पटौदी मंडी नगर परिषद बढ़ने के साथ डंपिंग यार्ड बन गया जंजाल

चारों तरफ आबादी के बीच डंपिंग यार्ड लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा

बीते 2 वर्ष से डंपिंग यार्ड सहित यहा पर कूड़ा डालने का विरोध जारी

मंगलवार परेशान लोगों द्वारा धरना देकर एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन

अनुसूचित बहुल आबादी के आसपास डंपिंग यार्ड बनाना कथित गैरकानूनी

फतह सिंह उजाला

हेली मंडी । एक तरफ तो सरकार और चुने हुए जनप्रतिनिधि हेली मंडी और पटौदी नगर पालिका को मिलाकर नवगठित मंडी नगर परिषद में आम जनमानस को बेहतर सुविधाएं सहित विकास के दावे करते आ रहे हैं । लेकिन जो पुरानी गंभीर समस्याएं हैं , उनके समाधान की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा ।

हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में मिर्जापुर रोड पर जयदेव कालोनी व बाबा हरदेवा कॉलोनी के निकट बनाया गया डंपिंग यार्ड स्टेशन बीते 2 वर्षों से विवादों का मुद्दा बना हुआ है । हालांकि इस संदर्भ में पटौदी क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी कह दे चुके हैं कि कथित रूप से अनुसूचित बहुल आबादी के आसपास कूड़ा करकट डालना या फिर डंपिंग यार्ड बनाना पूरी तरह से अनुचित और गैरकानूनी श्रेणी में ही माना जाता जा सकता है । यहां पर हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के अलावा गुरुग्राम नगर निगम से भी इको ग्रीन कंपनी के द्वारा कूड़ा करकट लाकर डालने और फेंकने के मामले सामने आ चुके हैं । इतना ही नहीं हेली मंडी नगरपालिका के विभिन्न 15 वाडो का सभी प्रकार का कूड़ा करकट भी यही लाकर फेंका जा रहा है ।

मंगलवार को आखिरकार बाबा हरदेवा कॉलोनी सहित आसपास की आवासीय बस्ती में रहने वाले सतीश कुमार , प्रदीप कुमार , रोशनी, शीला , शेखर भारद्वाज, सुशीला, सुनीता , विमला देवी, चेतन , वीरमति , ममता , नेहा , राजकुमार, विजय यादव, सनी, ममता , पूनम सहित अनेक लोगों का सब्र का बांध टूट गया । इसके उपरांत निवासी पटौदी सब डिवीजन कार्यालय परिसर पहुंचे और एसडीएम ऑफिस के बाहर सांकेतिक धरना देकर बैठ गए, इस दौरान परेशान नागरिकों के द्वारा नारेबाजी भी की गई। बाद में पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को डंपिंग यार्ड कूड़ा करकट डालने और यहां से फैलने वाली दुर्गंध सहित कूड़े करकट के कारण फैलने वाली बीमारियों से परेशान होकर नागरिकों के द्वारा एक ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि हेली मंडी मिर्जापुर रोड पर बनाए गए डंपिंग यार्ड में कूड़ा करकट डालना अविलंब बंद करवाया जाए। जिससे कि पर्यावरण शुद्ध रहे और यहां रहने वाले आसपास के लोगों को गंभीर बीमारियों से निजात मिल सके ।

पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को र्साैंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि हेली मंडी नगर पालिका के वार्ड नंबर 7 में जयदेव कॉलोनी पार्ट 2 तथा बाबा हरदेवा कॉलोनी जहां पर अधिकांश आबादी अनुसूचित वर्ग की है । उसी स्थान पर ही हेली मंडी पालिका प्रशासन द्वारा पूरे शहर का कूड़ा करकट लाकर डाला जा रहा है । इतना ही नहीं बीती 8 नवंबर को इको ग्रीन कंपनी के कूड़े करकट से भरे हुए ट्रक जोकि गुरुग्राम नगर निगम के तहत आते हैं , यहां पर कूड़ा करकट डालने के लिए जबरदस्ती भेज दिए गए। स्थानीय लोगों के द्वारा पुरजोर विरोध कर इको ग्रीन कंपनी के ट्रकों को लूटने के लिए मजबूर कर दिया गया । स्थानीय निवासियों के मुताबिक जिस स्थान पर डंपिंग यार्ड बनाया गया है , वह स्थान सही मायने में वर्ष 2001 में पर्यावरण के दृष्टिगत तरुण त्रिवेणी वन के तौर पर आरक्षित करते हुए यहां तरुण त्रिवेणी वन का उद्घाटन तत्कालीन डीसी अपूर्व कुमार सिंह के द्वारा किया गया था। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में पौधारोपण भी किया गया और यह क्षेत्रफल लगभग 2 एकड़ में निर्धारित किया गया था, जो कि तरुण त्रिवेणी के लिए पालिका प्रशासन के द्वारा ही निर्धारित किया गया था । वहीं सूत्रों के मुताबिक अनुसूचित वर्ग को दिए गए उनके कानूनी और मौलिक अधिकारों के मुताबिक तथा पर्यावरण विभाग सहित एनजीटी के दिशा निर्देशों के अनुसार किसी भी कस्बा अथवा शहर में अनुसूचित बहुल वर्ग की आबादी के आसपास में कूड़ा करकट डाल ना या फिर डंपिंग यार्ड बनाना पूरी तरह से अनुचित और गैरकानूनी श्रेणी में माना जा सकता है ।

इसी संदर्भ में लोगों के द्वारा बताया क्या है कि यहां डंपिंग यार्ड सहित कूड़ा करकट डालने का मामला जब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के संज्ञान में आया । उन्होंने भी मौके पर पहुंचकर डंपिंग यार्ड का जायजा लिया तथा इस डंपिंग यार्ड में जो भी कूड़ा करकट पड़ा हुआ था , उसे किसी अन्यत्र स्थान पर भिजवाने या डलवाने के निर्देश दिए गए थे । स्थानीय निवासियों की माने तो डंपिंग यार्ड में कूर्ड़े करकट के ढेर के कारण आसपास का पर्यावरण पूरी तरह से दूषित हो चुका है । लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इतना ही नहीं कूड़े करकट के कारण फैलने वाली दुर्गंध से श्वास, दमा, जी घबराना, उल्टी इत्यादि आना जैसी सामान्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । सबसे अधिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव छोटे मासूम बच्चों , पहले से ही विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों और गर्भवती महिलाओं पर अधिक हो रहा है । मामूली सी बरसात होते ही या फिर गर्मी के मौसम में यहां डंपिंग यार्ड के कूड़े करकट से फैलने वाली बदबू पूरी तरह से असहनीय हो जाती है ।

मौजूदा समय में हालात यह बने हुए हैं कि बीते करीब 1 सप्ताह से यहां डंपिंग यार्ड साइट पर कूड़ा करकट लेकर आने वाले वाहनों को स्थानीय निवासियों के द्वारा रोककर वापस लौटने के लिए मजबूर किया जा रहा है । इतना ही नहीं इस डंपिंग यार्ड साइट का मानेसर में स्थित प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड की टीम के द्वारा भी दौरा किया जा चुका है , फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा । परेशान नागरिकों का साफ-साफ कहना है कि मिर्जापुर रोड पर बनाए गए डंपिंग यार्ड में अब किसी भी प्रकार से कूड़ा करकट यहां लाकर नहीं डालने दिया जाएगा। आम आदमी का स्वस्थ रहना , उसका मौलिक और कानूनी अधिकार भी है । हेली मंडी के मिर्जापुर रोड पर बनाए गए डंपिंग यार्ड में जितना भी कूड़ा करकट इत्यादि पड़ा हुआ है , उसको यहां से उठाकर किसी भी अन्य डंपिंग यार्ड साइट पर अविलंब भिजवाने की भी मांग की गई है।

error: Content is protected !!