परिवार पहचान पत्र में सरकार की गलती से नागरिकों को भवष्यि में हो सकती है बड़ी परेशानी: अशोक बुवानीवाला

भिवानी। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्तता व अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेशाध्यक्ष ने परिवार पहचान पत्र में बड़ी खामी बताते हुए इसे आमजन को परेशान करने वाला कदम बताया है। अशोक बुवानीवाला ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में मिडल नाम का कोई विकल्प ही नहीं रखा गया है। जिन लोगो का मिडल नाम है उनको यह पत्र बनाने वाले लास्ट नाम के साथ लिखने को मजबूर हैं। श्री बुवानीवाला ने कहा कि सरकार के इस कदम के बाद सभी कार्य परिवार पहचान पत्र से होने लग गए है ऐसे में सरकार लोगो के मिडल व लास्ट नाम कैसे फर्क को समझ पायेगी ये बात सबकी समझ से परे है। वहीं मिडल व लास्ट नाम को एक साथ लिखने से लोगो को अपने पासपोर्ट व वीजा जैसी सुविधाएं बनवाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार की बड़ी गलती को तुंरत ठीक किया जाना चााहिए ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।

अशोक बुवानीवाला ने कहा कि जब शुरूआत में परिवार पहचान पत्र बनने शुरू हुए थे तबी से यह गलती सबके सामने आ रही है लेकिन सरकार व अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैँ। हम सरकार व प्रशासन से इस गलती को जल्द से जल्द ठीक कराने की मांग करते हैं। यदि कोई जागरूक सदस्य इस बारे में सरकार के द्वारा दिए गए टोल फ्री नम्बरों पर कॉल करके यह शिकायत दर्ज करवाता है या इस बारे में व्यापक जानकारी चाहता है तो वहां से कोई संतुष्टीजनक जवाब नहीं दिया जाता है। इसके बार सीएससी सैंटर वाले या ऑनलाइन परिवार पहचान पत्र दर्ज करने वाले लास्ट नाम के साथ ही मिडल नाम को जोडने पर मजबूर है।

अशोक बुवानीवाला ने कहा कि सरकार ने परिवार पहचान पत्र को ही प्रमुख पत्र या आईडी मानकार सभी सुविधाएं देनी शुरू कर दी है। वह सुविधा चाहे बुढ़ापा पैंशन की हो या फिर कोई अन्य लेकिन अन्य कागजातों में मिडल नाम होने और इसमें नहीं होने पर लोगों को परेशान होना पड़ सकता है।

काग्रेस नेता ने कहा कि इसके साथ ही इसके अंदर लोगों की आय को भी बडे पैमाने पर गलत दिखाया जा रहा है। लोग अपनी आय को व अन्य गलतियों को ठीक करवाने के लिए चक्कर लगा रहे है। कहने को तो सरकार ने गावों में कैंप भी लगाए है पर वहां कभी वेबसाइट नहीं चलती तो कभी नेटवर्क लोग लाइने लगाते है और वापिस सरकार को कोसकर घर आ जाते है।

पहचान पत्र परिवार से सम्बंधित कैंप लगाने के बावजूद भी पहचान पत्र परिवार में कोई समाधान नहीं हो रहा है। प्रदेश सरकार को इस इस मामले में हस्तक्षेप करके जिन, जिन गांवों में कैंप का आयोजन होता है उन गांवों में जिस अधिकारी की ड्यूटी होती है ग्रामीणों द्वारा अपनी शिकायत की जाती है इन कैंप एवं नाम ठीक करवाने आदि को लेकर अधिकारियों से बहस भी होती है। परिवार पहचान पत्र को लेकर अभी भी लोग दर, दर की ठोकरें खा रहे हैं। प्रशासन के लोग ईधर उधर घूमा रहे हैं। लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई गांवों में तो अभी तक कैंप का आयोजन भी नहीं हुआ है। केवल झूठी वाह वाही लूटी जा रही है। जब लोग अपना कार्य लेकर जाते हैं तो विभाग के अधिकारी बोलते हैं कि साईट बंद है।

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