हमारा देश पूर्व में सोने की चिडिय़ा रहा, हालांकि बीच में कठिन समय आया पर हमनें हर मुश्किल से पार पाया, मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक हमनें अपनी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, कला कीर्ति भवन में हुआ भगवान बिरसा मुण्डा नाटक का मंचन।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 2 मई : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कला अनेक रंगों में अपनी छटा हमेशा से बिखेरती रही है। एक कलाकार जब अपनी कला में डूबकर अपने अभिनय का प्रदर्शन करता है तो सही मायने में कलाकार अपनी कला के माध्यम से ही अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है। आजादी की लड़ाई में भी कलाकारों ने देश को आजाद करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। देश की आजादी से पहले कलाकारों द्वारा लोगों के मन में देशभक्ति का रंग भरने के लिए अनेक तरानों व नाटकों का सहयोग लिया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल देर सायं कला कीर्ति भवन में आजादी के अमृत महोत्सव काल के अवसर पर आयोजित नाटक बिरसा मुंडा के मंचन से पहले संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के भाजपा प्रभारी विप्लव देव ने कलाकारों से परिचय कर नाटक के मंचन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लंबे वक्त तक हमारे वनवासी नागरिकों के साथ धर्मान्तरण जैसी चुनौतियां आई, लेकिन देशवासियों ने ऐसी मुश्किलों पूरी ताकत के साथ सामना किया और देश संस्कृति को बचाने के लिए अपने प्राणों तक को न्यौछावर करने में नहीं घबराए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को एक दिशा में जोडऩे का काम किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर से लेकर राम मंदिर और काशी कॉरीडोर जैसे कार्यों पर केंद्र और राज्य सरकार आगे बढ़ रही हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर हरियाणा सरकार काम कर रही है और देश को फिर से विश्वगुरु बनाने के लिए आगे बढ़ रही है।

हरियाणा के भाजपा प्रभारी विप्लव देव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मंत्र को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल कार्य कर रहे है। इस प्रदेश में चहुमुखी विकास हुआ है और यहां की व्यक्तिगत आय डेढ़ लाख से 3 लाख पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया और इसी क्षेत्र से भगवान के रुप में पूजे जाने वाले बिरसा मुण्डा जैसे महान व्यक्तित्व से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलें, इस प्रकार के कार्य किए जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सही मायनों में गरीबों के असली मसीहा है।

नाटक भगवान बिरसा मुण्डा में अपने अभिनय के माध्यम से कलाकारों ने दिखाया कि झारखण्ड के उलिहातु में मुण्डा परिवार में बिरसा का जन्म होता हैै। लेकिन घर की हालत अच्छी न होने के कारण जन्म के बाद बिरसा अपने मामा के गांव चले जाते हैं। जहां बिरसा ईसाई धर्म प्रचारकों के संपर्क में आ जाते हैं। लेकिन ईसाई धर्मप्रचारकों द्वारा मुण्डा समुदाय को जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के कारण बिरसा नाराज हो जाते हैं और ईसाई धर्म त्याग देते हैं। इस बीच बिरसा के परिवार की स्थिति और खराब होनी शुरु हो जाती है, जिसके कारण बिरसा माता-पिता से दूर कंदेर गांव जाकर नौकरी कर लेता है। इसी दौरान बिरसा की भेंट आनंद पण्डा से होती है, जो हिंदू धर्म के बारे में जानकारी देते हैं। बिरसा अपने गांव वापिस आकर मुण्डा समुदाय को हिंदू संस्कृति के प्रति जागरुक करता है और ईसाइयों तथा अंग्रेजो के खिलाफ उलगुलान क्रांति का बिगुल बजा देता है। इससे ब्रिटीश कम्पनी घबरा जाती है और मुण्डा सहित उसके साथियों को गिरफ्तार कर लेती है। कुछ समय बाद बिरसा और उसके साथियों को रिहा कर दिया जाता है। तब बिरसा डोम्बारी पर्वत पर डेरा डालकर अंग्रेजो के खिलाफ उलगुलान जारी रखता है।
तब मुण्डा समुदाय से ही मुखबरी किए जाने के कारण अंग्रेजो द्वारा बिरसा को दोबारा पकड़ लिया जाता है और रांची जेल में डाल दिया जाता है। जहां बिरसा की मौत हो जाती है। नाटक में बिरसा का किरदार राजीव कुमार द्वारा निभाया गया। वहीं अन्य किरदारों में गौरव दीपक जांगड़ा, निकिता कौशिक, ज्योति बांकुरा, तुषार, पार्थ शर्मा, सुशील कुमार अभिनव, जतिन, साहिल खान, चंचल शर्मा, विशाल शर्मा, निखिल पारचा, लवी, सुनैना, लोकेश, विशाल ठाकुर, रजनीश भनौट, लालचंद ने भूमिका अदा की। अंत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

हरियाणा कला परिषद की ओर से संजय भसीन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा विशिष्ट अतिथि विप्लव देव को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर आभार जताया। इस अवसर पर थानेसर विधायक सुभाष सुधा, हरियाणा कला परिषद के अतिरिक्त निदेशक एवं ओएसडी गजेंद्र फौगाट, अतिरिक्त निदेशक नागेंद्र शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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