नौकरियों में अवसर कम हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 06 लाख रुपये की आय में वेतन और कृषि आय समेत सभी स्रोतों से प्राप्त आय को सकल वार्षिक आय की गणना में जोड़ा जा रहा है, जो सरासर गलत है। यह केंद्र की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का भी खुला उल्लंघन है। गठबंधन सरकार ने ओबीसी को सरकारी नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण में भी किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इससे साफ है कि सरकार पूरी तरह से ओबीसी विरोधी है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकना चाहती है।

उन्होंने कहा है कि पिछड़ा वर्ग समाज हमेशा से ही मेहनतकश रहा है। ये वह लोग हैं, जिन पर हमारे समाज की नींव टिकी हुई है। इस समाज के मान-सम्मान में कांग्रेस ने कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के लोगों की अपनी सरकार में भागीदारी बढ़ाने के लिए खूब प्रतिनिधित्व प्रदान किया, ताकि पिछड़े वर्ग की आवाज किसी भी स्तर पर कमजोर न पड़े। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में तो पिछड़ा वर्ग से जुड़े बोर्ड भी कई-कई साल तक निष्क्रिय रहते हैं, इनमें कोई नियुक्ति तक नहीं की जाती। न ही पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए इनके कल्याण के लिए अलग से कोई योजनाएं बनाई गई और न ही इनके बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने को कोई नई छात्रवृत्ति शुरू की गई। इससे पता चलता है कि भाजपा को पिछड़ा वर्ग सिर्फ वोट के लिए याद आता है, जबकि उनके लिए धरातल पर कोई काम नहीं किया जाता।

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