एक न्यूज चैनल के स्टिंग में नूंह के सीआईडी जिला पुलिस इंस्पेक्टर ने कैमरे पर कहा कि उन्होंने 7 से 10 दिन पहले ही सीआईडी-पुलिस विभाग को रिपोर्ट दे थी कि विहिप, बजरंग दल की शोभा यात्रा में नूंह में हिंसा, उपद्रव हो सकता है : विद्रोही
गृहमंत्री अनिल विज ने भी सार्वजनिक बयान दिया था कि उन्हे मुख्यमंत्री कार्यालय से सीआईडी से नूंह हिंसा का पूर्व में कोई इनपुट नही मिला और नूंह हिंसा की सूचना भी उन्हे 31 जुलाई को दोपहर 3 बजे पुलिस से मिलने की बजाय एक नागरिक से मिली थी : विद्रोही

12 अगस्त 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता सत्ता अहंकार में अब तो नूंह हिंसा पर मुख्यमंत्री, भाजपा सरकार, संघीयों पर सवाल उठाने पर टीवी डिबेट में ही पुलिस एफआईआर दर्ज करवाके जेल में डालने धमकियां देने लगे है। विद्रोही ने कहा कि शुक्रवार को सांय को एक डिबेट में भाजपा प्रवक्ता ने नूंह हिंसा में कांग्रेस विधायकों व कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाये और जब जवाब देने का मेरा नम्बर आया तब मैंनेे भाजपा को खुली चुनौती दी कि नूंह हिंसा में कांग्रेस विधायकों, नेताओं की भूमिका के साथ मुख्यमंत्री, भाजपा सरकार, प्रशासन व पुलिस की भूमिका की भी जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट सिटिंग जज की निगरानी में करवाने की हिम्मत करे और यदि कांग्रेस का कोई भी नेता हाईकोर्ट की जांच में दोषी पाये तो उसे कडी सजा मिले। मैंने साफ शब्दों में कहा कि एक न्यूज चैनल के स्टिंग में नूंह के सीआईडी जिला पुलिस इंस्पेक्टर ने कैमरे पर कहा कि उन्होंने 7 से 10 दिन पहले ही सीआईडी-पुलिस विभाग को रिपोर्ट दे थी कि विहिप, बजरंग दल की शोभा यात्रा में नूंह में हिंसा, उपद्रव हो सकता है। 

विद्रोही ने कहा कि चूंकि हरियाणा में सीआईडी विभाग मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के पास है और नूंह हिंसा के बाद गृहमंत्री अनिल विज ने भी सार्वजनिक बयान दिया था कि उन्हे मुख्यमंत्री कार्यालय से सीआईडी से नूंह हिंसा का पूर्व में कोई इनपुट नही मिला और नूंह हिंसा की सूचना भी उन्हे 31 जुलाई को दोपहर 3 बजे पुलिस से मिलने की बजाय एक नागरिक से मिली थी। नूंह जिला सीआईडी के इनपुट भेजने के दावे व गृहमंत्री को हिंसा का पूर्व इनपुट न मिलने व 31 जुलाई को दोपहर 3 बजे तक पुलिस द्वारा हिंसा की जानकारी न मिलने के सार्वजनिक बयान के आधार पर मैंने टीवी डिबेट में यह मुद्दा उठाया था कि इस सभी तथ्यों की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में हो ताकि मुख्यमंत्री की भूमिका के बारे में भी निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच हो सके। मेरी उक्त मांग पर भाजपा प्रवक्ता ने डिबेट में ही मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाके जेल में डलवाने की धमकी दी। 

विद्रोही ने कहा कि जब भाजपा के कांग्रेस पर लगाये जा रहे असंगत आरोपों का राजनीतिक जवाब देने पर भाजपा प्रवक्ता सत्ता बल पर जेल में डालने की धमकी देंगे तो सहज अनुमान लगा ले कि लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कितना बडा खतरा मंडरा रहा है। सवाल उठता है कि क्या भाजपा को ही कांग्रेस-विपक्ष पर मनमाने आरोप लगाने का अधिकार है? जब कांग्रेस-विपक्ष भाजपा के लगाये गए आरोपों का करारा जवाब दे तो क्या कांग्रेस प्रवक्ताओं को जेल में डालने की धमकी लोकतांत्रिक व उचित है? क्या नूंह दंगों में सीआईडी के कथित इनपुट होने की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री की भूमिका व कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं की हिंसा मामले में भूमिका की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में करवाने की मांग करना अपराध है? विद्रोही ने कहा कि जब भाजपा नेता टीवी डिबेट में खुलेआम कांग्रेस की आवाज दबाने के लिए जेल में डालने कीे धमकी दे सकते है तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बची कहां है?

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