वार्ड नंबर 9 हॉट सीट….. … और जिला परिषद प्रमुख का भाग्य ईवीएम में हुआ कैद

जिला परिषद प्रमुख पद सहित वार्ड नंबर 9 एसी महिला के लिए आरक्षित

एससी-बीसी और अहीर मतदाताओं की रहेगी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका

भाजपा को वार्ड नंबर 9 हॉट सीट में मिल रही है जबरदस्त चुनौती

जिला परिषद प्रमुख विजेता का नाम हो सकता है बेहद चौंकाने वाला

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम/पटौदी । हरियाणा के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिला गुरुग्राम में जिला परिषद के लिए मतदान के साथ ही जिला परिषद प्रमुख के भाग्य का फैसला भी ईवीएम में मतदाताओं के द्वारा कैद कर दिया गया है । जिला परिषद के कुल 10 वार्ड में से वार्ड नंबर 9 पर सभी राजनीतिक दलों सहित बड़े नेताओं की नजरें टिकी हुई हैं  इसका यही कारण है कि वार्ड नंबर 9 से विजेता महिला उम्मीदवार ही जिला परिषद प्रमुख की कुर्सी पर बैठने की हकदार बनेगी ।

गौरतलब है कि जिला परिषद प्रमुख पद भी अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए ही आरक्षित है । वार्ड नंबर 9 में कुल 27 गांव के मतदाताओं के द्वारा अपने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया गया । यहां से मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अपने चुनाव चिन्ह पर मधु सारवान को उम्मीदवार बनाया गया है । इसके अलावा राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाली महिलाओं सहित अन्य महिलाएं भी चुनावी मैदान में मौजूद रही। बुधवार को मतदान संपन्न होने के बाद जिस प्रकार की चर्चाएं अचानक से गर्म हुई , उसमें यही इशारा दिया गया है कि जिला परिषद प्रमुख बनने वाले उम्मीदवार का नाम चौकाने वाला भी हो सकता है ? वार्ड नंबर 9 से भाजपा के उम्मीदवार को जबरदस्त टक्कर अन्य मुकाबिल उम्मीदवारों के द्वारा मिलती दिखाई दी है । यहां पर पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पर्ल चौधरी , पटौदी पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष दीपचंद की पुत्री दीपाली , पूर्व एमएलए रामवीर सिंह की पुत्रवधू अनू पटौदी सीधे राजनीतिक परिवारों से संबंध रखने वाली हैं । इनके अलावा इसी वार्ड से प्रीति रानी, राजबाला, शकुंतला, सुनील देवी और संगीता कुमारी के द्वारा भी जिला परिषद प्रमुख पद के लिए अपनी-अपनी दावेदारी समर्थकों और मतदाताओं के बीच रखी गई ।

वार्ड नंबर 9 एससी महिला वर्ग के लिए आरक्षित है , जहां से विजेता महिला ही जिला परिषद प्रमुख की कुर्सी पर बैठने की हकदार बनेगी । इस बारे में जातीय समीकरण को देखा जाए तो यहां पर एससी-बीसी और अहीर मतदाताओं की नया जिला परिषद प्रमुख चुनने में अहम भूमिका रहेगी । सूत्रों के मुताबिक वार्ड नंबर 9 में कुल 33622 मतदाता है , इनमें से अनुसूचित वर्ग के लगभग 8000 मतदाता , 12000 अहीर मतदाता, एससी अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल लगभग 4000 मतदाता, जाट समुदाय के लगभग 6000 मतदाता और अन्य वर्गों से लगभग 3000 मतदाता की संख्या बताई गई है । पटौदी खड की बात की जाए तो 114 बूथों पर सुबह 7 बजे से मतदान किया जाना आरंभ कर दिया गया था । एक-दो स्थानों पर मामूली कहासुनी की घटनाएं भी हुई , वहीं भाजपा उम्मीदवार के पैतृक गांव में ही मतदान केंद्र पर मुकाबिल प्रतिद्वंदी या उम्मीदवार के द्वारा चुनाव प्रक्रिया को लेकर अपनी नाराजगी सहित एतराज पटौदी के रिटर्निंग अधिकारी प्रदीप कुमार के समक्ष मौखिक रूप से दर्ज करवाया गया। चुनाव अधिकारी को बताया गया यहां पर एक उम्मीदवार विशेष या पार्टी विशेष का ही एजेंट अपनी दबंगई दिखाते हुए अकेला ही बूथ के अंदर बैठा रहा,  व अन्य को बाहर भेज दिया । मौके पर मौजूद चुनाव व्यवस्था को संचालित करने वाले अधिकारी भी खामोश ही रहे । इसी प्रकार से गांव रहनुमा में भी कुछ कहासुनी की जानकारी सामने आई है। इसी प्रकरण में पटौदी के रिटर्निंग ऑफिसर प्रदीप कुमार ने बताया खंड पटौदी में 114 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं । इनमें से बुधवार को मतदान आरंभ होने से पहले पोलिंग का डेमो करवाया गया । बूथ नंबर 41 डाडावास में और बूथ नंबर 68 बलेवा में ईवीएम में कुछ तकनीकी खराबी पाई गई , इस खराबी को देखते हुए बिना देरी किए दोनों स्थानों पर ईवीएम को बदल दिया गया ।

जिस प्रकार के रुझान चुनाव संपन्न होने के बाद सामने लोगों के द्वारा प्रकट किए जा रहे हैं , उसे देखते हुए जिला परिषद प्रमुख पद भाजपा के लिए लोहे के चने चबाने के बराबर हो सकता है । यहां तक चर्चाओं का बाजार गर्म है कि जिला परिषद प्रमुख पद पर बैठने वाले उम्मीदवार का नाम चौका सकता है और चेहरा भी पूरी तरह से कोई नया चेहरा ही हो सकता है । जिला परिषद प्रमुख पद के लिए मतदाताओं के द्वारा अपने-अपने पक्ष में मतदान करने सहित जीत की दावेदारी को लेकर लोगों के बीच हो रही चर्चाओं के मुताबिक वार्ड नंबर 9 में मुकाबला मुख्य रूप से पतंग, प्रेस और कमल के फूल के बीच ही आका गया है । इसके अलावा गैस सिलेंडर, जीप, अंगूठी ,मटका, वायुयान और जग के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं । लेकिन जो हकीकत है या जिस प्रकार का वोट का समर्थन चुनावी मैदान में उम्मीदवारों को प्राप्त हुआ , इसका एहसास मतदान के दौरान विभिन्न मतदान केंद्रों के दौरे सहित बीच-बीच में मिले जिला परिषद प्रमुख पद के दावेदार उम्मीदवारों के चेहरे पर साफ-सफ महसूस भी किया गया।

लोगों की चर्चा के मुताबिक जग के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली महिला उम्मीदवार के द्वारा पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले महिला उम्मीदवार सहित मतदान से 2 दिन पहले तक जबरदस्त तरीके से टक्कर में आए हुए महिला उम्मीदवार के वोट बैंक में अपने ही तरीके से सेंधमारी कर समीकरण को पेचीदा बना दिया गया । इसका सीधा नुकसान जिला परिषद प्रमुख पद के लिए पहले तीन उम्मीदवारों में से दो को अधिक होना आका जा रहा है । यह बात कहने में कतई भी संकोच नहीं है कि जिला परिषद प्रमुख पद के चुनाव परिणाम सहित चुनाव में उतारे गए महिला उम्मीदवार को देखते हुए सबसे अधिक बेचौनी सत्ता पक्ष की पार्टी भाजपा में ही महसूस की जा रही है । इसका मुख्य कारण भी 2 दिन पहले सामने आ चुका , जब पार्टी के नेताओं के द्वारा सार्वजनिक रूप से कहा गया कि उम्मीदवार के चेहरे को ना देखकर अब चुनाव में कमल का फूल ही उम्मीदवार है । इसके अलावा एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रावइद्र जीत सिंह यह कहते हुए वीडियो वायरल हुआ कि वह छोटे चुनाव में दखल नहीं देते , जो भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में है सभी को मेरा आशीर्वाद है । इसी प्रकार से पीएम मोदी का भी यह कहते वीडियो फैलाया गया, कमल के दवाये निशान से एक एक वोट सीधे मोदी को ही मिलेगा। इस प्रकार जो उम्मीदवार अपना चुनाव प्रचार अभियान राव इंद्रजीत सिंह का नाम लेकर चलाए हुए था, उस उम्मीदवार को अंतिम समय में इस वायरल वीडियो का बड़ा नुकसान होना आका जा रहा है । अब यह तो जब ईवीएम खुलेंगी और वोटों की गिनती होगी, 27 नवंबर को ही इस रहस्य से पर्दा उठ सकेगा कि जिला परिषद प्रमुख पद के लिए किस उम्मीदवार के नाम की लॉटरी निकलेगी । तब तक के लिए इंतजार करने के अलावा अन्य कोई विकल्प सामने नहीं बचा हुआ है ।

किसी प्रकार का चेहरे पर नही तनाव
वार्ड नंबर 9 में आरंभिक तीन प्रमुख दावेदार उम्मीदवारों में से दो महिला उम्मीदवार जिनमें पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी तथा पटोदी पंचायत समिति के अध्यक्ष रहे दीपचंद की पुत्री दीपाली एक बूथ पर एक साथ मौजूद मिली । एक दूसरे के परिवार और परिजनों के विषय में चर्चा की। दोनों में से किसी के भी चेहरे पर बिल्कुल भी किसी भी प्रकार का तनाव महसूस नहीं किया गया, कि चुनाव परिणाम को लेकर किसी भी प्रकार से बेचौनी उनके मन में बनी हुई हो। एक बूथ पर इन दोनों मुकाबिल उम्मीदवार पर्ल चौधरी तथा दीपाली चौधरी के द्वारा एक साथ फोटो खिंचवा कर स्वस्थ लोकतंत्र और प्रजातंत्र का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत किया गया ।

यह बात बेहद चौंकाने वाली महसूस हुई
इसी कड़ी में यह बात भी बेहद चौंकाने वाली महसूस हुई की भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मधु सारवान पोलिंग बूथ पर अकेले ही दिखाई दी । उनके साथ में अन्य कोई भी समर्थक या परिवार का सदस्य अथवा पार्टी का कोई कार्यकर्ता या पदाधिकारी दिखाई नहीं दिया। मधु सारवान से जब यह पूछा गया क्या उन्होंने अपना मतदान कर दिया ? मधु सारवान ने उंगली लगा स्याही का निशान दिखाते हुए बेहद सादगी के साथ बताया , उन्होंने अपना मतदान कर दिया है । इसी प्रकार से एक और अन्य चेहरा जिला परिषद प्रमुख पद की दावेदारी को लेकर जो चुनावी मैदान में रहा, वह पटौदी के पूर्व एमएलए रामवीर सिंह की पुत्रवधू अनु पटौदी है । उन्होंने भी अपने संबंधित बूथ पर पहुंचकर मतदान किया । जिस अंदाज में पहले दिन से उनके द्वारा चेहरे पर मुस्कान लेकर अपना चुनाव प्रचार अभियान आरंभ किया गया,  वही चेहरे पर मुस्कान मतदान करने के बाद भी दिखाई दी । अब देखना यह है कि आने वाली 27 नवंबर को जब ईवीएम में कैद जिला परिषद प्रमुख पद पर विराजमान होने वाले महिला उम्मीदवारों को मिले जनसमर्थन की गिनती होगी, तो उस गिनती में किस महिला उम्मीदवार का नाम जिला परिषद प्रमुख पद के लिए सामने आएगा। लेकिन इतना अवश्य है की मुख्य मुकाबला जन चर्चाओं के मुताबिक उड़ती हुई पतंग, गर्म प्रेस, और जग तथा गैस सिलेंडर के सिंबल वाले उम्मीदवार के बीच में ही बताया जा रहा है।

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