डॉक्टर्स समाज की सेवा को दें प्राथमिकता : राज्यपाल

– दीक्षांत समारोह में 7139 विद्यार्थियों को डिग्रियां व 19 मेडल वितरित

चंडीगढ़ , 6 अक्तूबर – हरियाणा के राज्यपाल एवं पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मेडिकल की डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे समाज की सेवा को प्राथमिकता दें। समाज प्रत्येक विद्यार्थी की शिक्षा पर प्रतिवर्ष  सरकारी मेडिकल कॉलेज में 11 लाख रुपये से अधिक की धनराशि खर्च कर रहा है। उन्होंने डॉक्टर को पृथ्वी पर दिखाई देने वाले भगवान की संज्ञा देते हुए कहा कि डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्र में जाकर लोगों की सेवा करें।

श्री बंडारू दत्तात्रेय रोहतक में  पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय  में तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि मेडिकल के 7139 विद्यार्थियों को डिग्रियां व 19 मेडल प्रदान करने के उपरांत संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से किया तथा विधिवत रूप से दीक्षांत समारोह के शुभारंभ की घोषणा की तथा विश्वविद्यालय की ई-स्मारिका का विमोचन किया। दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि स्थानीय लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर भी उपस्थित थे।

 राज्यपाल ने मेडल व डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके स्वर्ण भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स शोध की जानकारी से अपडेट रहे तथा आधुनिक तकनीक व उपकरणों का प्रयोग करते हुए रोगियों की सेवा भाव से ईलाज करें। ज्ञान सर्वश्रेष्ठ है तथा जीवन पर्यन्त विद्यार्थी बनकर ज्ञान अर्जित करते रहे। डॉक्टर रोगियों का जीवन बचाने का महान कार्य सेवा भाव के साथ करें।

श्री बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा उच्च कोटी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अनीता सक्सेना के नेतृत्व में छोटे बच्चों के हृदय रोग के उपचार में वृद्धि हुई है तथा अब बच्चों को हृदय रोग के ईलाज के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। विश्वविद्यालय में 200 बेड के शिशु कार्डियक भी शुरू किया जा रहा है। विश्वविद्यालय सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ तीसरे स्थान पर बना हुआ है तथा डेंटल कॉलेज ने भी 15वीं रैंक हासिल की है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा पर निजी कॉलेज में प्रत्येक विद्यार्थी पर प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये की राशि खर्च होती है, जबकि सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रत्येक विद्यार्थी पर प्रतिवर्ष 80 हजार रुपये खर्च होता है। सरकार द्वारा निरंतर चिकित्सा सेवाओं में इजाफा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में सरकार द्वारा अंग प्रत्यारोपण (किडनी व लीवर) का कार्य जल्द ही शुरू किया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत क्रियान्वित की जा रही है, जिसके तहत पात्र परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।

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