विधायक सुभाष सुधा ने किया उद्घाटन।
कलाकीर्ति भवन में झलके देश की संस्कृति के रंग, शिल्पकारों ने लगाई प्रदर्शनी।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र : किसी भी प्रदेश की संस्कृति तथा परम्पराओं की रक्षा प्रदेश के लोक कलाकार तथा शिल्पकार करते हैं। जहां एक ओर लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़े रखते हैं, वहीं प्रदेश के शिल्पकार अपनी हस्तशिल्पकला के द्वारा पारम्परिक तथा पुरातन धरोहर को आमजन तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य करते हैं। गांधी शिल्प बाजार के माध्यम से देशभर से आए सौ शिल्पकारों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी कुरुक्षेत्र के लिए गौरव का विषय है। ये कहना था थानेसर विधायक सुभाष सुधा का। ये शब्द उन्होंने कला कीर्ति भवन के परिसर में लगे गांधी शिल्प बाजार के उद्घाटन के दौरान कहे।

हरियाणा कला परिषद के कला कीर्ति भवन में हस्त शिल्प विकास आयुक्त वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार तथा महिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र सुडिया कुंआ, गोरखपुर के संयुक्त सहयोग से 10 दिवसीय गांधी शिल्प बाजार का बाजार का शुभारम्भ रविवार को विधायक सुभाष सुधा ने रिबन काटकर किया।

इस मौके पर हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय से सहायक निदेशक ए. के. मीणा, महिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र सुडिया कुंआ से शिल्पमेला के आयोजक कुंदन सिंह तथा हरियाणा कला परिषद के कार्यालय प्रभारी धर्मपाल गुगलानी ने पुष्पगुच्छ भेंटकर विधायक सुभाष सुधा का स्वागत किया, वहीं हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने आसाम का गामोछा अंगवस्त्र से विधायक का सम्मान किया। छह मार्च तक चलने वाले गांधी शिल्प बाजार में जहां समूचे भारत के 100 शिल्पकारों ने अपनी कृतियों की प्रदर्शनी लगाई, वहीं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के बहरुपिये कलाकार, राजस्थानी कच्ची घोड़ी तथा स्टिक वाक्कर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से पर्यटकों का मन मोहा। उद्घाटन अवसर पर विधायक सुभाष सुधा भी कलाकारों संग लोकवाद्ययंत्रों की स्वर लहरियों पर झूमने से स्वयं को नहीं रोक पाये।

इस मौके पर हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी एवं मेले के नोडल अधिकारी विकास शर्मा, ललित कला समन्वयक सीमा काम्बोज, रंगशाला प्रबंधक मनीष डोगरा, रजनीश भनौट, नीरज सेठी देवी दत्त, राजेश कुमार, सपना आदि उपस्थित रहे।

महिलाओं को भाया भागलपुर का सिल्क, बच्चों ने खरीदे खिलौने।
दस दिवसीय शिल्प मेले में उद्घाटन के बाद से ही स्थानीय लोगों का तांता लगा रहा। जयपुर के दाबू प्रिंट, चित्रकूट के खिलौने, कलकत्ता के फलावर, फिरोजाबाद का ग्लास, भागलपुर का सिल्क तथा बनारस की साड़ियों की दुकानों के साथ साथ आसाम के केन बेम्बों, गुजराज का हैंडी क्राफट, हरियाणा का टेराकोटा, आगरा का लैदर लोगों को अपनी ओर आर्कषित करने में कामयाब रहा। भागलपुर के सिल्क की दुकान पर जहां महिलाएं खरीदारी करती नजर आई वहीं बच्चों को खिलौने पसंद आए। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों ने संगीत की स्वर लहरियों पर जमकर नृत्य किया।

पेपरमैशी चित्र प्रदर्शनी और हैंण्डीक्राफट प्रदर्शनी ने बढ़ाई मेले की शोभा।
हरियाणा कला परिषद के सौजन्य से हिसार के कलाकार राजेश जांगड़ा द्वारा तैयार पेपरमैशी प्रदर्शनी तथा हैण्डीक्राफट प्रदर्शनी ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। ललित कला विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए स्कैच जहां लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे, वहीं पर्यटक मेले के दौरान ही अपने चित्र बनवाते नजर आए।

कला कीर्ति भवन के नामकरण दिवस पर 01 मार्च से शुरु होगा नाट्य रंग उत्सव।
हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी तथा दस दिवसीय मेले के नोडल अधिकारी विकास शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 फरवरी से शुरु हुए गांधी शिल्प मेला के साथ-साथ हरियाणा कला परिषद तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में छह दिवसीय नाट्य रंग उत्सव का भी कला कीर्ति भवन की माधव रंगशाला में आयोजन किया जाएगा। जिसमें 01 मार्च को कला कीर्ति भवन के नामकरण दिवस के अवसर पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला की ओर से मोहित कुमार व दल द्वारा पंजाबी लोक नृत्यों व गायकी पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। 02 मार्च को मण्डी हिमाचल प्रदेश से अयाज खान के निर्देशन में नाटक भगत सिंह की वापसी का मंचन होगा। इसके अलावा 3 मार्च को मध्यप्रदेश के कलाकारों द्वारा संदीप श्रीवास्तव के निर्देशन में नाटक निषादराज गुह, 4 मार्च को नैनीताल से सुभाष चंद्रा के निर्देशन में नाटक काली बर्फ, द डार्क वैली, 5 मार्च को हास्य नाटक पति गए री काठियावाड़ अजीत चैधरी के निर्देशन में स्पर्श नाट्य रंग दिल्ली के कलाकार प्रस्तुत करेंगे तथा नाट्य रंग उत्सव का समापन श्याम कुमार के निर्देशन में नाटक कुछ तुम कहो कुछ हम कहें से होगा। प्रतिदिन सायं साढ़े छह बजे से देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले कलाकारों के बेहतरीन नाटकों का मंचन कुरुक्षेत्रवासियों को देखने को मिलेगा।