·        बेटियों की आवाज दबाने और आरोपी को बचाने में कौन-कौन लोग शामिल थे इस बात की जांच हो – दीपेंद्र हुड्डा

·        आरोपी तुरंत गिरफ्तार हो और सरकार उसे सभी पदों से बर्खास्त करे – दीपेंद्र हुड्डा

·        देश की बेटियां सिर्फ न्याय मांग रहीहम अपनी बहनों को अकेला नहीं पड़ने देंगे – दीपेंद्र हुड्डा

·        ऐसा लगता है सरकार ने कमेटियों का गठन आरोपी ब्रजभूषण को शरण और संरक्षण देने के लिये किया था – दीपेंद्र हुड्डा

·        3 महीने तक खेल मंत्रालय आरोपी को बचाने की कवायद क्यों करता रहा – दीपेंद्र हुड्डा

·        IOA अध्यक्ष को खिलाड़ियों के साथ खड़ा होना चाहिए था लेकिन वो आरोपी के साथ खड़ी हो गयीं – दीपेंद्र हुड्डा

·        खेलो इंडिया और बेटी बचाओ के नारे आज खोखले दिखायी दे रहे हैं- दीपेंद्र हुड्डा

·        बेटी की इज्जत सारे देश की इज्जत होती है- दीपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़, 29 अप्रैल। आज सुबह-सवेरे ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के साथ सांसद दीपेंद्र हुड्डा एक बार फिर दिल्ली के जंतर-मंतर स्थित धरनास्थल पर पहुंचे और खिलाड़ियों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया। उस वक्त वहाँ केवल खिलाड़ी ही मौजूद थे। इस दौरान प्रियंका गांधी और दीपेन्द्र हुड्डा ने काफी देर तक विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे अंतर्राष्ट्रीय खिलाडियों के बीच एकांत में बैठकर उनसे बात की, उनके दर्द को सुना और आश्वासन दिया कि बेटियों के संघर्ष में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह उनके साथ हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रियंका गांधी ने बड़ी बहन के नजरिये से धरने पर बैठी बेटियों की पीड़ा को महसूस किया। दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि हमारे चैंपियनों को सड़क पर अपनी ही सरकार के खिलाफ न्याय प्राप्ति के लिये भी दंगल लड़ना पड़ेगा। ‘खेलो इंडिया’ और ‘बेटी बचाओ’ के नारे आज खोखले दिखायी दे रहे हैं। देश की बेटियों को न्याय मिले ये भावना पूरे देश की है। बेटियों को न्याय दिलाने का मुद्दा राजनीति का मुद्दा नहीं बल्कि देशहित का मुद्दा है। न्याय की इस लड़ाई में हम अपनी बहनों को अकेला नहीं पड़ने देंगे, उनके साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।

इसके बाद कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पिछले 3 महीने में हुई सरकारी कार्रवाई से आरोपी व्यक्ति को बचाने की सरकार की नीयत पूरी तरह उजागर हो गयी। 3 महीने पहले जब खिलाड़ियों ने इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया था तो खेल मंत्रालय ने इसे रफा-दफा करने और आरोपी को संरक्षण देने की कवायद शुरू कर दी। उन्होंने सवाल किया कि 3 महीने तक भारत सरकार और खेल मंत्रालय द्वारा आरोपी को क्यों बचाया गया? सरकार के अंदर किस स्तर तक तार जुड़े हुए थे जो न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने का काम कर रहे थे। ये बात सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के माध्यम से देश के सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय में विलंब और सरकारी तंत्र द्वारा आरोपी को संरक्षण देने की नैतिक जिम्मेदारी से खेल मंत्री भी बच नहीं सकते। उनको भी देश के सामने आकर बताना चाहिए कि खिलाड़ियों को न्याय से क्यों वंचित किया गया।

उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा कमेटियों का गठन आरोपी ब्रजभूषण को शरण और संरक्षण देने के लिये किया गया था। उन्होंने काँग्रेस पार्टी की तरफ से मांग करी कि कुश्ती संघ के आरोपी अध्यक्ष, जिन पर 40 से अधिक मुकदमे संगीन धाराओं में चल रहे हैं, को दिल्ली पुलिस तुरंत गिरफ्तार करे साथ ही सरकार तुरंत उनको सभी पदों से बर्खास्त करे क्योंकि, उनके बाहर रहने से जांच प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्वयं खिलाड़ियों ने बताया है कि पीड़ित बेटियों और उनके परिवार पर दबाव बनाने के प्रयास किये गये। कोर्ट इस बात का संज्ञान ले। उन्होंने मांग करी कि बेटियों की आवाज दबाने और आरोपी को बचाने में कौन-कौन लोग शामिल थे इस बात की जांच हो। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यदि कोई ये सोचता है कि झूठी और निराधार बातें करके अपने गुनाहों को ढंक लेगा और हमें अपनी बेटियों के साथ खड़े होने से रोक लेगा तो वो गलतफहमी में है। हम बेटियों को न्याय दिलाने के लिये हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा द्वारा खिलाड़ियों पर अनुशासनहीनता और देश की छवि को ठेस पहुंचाने के आरोपों पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि खिलाड़ी सही हैं। देश को उम्मीद थी कि IOA अध्यक्ष देश के खिलाड़ियों के साथ खड़ी होंगी लेकिन वे आरोपी के साथ खड़ी हो गयीं। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा को अपने पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी किसी एक प्रदेश, जाति, धर्म का नहीं होता, वो सारे देश का होता है। बेटी की इज्जत सारे देश की इज्जत होती है। इसी प्रकार अपराधी की भी कोई जाति, धर्म या प्रदेश नहीं होता। अपराधी सिर्फ अपराधी होता है। 

दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के घर तक पूछताछ के नाम पर पहुंचने वाली दिल्ली पुलिस एक हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ बेटियों की शिकायत पर टस से मस नहीं हुई न ही एफआईआर दर्ज की। उन्होंने गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से भी स्पष्टीकरण देने की मांग की। दीपेंद्र हुड्डा ने प्रधान मंत्री से सवाल किया कि इंसाफ की गुहार लगा रहे खिलाड़ियों पर सरकार मौन क्यों हैं?

उन्होंने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा हरियाणा को निशाने पर लिये जाने पर घोर आपत्ति जताते हुए कहा कि हरियाणा ने किसी का क्या बिगाड़ा है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने पदक जीतकर देश के तिरंगे को ऊंचा करने और फौज में हमारे जवानों ने देश के दुश्मनों की छाती पर तिरंगे को गाड़ने का काम किया है। हरियाणा में कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय ‘पदक लाओ, पद पाओ’ से खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देकर आगे बढ़ाने की नीति, गांव-गांव में खेल स्टेडियम, हर स्कूल में स्पैट प्रतियोगिता और खिलाड़ियों को नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण देने की नीति की बदौलत हरियाणा के युवा हर तरह के खेलों में आगे आये, जो देश के लिये गौरव की बात है। इन नीतियों की बदौलत ही विगत ओलंपिक में अकेले हरियाणा के खिलाड़ियों ने आधे से ज्यादा पदक जीत कर देश की झोली में डाले। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिर्फ कुश्ती में ही नहीं बाकी खेलों में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का अच्छा प्रदर्शन रहा है। कॉमनवेल्थ खेलों में 39 में से 22 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे ओलंपिक हो, कॉमनवेल्थ खेल हों, एशियाई खेल हो हरियाणा के खिलाड़ियों ने हर स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

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