अब हेलीमंडी नगर पालिका को पूर्ववत रखने की बुलंद हुई आवाज   
पंचायती धर्मशाला हेलीमंडी में व्यापारियों एवं गणमान्य लोगों की बैठक 
जौ तथा कासनी के व्यवसाय के लिए विख्यात अनाज मंडी हेलीमंडी  
पटौदी मंडी नगर परिषद में शामिल करने का बैठक में  हुआ विरोध
 1928 में पटौदी स्टेट ने नोटिफाइड एरिया के नाम से हेलीमंडी को बसाया  
सरकार को हेलीमंडी से मिलता है करोड़ों रुपए का राजस्व प्रति वर्ष         

फतह सिंह उजाला                                   

पटौदी 22 जुलाई । लो जी , हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र को एक बार फिर से हेलीमंडी नगर पालिका ही रखे जाने की आवाज जबरदस्त तरीके से बुलंद हुई है । हेली मंडी इलाके के प्रबुद्ध नागरिकों ,पूर्व पार्षदों और प्रतिष्ठित व्यापारियों का साफ-साफ कहना है कि नगर पालिका हेली मंडी को सरकार के द्वारा पटौदी मंडी नगर परिषद में समायोजित किया जाता है , तो हम सभी इसका विरोध करते हैं । 

इस संदर्भ में पंचायती धर्मशाला हेली मंडी में शनिवार को हेली मंडी क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया । इस बैठक में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा साफ-साफ कहा गया कि हेली मंडी अनाज मंडी की अपनी एक अलग पहचान अनाज के व्यवसाय के लिए संपूर्ण एशिया और विश्व में आज भी कायम है । हेली मंडी की स्थापना सन 1928 में की गई ,उस समय इसको पटौदी स्टेट में नोटिफाइड एरिया के नाम से बसाया था । उस समय स्टेट ने लगभग 30 एकड़ जमीन अपने अधीन करके हेली मंडी शहर को नक्शा बनाकर इसकी प्लाटिंग करके बसाया था । इस मौके पर मुख्य रूप से वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व पार्षद विनोद शर्मा, पूर्व पार्षद एवं व्यापारी द्वारका प्रसाद रूस्तगी, हेली मंडी व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष रमेश गर्ग सेठी, पूर्व पार्षद मदन लाल अग्रवाल, हेली मंडी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शिवकुमार शेष गुप्ता , प्रतिष्ठित व्यापारी कमल गोयल, हैप्पी जैन, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन अजय मंगला, पूर्व पार्षद नैनू शर्मा, राकेश जैन, बृजमोहन गोयल कोकी, मार्केट कमेटी पटौदी के पूर्व वाइस चेयरमैन श्याम लाल अग्रवाल सहित और भी अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे । 

गौरतलब है कि अतीत में हेली मंडी अनाज मंडी जौ के व्यवसाय के लिए पूरे एशिया में विख्यात रही  है। यही के प्रतिष्ठित व्यापारी के द्वारा जौ की बोली लगाने के बाद ही संपूर्ण एशिया की विभिन्न मंडियों में वही रेट विभिन्न मंडियों में  मान्य होता था । इतना ही नहीं कासनी जो कि वास्तव में पशु चारा और विभिन्न दवाइयों में काम आने वाला झाड़ी नुमा पौधा है , इसके बीज के व्यवसाय के लिए या खरीद-फरोख्त के लिए हेली मंडी अनाज मंडी पूरी दुनिया में एकमात्र मंडी है । अतीत में लाल मिर्च और मूंगफली चना इत्यादि के लिए भी हेली मंडी की जींस के व्यापार के लिए एक अलग ही पहचान रही है । इन्हीं सब बातों को देखते हुए बुजुर्गों के द्वारा हेली मंडी इलाके में बसने और व्यापार करने का फैसला किया गया । विभिन्न वक्ताओं के द्वारा बैठक में बताया गया कि हमारे बुजुर्गों और क्षेत्र के किसानों की मेहनत से यहां हेली मंडी की एक अलग ही पहचान कायम होने के साथ-साथ व्यापारी और किसान परिवारों के बीच कई पीढ़ियों का एक प्रकार से पारिवारिक रिश्ता बना चला आ रहा है ।   

 मौजूदा समय में हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र की लगभग 50000 जनसंख्या है । सरकार और शासन प्रशासन की गलत नीतियों के कारण समस्त नगरवासी परेशान है । करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया और केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत के द्वारा उद्घाटित हेली मंडी नगर पालिका का ऑफिस आज पूरी तरह से वीरान दिखाई देने लगा है । कथित रूप से ऑफिस को हेली मंडी से पटौदी शिफ्ट किया जा चुका है । ऐसे नहीं लोगों को अपने छोटे-मोटे काम करवाने के लिए अतिरिक्त पैसा खर्च करने के साथ कीमती समय बर्बाद कर पटौदी आवागमन करना पड़ता है।  इसी बैठक में खुलासा किया गया कि पटौदी के विधायक के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि पटौदी मंडी नगर परिषद का मुख्य कार्यालय हेली मंडी के नवनिर्मित पालिका कार्यालय में ही कार्यरत रहेगा, लेकिन ऐसा होता हुआ अब दिखाई नहीं दे रहा । इसी बैठक में समापन से पहले एक बार सामूहिक आवाज बुलंद की गई की हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र को पटौदी मंडी नगर परिषद के दायरे से बाहर रखा जाए । यदि सरकार ने जन भावना की अनदेखी करते हुए अपनी मनमानी कर तानाशाही तरीके से अपना फैसला थोपने का प्रयास किया तो सरकार की गलत नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

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