संडे को पचगांव में धर्म सिंह नंबरदार की अध्यक्षता में महापंचायत संपन्न 
मौके पर पहुंचे एसडीएम रविंद्र यादव ने दिया सीएम से मुलाकात का आश्वासन   
  किसानों की मांग1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण के दायरे से की जाए मुक्त 
 एचएसआईडीसी और सरकार को जमीन चाहिए तो 11 करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा   
 जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी का लगातार जारी धरना                           
संघर्ष कमेटी राष्ट्रपति और पीएम मोदी के नाम सौंप चुकी है अपने मांग पत्र             

 फतह सिंह उजाला 

   पचगांव / पटौदी । दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के साथ में मौजूद औद्योगिक क्षेत्र मानेसर नगर निगम और मानेसर सबडिवीजन के तहत आने वाले करीब आधा दर्जन गांवों के किसानों की पूर्व घोषणा के मुताबिक संडे को पचगांव चौक पर नंबरदार धर्म सिंह की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन किया गया । इस पंचायत में मुख्य रूप से किसान नेता सरदार गुरनाम सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय किसान यूनियन की महिला प्रदेश अध्यक्ष सुमन हुड्डा विशेष रुप से किसानों की मांग का समर्थन करने के लिए पहुंची । संडे को आसमान में छाए बादलों और लगातार रुक-रुक कर होती रही बरसात के बावजूद किसान और किसान परिवार की महिलाएं मजबूती के साथ पंचायत आज और आयोजन स्थल पर डटी रही । इस दौरान दो बार नेशनल हाईवे को जाम करने की महापंचायत के द्वारा शासन प्रशासन को चेतावनी दी गई । इसके बाद लगभग 2 बजे गुरुग्राम के एसडीएम रविंद्र यादव महापंचायत में बैठे किसानों के बीच पहुंचे , इसी मौके पर एसीपी मानेसर सुरेश कुमार भी विशेष रूप से मौजूद रहे ।                                                                                                                                                

अधिकारियों के यहां पहुंचने पर किसानों के द्वारा अपनी चिर परिचित मांग प्रशासन के समक्ष पुरजोर तरीके से रखी गई । जिसमें कहा गया कि सरकार और एचएसआईडीसी को यदि 1810 एकड़ और 1128 एकड़ जमीन कि इतनी ही अधिक जरूरत है , जिससे कि सरकार का काम नहीं चल सकता तो फिर सरकार को इस जमीन के बदले प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 11 करोड़ रुपए की दर से मुआवजे का भुगतान करना होगा। यहां शासन प्रशासन और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद  यह प्रस्ताव प्रशासन की तरफ से रखा गया कि 1 सप्ताह के अंदर एक बार फिर से किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधि मंडल की जमीन के मुद्दे को लेकर सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात अवश्य करवाई जाएगी । किसान प्रतिनिधि मंडल अपनी बात सीएम के समक्ष रख सकते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी साइबर सिटी गुरुग्राम में आगमन के मौके पर और चंडीगढ़ में भी किसान प्रतिनिधि मंडल और सीएम मनोहर लाल खट्टर के बीच जमीन के मुद्दे सहित मुआवजे के भुगतान या फिर संबंधित जमीन को अधिग्रहण के दायरे से मुक्त करने या फिर अन्य स्थानों की तरह रिलीज करने की मांग पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन इस मामले का कोई समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है । 

  इसी कड़ी में जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी के द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौपे गए ज्ञापन में इच्छा मृत्यु की भी इजाजत मांगने के साथ साथ , 2 दिन पहले भी पीएम मोदी के नाम पार्लियामेंट थाना प्रभारी को अपना मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा जा चुका है। अब ऐसे में एक बार फिर से पूरा मामला हरियाणा सरकार के मुखिया सीएम मनोहर लाल खट्टर के पाले में आता दिखाई दे रहा है । संडे की महापंचायत में मुख्य रूप से सत्यदेव रोहतास महिंद्र पटवारी प्रदीप एडवोकेट रोशन थानेदार राजवीर मानेसर सुरेंद्र प्रेमपाल रमेश प्रधान मुकेश कुमार मुकेश कुमार राजकुमार ओमकार सहित बड़ी संख्या में किसान परिवार की महिलाएं भी महापंचायत स्थल पर मौजूद रही। 

  गुरुग्राम प्रशासन के अधिकारियों और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष कमेटी के द्वारा एक बार फिर से शासन प्रशासन और हरियाणा सरकार सहित सीएम मनोहर लाल खट्टर के लिए कहा गया है कि 1 सप्ताह के अंदर होने वाली बातचीत में प्रभावित गांव सहारावन कासन कुकड़ोला फाजिल वास मोकलवास  पुखरपुर खरखड़ी बांसलंबी की 1810 और 1128 एकड़ जमीन के मामले का समाधान नहीं किया गया तो आगामी 30 अक्टूबर संडे को एक बार फिर से क्षेत्र के 72 गांव के किसान घमासान के लिए मजबूर होंगे। ऐसे मौके पर अपनी जमीन जो कि प्रभावित पीड़ित किसानों के लिए रोजगार जीवन यापन खेती-बाड़ी का एकमात्र अंतिम विकल्प बचा हुआ है उसे बचाने के लिए दिल्ली नेशनल जयपुर हाईवे को पूरी तरह से जाम करने का विकल्प भी खुला रखा गया है । 30 अक्टूबर का समय बीच में दीपावली का पर्व को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है । दूसरी और जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी के द्वारा मानेसर तहसील के समक्ष सवा 3 महीने से अधिक समय से अपना अनिश्चितकालीन धरना भी लगातार जारी है । 

अब देखना यह है कि प्रशासन के द्वारा दिए गए आश्वासन के मुताबिक एक बार फिर से सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ होने वाली बातचीत में क्या सरकार और एचएसआईडीसी किसानों की आरंभ से एक ही मांग जमीन को अधिग्रहण से मुक्त किया जाए या फिर प्रति एकड़ 11 करोड़ का मुआवजा उपलब्ध करवाया जाए । इस मुद्दे पर क्या कुछ फैसला लेकर आंदोलनरत किसानों को संतुष्ट कर सकेगी । लेकिन अभी तक का जो जमीन के मामले को लेकर चला आ रहा बातचीत का दौर और सिलसिला एक बार फिर से बातचीत के लिए आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है,  उस पुराने अनुभव के मुताबिक 1 सप्ताह के अंदर सीएम मनोहर लाल खट्टर से से होने वाली मुलाकात बातचीत में भी कोई समाधान निकाला जा सकेगा , इस बाद में भी आशंका बनी हुई है । अब देखना यह है कि आगामी 30 अक्टूबर को मानेसर क्षेत्र के 72 गांवों की प्रस्तावित किसान महापंचायत में कौन-कौन बड़े किसान चेहरे और नेता शामिल होकर किस प्रकार की रणनीति पर अमल करते हुए किसानों की मांग बनवाने के लिए कितना और किस प्रकार का जवाब हरियाणा सरकार सहित एचएसआईडीसी के ऊपर डालने में सफल रहे सकेंगे । कुल मिलाकर संडे को पचगांव चौक पर आहूत किसान महापंचायत शांतिपूर्वक संपन्न होने से भी जिला के नागरिक और पुलिस प्रशासन के द्वारा भी राहत की सांस ली गई है।                                                                                                                                                                 

  

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