चंडीगढ़, 16-04-2023 – राज्य के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत्त शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली हेतु आज विभिन्न जिला मुख्यालयों पर हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के बैनर तले रोष मार्च में हिस्सा लिया I संघ प्रवक्ता डॉ. रवि शंकर ने इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा कि, “पुरानी पेंशन बहाली हेतु रविवार को राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों से हजारों की तादाद में शिक्षकों ने रोष मार्च में बढ़ चढ़ कर भाग लिया I” इस विषय में विस्तार से बात करते हुए संघ अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि, “पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के आह्वान पर हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के कंधे से कन्धा मिलाते हुए आज के रोष मार्च में भाग लियाI आज के रोष प्रदर्शन में संघ के उपाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार, महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान, संगठन सचिव डॉ. सुनील कुमार, सह-सचिव ज्योति दहिया एवं वित्त सचिव श्रीमती प्रियंका ने विभिन्न जिला मुख्यालयों पर रोष मार्च का नेतृत्व कियाI” ”उन्होंने बताया कि, “सरकार, पेंशन को एक इनाम समझ रही है। पेंशन नियोक्ता की मधुर इच्छा के आधार पर अनुग्रह की बात नहीं है। यह 1972 के नियमों के अधीन निहित है। पेंशन अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं है, बल्कि यह पिछली सेवा के लिए भुगतान है। यह उन लोगों को सामाजिक आर्थिक न्याय प्रदान करने वाला एक उपाय है, जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे दिनों में नियोक्ता के लिए लगातार इस आश्वासन पर कड़ी मेहनत की है कि उनके बुढ़ापे में उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।पुरानी पेंशन प्रत्येक कर्मचारी का कर्मसिद्ध अधिकार है और इसकी प्राप्ति हेतु किसी भी आन्दोलन से संघ पीछे नहीं हटेगा I “ संघ की महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान ने कहा कि, “पुरानी पेंशन समस्त कर्मचारियों का मूलभूत अधिकार है I अनेक राज्यों की सरकारें इसे लागु कर चुकी हैं और हरियाणा सरकार का इस विषय में संज्ञान न लिया जाना कर्मचारियों को आन्दोलन के पथ पर अग्रसर कर रहा हैI आज का रोष मार्च इसी का परिणाम हैI ” Post navigation हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन त्रिवार्षिक चुनाव की अधिसूचना जारी: पूनिया कचरे के डोर- टू- डोर कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन और प्रोसेसिंग के लिए एजेंसी को दिया गया कार्य