अब उत्तर प्रदेश भी अपनाएगा हरियाणा की मुकदमेबाजी प्रबंधन प्रणाली 

इस प्रणाली के क्रियान्वयन को लेकर हरियाणा के उप महाधिवक्ता हिम्मत सिंह व एनआईसी के साइंटिस्ट अमित कुमार ट्रेनिंग देने लखनऊ गए

जम्मू, पंजाब समेत कई प्रदेश कर रहे अनुसरण, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2019 में की थी इस प्रणाली की शुरुआत 

चंडीगढ़, 29 दिसंबर – हरियाणा की मुकदमेबाजी प्रबंधन प्रणाली का देशभर में डंका बज रहा है। वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसकी शुरुआत की थी, तब से इस क्षेत्र में हरियाणा नंबर-1 है। जम्मू व पंजाब ने हरियाणा से इस प्रणाली को लेकर काम शुरू कर दिया है अब उत्तर प्रदेश सरकार भी इसे लागू करेगी।  उत्तर प्रदेश में सफ़लता पूर्वक इस प्रणाली के क्रियान्वयन को लेकर एडवोकेट जनरल कार्यालय हरियाणा से उप महाधिवक्ता हिम्मत सिंह व एनआईसी के साइंटिस्ट अमित कुमार ट्रेनिंग देने लखनऊ गए।

उत्तर प्रदेश सरकार इस सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करना चाहती है और क्रियान्वयन समिति में हरियाणा से दोनों सदस्यों को भी नियुक्त किया गया है।  चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिम्मत सिंह व अमित कुमार ने विस्तार से जानकारी दी। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 6 जनवरी, 2019 को विभागों, निगमों, बोर्डों और अन्य राज्य निकायों से संबंधित मामलों की स्थिति की निगरानी के लिए राज्य सरकार द्वारा डिजाइन और विकसित मुकदमेबाजी प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) का शुभारंभ किया था।

एलएमएस शुरू करने के बाद – वेबसाइट का यूआरएल http://lmshry.gov.in है। मुख्यमंत्री ने स्वयं इसकी कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया और अधिकारियों को अगले 30 दिनों के भीतर अपने संबंधित विभागों की अदालतों में लंबित मामलों के डेटा को सिस्टम में दर्ज करने का निर्देश दिया था। उन्होंने प्रशासनिक सचिवों को मामलों की बढ़ती संख्या के कारणों को जानने के लिए उनकी प्रकृति का अध्ययन और समीक्षा करने का भी निर्देश दिया था। योजना इतनी कारगर साबित हुई कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी सराहना की। 

हरियाणा के महाधिवक्ता, बलदेव राज महाजन ने बताया कि एलएमएस राज्य में सभी विभागों, बोर्डों और निगमों में एक सामान्य, एकीकृत वर्कफ़्लो आधारित प्रणाली है। एलएमएस के उपयोगकर्ता विभाग सिस्टम में अपने मामले दर्ज करते हैं। यह सॉफ्टवेयर विभिन्न विभागों से संबंधित मामलों के लिए डेटा निकालने के लिए उच्च न्यायालय के साथ एकीकृत है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के महाधिवक्ता का कार्यालय राज्य नोडल कार्यालय के रूप में काम करता है।

इस प्रणाली को ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी का उपयोग कर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, हरियाणा टीम के समन्वय से विकसित किया गया है। उपयोगकर्ताओं के कई स्तर हैं जो कार्य के दायरे की सीमा के अनुसार सिस्टम तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने बताया कि एलएमएस को एक विभाग में अदालती मामलों की मौजूदा मैनुअल प्रणाली के डेटा या सूचना प्रबंधन, अद्यतन, पुनर्प्राप्ति और प्रसंस्करण की समस्याओं को दूर करने के लिए विकसित किया गया है।

मामलों से निपटने के वेब आधारित केंद्रीकृत समाधान को एक बटन के क्लिक पर विभिन्न स्थानों पर डेटा के प्रसंस्करण और त्वरित पुनर्प्राप्ति पर संबंधित डेटा को संग्रहीत करने के उद्देश्यों के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है। इसके अलावा, अदालती मामलों की इस प्रणाली का डेटाबेस राज्य के सभी विभागों के बीच विभिन्न प्रकार के मामलों के एकीकरण, मॉडलिंग और विश्लेषण में मदद करता है।

मुख्य सचिव ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों को निर्देश जारी कर रखे हैं वे अपने-अपने विभागों का डेटा तुरंत एलएमएस में दर्ज कराएं और ऐसे निर्देशों के अनुपालन में  लाखों मामले सॉफ्टवेयर में दर्ज  हैं जो विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों, स्वायत्त निकायों और विश्वविद्यालयों से सम्बन्धित हैं।

 एलएमएस की विशेषताएं 

केंद्रीकृत डेटा इनपुट और प्रोसेसिंग, डेटा अपडेशन में आसानी, सूचना का प्रसारण और पुनर्प्राप्ति में डेटा भंडारण। 
इसी तरह, यह अदालती मामलों को कई विभागों, शाखाओं या उप-विभागों में चिह्नित करने में मदद करता है। सिस्टम प्रत्येक व्यक्तिगत विभाग प्रशासक या शाखाओं के साथ-साथ निगरानी करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए डैशबोर्ड रिपोर्ट देने में भी मदद करता है। निगरानी उद्देश्य के लिए इसमें एसएमएस और ईमेल सेवा एकीकृत है। सिस्टम में प्रत्येक विभाग द्वारा अवमानना मामलों की प्रविष्टि और निगरानी की सुविधा है। इसमें शिकायत, आवश्यकता, तकनीकी समस्या, सुझाव और पेपरबुक अनुरोध के लिए हेल्पडेस्क है।

बढ़ रही पारदर्शिता 
महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने कहा कि इस प्रणाली से विभागों में पारदर्शिता बढ़ी है, प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित हो रहा है और त्वरित न्याय देने में मदद मिल रही है। इसके अलावा, अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने, मुकदमेबाजी नीति के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और विभागों द्वारा या विभागों के दौरों की संख्या को कम करने में भी मदद मिल रही है। सुपर एडमिन (एजी ऑफिस यूजर), प्रत्येक विभाग के लिए डिपार्टमेंट एडमिनिस्ट्रेशन और ब्रांच लेवल यूजर सहित तीन प्रकार के उपयोगकर्ता हैं।

उन्होंने बताया कि हमारी इस प्रणाली को लेकर देशभर की सरकारों में उत्साह है और हम अन्य सरकारों की सहायता के लिए तत्पर हैं।

error: Content is protected !!