पलवल
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राष्ट्र के मौलिक सिद्धांत सर्वोपरि : नेहरू
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित हुआ सम्मेलन।
वाइस एडमिरल (रि.) रमन पुरी और लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) वीके चतुर्वेदी ने किया विद्यार्थियों को प्रेरित।
यूथ फॉर नेशन, एनएसएस और डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि राष्ट्र के मौलिक सिद्धांत सर्वोपरि हैं, लेकिन सदियों से हमारे सिद्धांतों पर प्रहार किया जा रहा है। हमारे आदर्शों और राष्ट्रीय नायकों के इतिहास को दबाया गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में देश के सामने राष्ट्रीय सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। श्री राज नेहरू सोमवार को विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित सम्मेलन में बोल रहे थे। यह आयोजन डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर और एनएसएस इकाई द्वारा यूथ फॉर नेशन के सहयोग से किया गया। इस मौके पर वाइस एडमिरल (रि.) रमन पुरी और लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) वीके चतुर्वेदी ने भी अपने विचारोत्तेजक उद्बोधन से विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कुलपति श्री राज नेहरू ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपने कर्तव्यों को पहचान कर राष्ट्रीय एकता में सबसे बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। देश के दुश्मन युवाओं को अपना निशाना बना रहे हैं। ड्रग्स के जरिए उन को भ्रमित करने के प्रयास हो रहे हैं। कुलपति श्री नेहरू ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों, लेकिन उनमें राह खोजने का आत्मविश्वास होना चाहिए। साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की बात कही। कुलपति श्री राज नेहरू ने शिक्षकों से भी आह्वान किया कि यदि शिक्षक अपनी मौलिक जिम्मेदारी को भूल गए शिक्षण को नवाचारी और रोजगारपरक नहीं बनाया तो कहीं ना कहीं यह भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है, क्योंकि युवाओं को सही दिशा देकर ही राष्ट्रीय सुरक्षा और समाज को मजबूत किया जा सकता है।
लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) वीके चतुर्वेदी ने कहा कि भारत सुदृढ़, सक्षम और स्वाभिमानी देश है। पूरी दुनिया में भारत की विश्वसनीयता बढ़ी है और भारत की नैतिकता शिखर पर है। यह ज्ञान वीरों और दान वीरों का देश है। ज्ञान हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) वीके चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता और देश की सुरक्षा में युवाओं को अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी। हमारे सामने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद-ए आजम भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे असंख्य स्वतंत्रता सेनानी बड़ी प्रेरणा हैं। स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर हम राष्ट्र की सुरक्षा और मजबूत कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने अपने वीर और वीरांगनाओं की कहानियां पढ़ने और इतिहास को जानने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसमें योगदान देगी और ज्ञान के आधार पर भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा।वाइस एडमिरल (रि.) रमन पुरी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर पल खतरा है। अब दुश्मनों ने तौर तरीके बदल लिए हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा और कई अन्य तरह की चुनौतियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। देश के तंत्र को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। युवाओं को हमारा असली इतिहास नहीं पढ़ाया गया। हमारा इतिहास बहुत गर्वीला है। युवा अपने असली नायकों को जाने, पहचाने और देश के लिए सोचना शुरू करें फिर हमें कोई भी चुनौती मात नहीं दे सकती।
इस अवसर पर यूथ फॉर नेशन की ओर से अरविंद त्रिपाठी ने कहा कि हमारा संगठन युवाओं में राष्ट्रीय भाव पैदा करने के लिए काम करता है। इसी कड़ी में युवाओं के बीच जाकर 200 से भी ज्यादा वक्ताओं के माध्यम से उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय की एसोसिएट डीन डॉ. सविता शर्मा ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया, जबकि सहायक प्रोफेसर डॉ. भावना रूपराई ने मंच संचालन किया। इससे पश्चात अतिथियों ने विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक लैब का अवलोकन किया और विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की सराहना की।
इस मौके पर यूथ फॉर नेशन की ओर से रमेश कौल, डीन प्रो. आशीष श्रीवास्तव, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. रणजीत सिंह, प्रो. संजय सिंह राठौड़, डॉ. श्रुति, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नकुल, डॉ. प्रीति, ओएसडी संजीव तायल और प्रवीण आर्य भी उपस्थित थे।