ब्रह्मचारी ने मुख्यमंत्री के कुरुक्षेत्र की धार्मिक संस्थाओं में 23 नवम्बर को आगमन का धन्यवाद किया।
गीता जयंती महोत्सव 2022 के शुभारम्भ के लिए जयराम विद्यापीठ में उपायुक्त ने गाड़ा खूंटा।
जयराम विद्यापीठ में भगवान राम भक्त हनुमान का आहवान कर कुरुक्षेत्र के उपायुक्त ने खूंटा गाड़ किया गया गीता जयंती महोत्सव का शुभारम्भ।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न हुई पावन श्री गीता के जन्मोत्सव अवसर पर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ गीता जयंती महोत्सव 2022 का शुभारम्भ कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा एवं शाहाबाद के एस.डी.एम. कपिल शर्मा ने श्रद्धा, विश्वास और आस्था का खूंटा गाड़ कर किया। इसी के साथ विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों के लिए पूरे विधि विधान के साथ भगवान श्री रामभक्त हनुमान का आह्वान कर भूमि पूजन भी किया गया।

इस कार्यक्रम में विशेष तौर कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा के साथ स्वामी परमहंस ज्ञानेश्वर, सेवानिवृत एस.डी.एम. प्रेम चंद, जय भगवान शर्मा डी.डी., कुलवंत सैनी, श्रवण गुप्ता, के.के. कौशिक एडवोकेट, विजय सभरवाल, कृष्ण धमीजा, टेक सिंह, सुशील कंसल, ईश्वर गुप्ता, पवन गर्ग, के. सी. रंगा, पवन शर्मा पहलवान, सौरभ चौधरी, सुरेंद्र गुप्ता, महावीर गुड्डू, के. सी. रल्हन, एस. एन. गुप्ता, योगेश्वर जोशी, डी. के. गुप्ता, आचार्य सोमनाथ गौतम, राजेश सिंगला सहित अनेक राजनीतिज्ञ, संत महापुरुष, प्रशासनिक अधिकारी तथा भारी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु शामिल हुए।

परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने बताया कि उनके परम पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन प्रात: स्मरणीय देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से पिछले तीन दशक से हरवर्ष की भांति इस वर्ष भी गीता जयंती महोत्सव 2022 का आज के कार्यक्रम से शुभारम्भ हुआ है। उन्होंने विद्यापीठ की खूंटा गाड़ परम्परा के बारे में बताया कि भगवान श्री राम के प्रिय भक्त हनुमान का खूंटा गाड़कर आस्था और श्रद्धा से वीर हनुमान का आहवान कर प्रार्थना की जाती है कि गीता जयंती महोत्सव के सभी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न हों।

ब्रह्मचारी ने बताया कि इसी के साथ कामना की जाती है कि देश में सुख समृद्धि आए और देश का विकास हो। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ का लक्ष्य है कि भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकला गीता का संदेश पूरे विश्व के जन मानस तक पहुंचे। कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि विद्यापीठ में आयोजित कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों लोग शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्षों से गीता जयंती के अवसर पर सामूहिक विवाह समारोह एवं अन्य गतिविधियों से समाज के बहुत से लोगों का विद्यापीठ के माध्यम से कल्याण हो रहा है। गीता जयंती पूरे कुरुक्षेत्र के लोगों के लिए त्यौहार का अवसर है सभी को शामिल होना चाहिए।

आज विद्यापीठ में महाभारत की घटनाओं पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का लोकार्पण भी उपायुक्त ने किया। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि गीता पूरे विश्व का सबसे बड़ा ग्रंथ है। पूरी दुनिया के लोग इस को मानते हैं। उन्होंने कहा कि गीता जयंती के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल देश की राष्ट्रपति के समक्ष पहले हरियाणा में गीता जयंती पर अवकाश घोषित करें और फिर राष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती को मनाया जाए तो विश्व भर के लोग गीता को जानेंगे। ब्रह्मचारी ने कहा कि गीता सभी ग्रंथों की जननी है। गीता ने इस मानव समाज को बहुत कुछ दिया है। गीता तो जीने की कला सिखाती है। मरने की कला भी महाभारत सिखाती है। ब्रह्मचारी कहा कि उनका प्रयास है कि गीता घर घर में पहुंचे। हर बच्चे के दिल में गीता उतरे। गीता जयंती मनाने का उद्देश्य भी है कि कुरुक्षेत्र में हर तरह से विकास हो। ब्रह्मचारी ने मुख्यमंत्री के कुरुक्षेत्र की धार्मिक संस्थाओं में 23 नवम्बर को आगमन का धन्यवाद किया। उन्होंने मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत किया। पहले दिन से ही ऐसा होना चाहिए था।

ब्रह्मचारी ने कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में कोई संस्थाएं छोटी बड़ी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसी लिए सभी संस्थाओं का बराबर सम्मान होना चाहिए। केवल कुरुक्षेत्र और इसके तीर्थों का विकास चाहते हैं। ब्रह्मचारी ने कहा कि गीता जयंती महोत्सव एक त्यौहार की भांति है और यहां के लोग भी दीपोत्सव की भांति गीता जयंती महोत्सव का आयोजन करते हैं। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र के लोगों में विशेष प्रकार का उत्साह एवं उमंग रहती है। ब्रह्मचारी ने बताया कि विद्यापीठ में वर्षों से परम्परा रही है कि भगवान श्री राम भक्त हनुमान का पूजन एवं आहवान कर भूमि पूजन किया जाता है। ब्रह्मचारी ने बताया कि 26 नवम्बर को गीता जयंती के निर्विघन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान का आह्वान कर ध्वजारोहण होगा। सिंगला ने बताया जयराम विद्यापीठ के संस्थापक व परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के पूज्य प्रात: स्मरणीय ब्रह्मलीन गुरु देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से पिछले करीब चार दशकों से हर वर्ष 2 दिसम्बर को विद्यापीठ में मंदिरों की मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाता है। इस साल भी 2 दिसम्बर को विद्यापीठ में मंदिरों की मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा समारोह एवं विधिवत पूजन होगा। उन्होंने बताया 28 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक विद्यापीठ में राज्य स्तरीय अंतर विद्यालय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिताएं नए स्वरूप एवं नए अंदाज से आयोजित होंगी। इन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिताओं में विभिन्न जिलों के करीब 80 स्कूलों से 4 हजार से अधिक स्कूली विद्यार्थी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। यह बच्चे गीता से संबंधित श्लोकोच्चारण, गीता से संबंधित पेंटिंग, भजन व गीता से संबंधित कोरियोग्राफी इत्यादि विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे।

ब्रह्मचारी ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा, जिसमें कथा व्यास भागवत भास्कर आचार्य श्याम भाई ठाकर पोरबंदर गुजरात वाले होंगे। ब्रह्मचारी ने बताया कि कथा के शुभारंभ से पूर्व कथा स्थल तक भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि विशाल सामूहिक विवाह समारोह तथा हास्य कवि सम्मेलन 2 दिसम्बर को होगा। 4 दिसम्बर को गीता जयंती समारोह के समापन पर भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। गीता जयंती के अवसर पर ही 121 ब्रह्मचारियों द्वारा नियमित गीता पाठ तथा गीता यज्ञ होगा। ब्रह्मचारी ने कहा कि सभी संस्थाओं को बाहर निकल कर गीता जयंती महोत्सव को दीपावली उत्सव की भांति बनाएं। विद्यापीठ हर संभव सहयोग का प्रयास करेगी।

कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा विद्यापीठ में गीता जयंती 2022 के लिए खूंटा गाड़ते हुए साथ में अन्य।

कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा को माला डालते हुए जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, उपायुक्त शांतनु शर्मा को शाल डालने उपरांत स्मृति चिन्ह देते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी।

विद्यापीठ में गीता जयंती के लिए खूंटे की पूजा करते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं उपायुक्त व ब्रह्मचारी महाभारत कालीन प्रदर्शनी का लोकार्पण कर अवलोकन करते हुए।