· ओबीसी महिलाओं को भी मिलना चाहिए आरक्षण, 2024 चुनाव से होनी चाहिए शुरुआत- हुड्डा· सरकार के जनसंवाद में जनता का रोष और कांग्रेस के जनमिलन में दिखता है जनता का जोश- हुड्डा· सरकार जल्द शुरू करे धान की खरीद, निर्यात पर लगी रोक भी हटाए- हुड्डा चंडीगढ़, 20 सितंबरः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से महिला आरक्षण की पक्षधर रही है। इसकी शुरुआत भी कांग्रेस ने ही की थी। इसलिए पार्टी ने संसद में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया गया है। लेकिन इसमें एससी-एसटी के साथ ओबीसी महिलाओं के आरक्षण का भी प्रावधान होना चाहिए। तभी इसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो पाएगा। साथ ही कांग्रेस की मांग है कि महिला आरक्षण को भविष्य पर टालने की बजाय 2024 चुनाव में ही लागू किया जाना चाहिए। अगर सरकार चाहे तो इसे आने वाले चुनाव में ही लागू किया जा सकता है। लेकिन 9 साल से सत्ता में रहते हुए बीजेपी ने इस दिशा में कोई कोशिश नहीं की, इससे उसकी मंशा स्पष्ट हो जाती है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को भी आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का हर वर्ग मौजूदा सरकार से नाराज है। क्योंकि, सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। इसीलिए सरकार के जनसंवाद कार्यक्रम में जनता अपने रोष का इजहार कर रही है। जबकि, कांग्रेस के कार्यक्रमों में जनता का भरपूर समर्थन और जोश देखने को मिल रहा है। जनसंपर्क के कार्यक्रमों की अगली कड़ी में 8 अक्टूबर को कांग्रेस का जींद में जन-मिलन समारोह होने जा रहा है। इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर सरकार से धान की खरीद शुरू करने और उसके निर्यात पर लगी रोक को हटाने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद शुरू नहीं होने के चलते किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही है। उन्हें एमएसपी से कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। बाढ़ की बर्बादी के बाद अब किसानों को सरकार की अनदेखी घाटा पहुंचा रही है। बीजेपी-जेजेपी कार्यकाल में प्रदेश के किसानों को ना एमएसपी मिल रही है और ना ही मुआवजा। यहीं वजह है कि प्रदेश का किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। आने वाले चुनाव में वह वोट की चोट से बीजेपी-जेजेपी को सबक सिखाने का काम करेगा। Post navigation साइक्लोथॉन के माध्यम से पहुंच रहा ‘ड्रग फ्री हरियाणा’ का संदेश महिला आरक्षण बिल पर अगर सरकार की मंशा सही है तो फिर 2029 तक इंतजार क्यों – दीपेंद्र हुड्डा