सुबह 7 बजे पहुंचे किसानों को दोपहर 1 बजे तक मेले में घुसने तक नहीं दिया गया जिस कारण से दूर-दूर से आए किसानों को चिलचिलाती धूप में घंटों तक भूखा और प्यासा खड़ा रहना पड़ा
जहां वीआईपी लोगों की आवभगत पर करोड़ों रूपए नाजायज पानी की तरह बहाए गए वहीं किसानों के लिए पीने के पानी तक की भी सुविधा नहीं की गई
प्रमुख फसलों गेहूं की डब्लूएच 1270 और सरसों की आरएच 725 का बीज पहले दिन दो घंटों में ही समाप्त हो गया, जिससे साफ पता चलता है कि मिलीभगत करके उच्च गुणवत्ता के बीजों को प्राइवेट कंपनियों को ब्लैक मे बेचा गया है
पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जांच होने से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा
भाजपा-जजपा ने अपने शासनकाल में किसानों की जमकर दुर्गति की है और इस दुर्गति का बदला किसान आने वाले चुनावों में भाजपा-जजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा कर लेगा

चंडीगढ़, 9 अक्तूबर। मुख्यमंत्री ने किसान कृषि मेले को राजनीतिक प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल कर ओछी राजनीति करने का उदाहरण पेश किया है। हमारे किसानों और गरीब जनता का दुर्भाग्य है कि प्रदेश में भाजपा-जजपा जैसे लुटेरों की सरकार है। भाजपा-जजपा ने अपने शासनकाल में किसानों की जमकर दुर्गति की है और इस दुर्गति का बदला किसान आने वाले चुनावों में भाजपा-जजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा कर लेगा।

इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) द्वारा हिसार में हर साल आयोजित किया जाने वाला कृषि मेला को भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा निजी वीआईपी कार्यक्रम बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुबह 7 बजे पहुंचे किसानों को दोपहर 1 बजे तक मेले में घुसने तक नहीं दिया गया जिस कारण से दूर-दूर से आए किसानों को चिलचिलाती धूप में घंटों तक भूखा और प्यासा खड़ा रहना पड़ा। जहां वीआईपी लोगों की आवभगत पर करोड़ों रूपए नाजायज पानी की तरह बहाए गए वहीं किसानों के लिए पीने के पानी की तक की भी सुविधा नहीं की गई। वहीं प्रमुख फसलों गेंहू की डब्लूएच 1270 और सरसों की आरएच 725 का बीज पहले दिन दो घंटों में ही समाप्त हो गया। जिससे साफ पता चलता है कि मिलीभगत करके उच्च गुणवत्ता के बीजों को प्राइवेट कंपनियों को ब्लैक में बेचा गया है। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जांच होने से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उच्च गुणवत्ता के बीज लेने की आस में आए अधिकतर किसानों को बीज तक नहीं मिला और जो थोड़े बहुत किसानों को बीज मिला उन्हें भी 20-20 किलो ही दिया गया। जब बीज ही उपलब्ध नहीं है तो तीन दिन के कृषि मेले का औचित्य ही खत्म हो गया।

इनेलो नेता ने कहा कि  पिछले 50 वर्षों से किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज और कृषि उत्पादन संबंधी जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती हैं और हर साल की तरह इस बार भी 13-14 सितंबर को किसान मेला आयोजित होना था, लेकिन मुख्यमंत्री ने कृषि मेले को चुनावी अखाड़ा बनाते हुए मेले की तारीख अपनी सुविधा के अनुसार 8, 9 और 10 अक्तूबर कर दी जिसके कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। किसानों की बर्बाद हो चुकी खरीफ फसल के कारण खेत को खाली करके रबी फसल समय पर बोने के लिए समय पर बीज की जरूरत थी क्योंकि फसल-चक्र मौसम और समय के अनुसार निर्धारित होता है, लेकिन भाजपा-जजपा की किसान विरोधी नीयत के कारण इस कृषि मेले को समय पर न करवा कर जानबूझ कर आगे टाला गया।

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