रैलियों में भीड़ जुटाने वाले नेताओं का बनाया जा रहा ‘रिपोर्ट कार्ड’
‘जानें अपने मंदिर’ : हरियाणा में वोटर्स को कैसे साधे रखेगी बीजेपी? विहिप की नई मुहिम ने बढ़ाई आशा

अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अभी से तैयारियों में जुट गई है. पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी विप्लब कुमार देब ने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर सांसदों के साथ वन-टू-वन बातचीत की. इस दौरान हरियाणा में हो रहीं रैलियों का फीडबैक लिया गया. साथ ही हरियाणा बीजेपी को हाईकमान से मिले नए टास्क के बारे में बताया गया. भाजपा की संसदीय क्षेत्रवार हो रही रैलियों में भीड़ नहीं जुटाने वाले और कोताही बरतने वाले नेताओं का ‘रिपोर्ट कार्ड’ तैयार हो रहा है. हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी खेमे की ओर से कई रणनीतिक प्लान तैयार किए गए हैं. बीजेपी के सहयोगी हिंदुत्ववादी संगठनों की भी इसमें अहम भूमिका दिख सकती है.

हरियाणा बीजेपी को 10 सीटों का टास्क

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हरियाणा में बीजेपी इस बार भी 2019 जैसा रिजल्ट लाने की तैयारी कर रही है. इसी के चलते भाजपा हाईकमान ने हरियाणा बीजेपी को सभी 10 सीटों का टास्क दिया है. क्योंकि पार्टी ने साल 2019 में भी सभी 10 सीटें जीती थीं, अब फिर से इन्हें जीतना है. हालांकि चर्चा ये भी है कि पार्टी कई सीटों पर नए चेहरे भी उतार सकती है, ताकि जीत की तैयारी में कोई कसर ना छुट सके. इसके लिए पार्टी की बैठकें जुलाई महीने में भी जारी रह सकती हैं.

सांसद-विधायकों से मांगा जा रही फीडबैक

फिलहाल पार्टी के प्रभारी योजनाओं को लेकर सांसदों के साथ मंथन करने में जुटे हुए हैं. हरियाणा व केंद्र सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं, उसमें किसी तरह के सुधार या कुछ बदलाव की तो जरूरत नहीं है. ऐसे करके पार्टी जनता से कनेक्ट रहना चाहती है, ताकि चुनाव के वक्त उसका फायदा मिल सके.

भाजपा अभी तक सात लोकसभा क्षेत्रों में रैलियां कर चुकी है. अम्बाला, हिसार और कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र की रैलियां अभी होनी हैं.सात रैलियों को लेकर पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने पूरा होमवर्क कर लिया है. ग्राउंड रिपोर्ट उनके पास है। इसके बाद भी उन्होंने सभी सांसदों से रैलियों को लेकर फीडबैक लिया है.

इस कड़ी में सोमवार को उन्होंने नई दिल्ली में हरियाणा भाजपा के सांसदों के साथ वन-टू-वन बातचीत की. अम्बाला से सांसद रहे रतनलाल कटारिया के निधन के बाद से यह सीट खाली है. कुरुक्षेत्र सांसद नायब सिंह सैनी निजी कारणों की वजह से इस बैठक में नहीं पहुंच सके. बताते हैं कि बाकी आठ गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़, रोहतक, सोनीपत, हिसार, सिरसा व करनाल के सांसदों ने बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की.

दूसरी ओर हर रैली की फीडबैक रिपोर्ट हाईकमान तक भेजी जा रही है. इस रिपोर्ट में सिर्फ सांसद ही नहीं, बल्कि विधायकों से भी पार्टी द्वारा रैलियों का फीडबैक मांगा जा रहा है. हरियाणा में भाजपा के 41 विधायक हैं. जिस विधानसभा सीट पर विधायक नहीं हैं, वहां से चुनाव लड़ चके पूर्व विधायकों से बातचीत कर जा रही है. इन रैलियों को लेकर जल्द बैठकों का आयोजन भी किया जाएगा.

सभी 10 सीटों पर जीत का लक्ष्य

2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. एक बार फिर सभी सीटों पर कमल खिलाने का लक्ष्य पार्टी ने रखा है. इसके लिए महाजनसंपर्क अभियान भी चलाया जा रहा है. रैलियों के साथ-साथ भाजपा के पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो रहे हैं. सांसदों से मुलाकात के दौरान कामयाब रैली करने वाले सांसदों को प्रभारी ने बधाई भी दी। उनसे स्थानीय विधायकों व वरिष्ठ नेताओं द्वारा रैली में जुटाई गई भीड़ पर भी फीडबैक लिया है.

सांसद दुग्गल से बैठक की शुरुआत

बिप्लब कुमार देब के साथ वन-टू-वन मीटिंग की शुरुआत सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल से हुई. सबसे पहले रैली भी उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र में हुई थी. सुनीता दुग्गल के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, रोहतक सांसद डॉ अरविंद शर्मा, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक, हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मुलाकात की. करीब एक-एक घंटा सांसदों के साथ विभिन्न मुद्दों पर मंथन हुआ है. बातचीत का यह दौर सुबह नौ बजे शुरू हुआ और देर रात तक जारी रहा.

हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर, पहलवानों के विरोध के प्रति सहानुभूति और किसान आंदोलन के कारण कुछ हद तक मोहभंग बीजेपी के लिए तीन प्रमुख चिंताएं बनी हुई हैं, लेकिन विहिप समर्थित एक परियोजना बिना शोर किए आकार ले रही है, ताकि पार्टी के परिचित डोमेन हिंदुत्व के मंदिरों पर सभी का ध्यान केंद्रित किया जा सके. इसी को लेकर एक कार्यक्रम की भी रूपरेखा तैयार कर चुकी है.

पूरे भारत में प्राचीन मंदिरों को खोजने के लिए काफी समय से एक प्रयास किया जा रहा है जो सदियों से गुमनामी में चले गए हैं. लोगों को उनके बारे में जागरूक किया जा रहा है. हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली पर इसमें खास ध्यान केंद्रित किया गया है. सूत्रों का कहना है कि दोनों केंद्र शासित प्रदेश हरियाणा से सटे हैं और बड़ी संख्या में राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं. इसी को लेकर बीजेपी और बीएचपी की साझा मौजूदगी में कार्यक्रम लांच किया जा सकता है जिसका नाम ‘जानें अपने मंदिर’ हो सकता है.

बीजेपी नेता और मंत्रियों की मौजूदगी में होगा लाॅन्च

इस मंगलवार को होने वाले लॉन्च इवेंट में बीजेपी और वीएचपी की मौजूदगी रहेगी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के हरियाणा प्रभारी बिप्लब देब करेंगे. मंगलवार के कार्यक्रम में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी शामिल होंगे. इसमें मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ मुखर रहे विहिप के महासचिव मिलिंद परांडे मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहेंगे. पानीपत के प्रेम मंदिर के प्रमुख श्रीकांत महाराज इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि होंगे.

बबीता फोगाट की भी रहेगी इसमें मौजूदगी

मिली जानकारी के मुताबिक पहलवानों के विरोध के बीच जो अनिवार्य रूप से एक स्पोर्ट्स बॉडी के प्रमुख जो बीजेपी सांसद भी हैं उनके खिलाफ लड़ाई के बाद इस कार्यक्रम के जरिए ध्यान बांटना भी इसका एक मकसद हो सकता है. इसमें पूर्व पहलवान बबीता फोगाट की मौजूदगी भी होगी, जिन्होंने अब तक सरकार का पक्ष लिया है. यह कार्यक्रम दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है, जहां भाजपा के कई हाई प्रोफाइल कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं.

‘जानें अपने मंदिर’ हो सकता है विहिप की मुहिम का नाम

हालांकि, कि मंदिर परियोजना का नेतृत्व कर रहे संजय मिश्रा ने इसे हरियाणा चुनाव से जोड़ने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘हमने हरियाणा से शुरुआत इसलिए की क्योंकि इसे देवताओं का घर माना जाता है. विश्व हिंदू परिषद द्वारा समर्थित इस परियोजना का नाम ‘जानें अपने मंदिर’ या ‘अपने मंदिरों को जानें’ रखा गया है. इस पहल से जुड़े लोगों का कहना है कि इस उद्देश्य के लिए एक वेबसाइट भी तैयार की जा रही है, जहां न केवल ऐसे मंदिरों के अतीत को पुनर्जीवित किया जाएगा बल्कि उनके इतिहास और वर्तमान स्थिति को बताने वाली एक वीडियो स्टोरी भी उपलब्ध होगी.

यह मंदिर हैं प्रमुख पहचान

इसमें चंडीगढ़ के पुराने शिव मंदिर के साथ साथ होडल के चमेली वन हनुमान मंदिर और नूंह के पांडव वन मंदिर जैसे हरियाणा के मंदिरों का विशेष उल्लेख मिलता है. इसके अलावा कनॉट प्लेस में 16 वीं शताब्दी के विश्वेश्वर मंदिर और दक्षिण दिल्ली में योगमाया मंदिर जैसे दिल्ली के मंदिरों को भी यहां जगह मिलती है.

error: Content is protected !!