भिवानी। राष्ट्रीय प्रैस दिवस पर चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय में जर्नलिस्ट क्लब भिवानी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने कहा कि कलम में बहुत ताकत है, इसका प्रयोग राष्ट्र एवं समाज हित में होना चाहिए। आजादी में इस कलम सकारात्मक प्रयोग हुआ और हमें आजादी दिलाने में प्रैस का बहुत बड़ा योगदान रहा। मीडिया को चाहिए कि वो सही सूचना एवं संदेश संप्रेषण और प्रकाशित करें। पत्रकारिता में काम कर रहे लोगों को अपनी क्षमता और विश्वसनीयता को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होनेे कहा कि जैसे शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव लाने के लिए हमें शिक्षकों में बेहतर अध्यापन क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है,पत्रकारिता में भी यह सिद्धांत लागू होता हैॅ। इस अवसर पर हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डाक्टर वीपी यादव ने कहा कि तथ्य कुछ होते हैं और खबर उन तथ्यों से परे होती है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की बजाय प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता आज भी अधिक है। उन्होंने कहा कि मीडिया से ही लोकतंत्र जिंदा है। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष शंकर धूपड़ ने कहा कि अखबार हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। पत्रकारिता पहले से और अधिक आसान हो गई है। हमें अपनी कलम का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। पत्रकारिता सरकार और जनता के बीच एक कड़ी का काम करती है। हम यह तय करें कि गलत तथ्य और सूचना नहीं छपे। गलत तथ्य सूचना हम सबके लिए घातक है। जर्नलिस्ट क्लब भिवानी के प्रधान ईश्वर धामु ने कहा कि उनकी यह इच्छा थी कि वें किसी मंंच के माध्यम से पत्रकारिता के स्टूडेंटस बात करें। ऐसे कार्यक्रम एमसीएस के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम से ज्यादा लाभप्रद रहते हैं। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता बड़े नाजुक दौर से गुजऱ रही है और इस पर बाजारवाद हावी होता जा रहा है। लोगों का पत्रकारिता के प्रति नजरिया बदल रहा है। पाठक का नजरिया भी बदला है और व्यापक हो गया है। आधुनिक दौर में पत्रकारिता के साधन जरूर बढ़े हैं परंतु पत्रकारिता मोबाइल तक सिमट गई है। आज सोशल मीडिया की तीव्रता के साथ विश्वसनीयता बनाए रखने की बहुत जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों को आह्वान किया कि वे भविष्य के पत्रकार हैं इसलिए मीडिया एथिक्स को बनाए रखें। विश्वविद्यालय की कुलसचिव श्रीमती ऋतु सिंह ने कहा कि कलम की शक्ति तलवार की धार से भी तेज होती है। मीडिया स्वतंत्र देश की नींव होती है। देवी देवताओं के समय भी पत्रकारिता होती थी नारद मुनि इसका उदाहरण हैं। एमसीएस विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सोनू मदान ने कहा कि आज पत्रकारिता हर व्यक्ति से जुड़ी हुई है। इसलिए पत्रकारों का दायित्व बढ़ जाता है। कार्यक्रम में वरिष्ठ दंत चिकित्सक जीएन त्रिपाठी, डाक्टर करण पुनिया ने भी अपने विचार रखे। Post navigation चिंताजनक है अखबारों और लेखकों की स्थिति …….. आज दिल जीते हैं, कल फिर कप जीतेंगे …….