बनारस के शिल्पकार बेटियों और महिलाओं के लिए बनारसी कपड़े से बनाकर लाए हैंडबैग।

बनारसी साडिय़ा और सूट के भी चाहवान है महोत्सव में आने वाले पर्यटक।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 8 दिसंबर : बनारस से आए शिल्पकार खलीकुलजामा ने अपने मन के भाव व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे हिंदुस्तान में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शिल्प मेला सबसे अच्छा शिल्प मेला है। इस मेले में आने के लिए हमेशा मन में उत्सुकता रहती है। यह मेला स्वच्छता, सुरक्षा और व्यवस्था के हिसाब से देश के सभी मेलों से अव्वल है। इसलिए इस मेले में बार-बार आने का मन करता है। इस महोत्सव में प्रदेश की बेटियों और महिलाओं के लिए बनारसी हैंडबैग बनाकर लाए है। इन हैंडबैग की कीमत महज 50 रुपए से लेकर 150 रुपए तय की है। हालांकि महिलाओं के लिए बनारसी साड़ी और सूट भी विशेष तौर पर लाए है।
शिल्पकार खलीकुलजामा ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में स्टॉल नंबर 64 पर बेटियों के लिए बनारसी हैंडबैग सजाए है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आ रहे है। इस महोत्सव में देश भर के शिल्पकार आने के लिए उत्साहित रहते है। कई बार आवेदक ज्यादा होने के कारण उनकी बारी नहीं आ पाई, लेकिन इस बार एनजेडसीसी की तरफ से एक बार फिर से गीता महोत्सव में आने का अवसर मिला है। उनकी बनारसी कपड़ा बनाने की शिल्पकला पुश्तैनी है और वे स्वयं वर्ष 2012 से बनारसी कपड़ा तैयार करने का काम कर रहे है और तभी से इस महोत्सव में बनारसी साड़ी, कपड़ा, सूट व दुप्पटा लेकर आ रहे है।

उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में बनारसी कपड़े से बनी साडिय़ा, सूट, दुप्पटे, डाईनिंग टेबल के रनर विशेष तौर पर लाए है। इस महोत्सव में बनारसी कपड़े से बने हैंडबैग पहली बार लाए है और इनके दाम भी केवल 50 रुपए से लेकर 150 रुपए तय किए है। बनारसी साडिय़ो के दाम 800 रुपए से लेकर 4500 रुपए तथा सूट के दाम लगभग 1250 रुपए रखे है। इन दामों पर पर्यटक सहजता से बनारसी कपड़े से बने उत्पादों को खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में लाखों की संख्या में पर्यटक आते है और बड़े चाव से उनकी उत्पादों को पसंद करते है। पिछले वर्ष भी महोत्सव में अच्छी बिक्री हुई थी।

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