वार्ता भी बेनतीजा रहने के बाद लिपिकों ने क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को तेज कर दिया
डीसी कार्यालय, रेवाड़ी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में जिले के विभिन्न विभागों के करीब 98 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल है

रेवाड़ी-27 जुलाई – लिपिक एसोसिएशन और सरकार के बीच बुधवार को हुई तीसरी वार्ता भी बेनतीजा रहने के बाद लिपिकों ने क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को तेज कर दिया है। पिछले 5 जुलाई से चल रही हड़ताल के 23वें दिन गुरूवार को विभिन्न विभागों के लिपिकीय कर्मचारी उग्र हो गए। क्रमिक भूख हड़ताल के छठें दिन 5 लिपिकीय वर्ग कर्मचारी इएसआई से हेमचंद शर्मा, शिक्षा विभाग से अरूण, चरण सिंह, राजेश कुमार व रोड़वेज से विजयपाल भूख हड़ताल पर बैठे और सरकार के खिलाफ कड़ा रोष प्रकट किया।

धरना स्थल पर पूरे जोश व उत्साह के साथ कर्मचारियों ने पूरे दिनभर हरियाणा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाकर सरकार के खिलाफ कड़ा रोष जताया। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार जानबूझकर आंदोलन को लंबा खींचना चाह रही है ताकि कर्मचारी थक हार कर हड़ताल खत्म कर दें। लेकिन अब कर्मचारियों ने भी ठान लिया है कि जब तक सरकार उनकी 35400 रूपये मूलवेतन की मांग को पूरा नहीं करती है तब तक वे आंदोलन में डटे रहेंगे और किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे।     

 मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के सभी डीसी से हड़ाताली कर्मचारियों के बारे मेें हॉल ही जो रिपोर्ट मांगी गई उसमें डीसी कार्यालय रेवाड़ी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में जिले के विभिन्न विभागों के करीब 98 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल में शामिल है। जो कि एकजुटता के साथ हड़ताल को मजबूती प्रदान कर रहे है।

लिपिक एसोसिएशन के जिला प्रधान विकास यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के साथ तीन बार वार्ता करने के बाद भी उनकी जायज मांग को पूरा करने के लिए टाल मटौल रवैया अपना रही है ताकि कर्मचारी हताश व निराश होकर आंदोलन से लौट जाये। लेकिन यह खुशी की बात है कि रेवाड़ी में लगभग शत-प्रतिशत लिपिकीय कर्मचारी अपने मान-सम्मान व हकों की लड़ाई के लिए हड़ताल में शामिल होकर शांतिपूर्वक तरीके से सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे है। उन्होेनें चेतावनी दी कि अब कर्मचारी उग्र होकर अपने आंदोलन को तेज करेंगे और अपनी जायज वेतनमान की मांग के पूरा नहीं किए जाने तक किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे। सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर जल्द से जल्द कर्मचारियों की 35400 रूपये मूलवेतन की मांग को पूरा करे, अन्यथा सरकार को इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों को एकजुट होकर संख्या बल बढ़ाते हुए मैदान में डटे रहने का आह्वान किया।     

कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि लिपिकों की मांगो को लेकर भले ही सरकार के साथ तीसरे दौर की वार्ता विफल रही है लेकिन अब पूरे प्रदेशभर में पिछले 23 दिनों से संघर्षत लिपिकीय कर्मचारी वर्ग अब अपनी मांगों को लेकर अब आर-पार के मूड में आ गया है। सरकार तीसरे दौर की वार्ता के बाद भी जानबूझकर कर्मचारी का शोषण करके उन्हें हताश व निराश कर रही है। हड़ताल के कारण पूरे प्रदेशभर में कार्यालयों के कार्य ठप्प होने से आमजन भी परेशान व बदहाल हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने विधायकों का तो मनमर्जी से मनचाहा वेतन बढ़ा लेती है। जबकि सबसे कमेरे वर्ग लिपिकों के साथ वेतनमान के मामले में पिछले कई दशकों से भेदभाव होता आ रहा है। ऐसे में सरकार को बिना कोई देरी किए कार्यसमीक्षा के आधार पर लिपिकों को 35400 रूपये का बेसिक वेतनमान लागू करना चाहिए।   

धरने में गुरूवार को रिटायर्ड डीईओ सुरेश गौरिया, डीसी कार्यालय के सहायक आजाद सिंह, योगेंद्र ढिल्लों, रामकुमार, लाजपत कौशिक, रामपाल बेनीवाल, कैलाशचंद, सत्यवान, कुलदीप सिंह, रितुराज, दुलीचंद, बिजेंद्र रंगा, ज्योति, हेमंत, राममेहर ने संबोधित करते हुए सरकार से अविलंब धरनारत लिपिकों के सम्मानजनक मूल वेतनमान 35400 रूपये की मांग को पूरा करने की अपील की।

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