-गुरूकुल आर्यनगर के वार्षिकोत्सव का दूसरा दिन-रविवार को कांग्रेस नेत्री कुमारी सैलजा होंगी मुख्यातिथि हिसार, 8 अक्टूबर। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए अच्छे गुरू और गुरूकुलीय शिक्षा पद्वति का जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। गुरूकुल आर्यनगर इस कसौटी पर खरा उतरा है और यहां से स्नातक कई लोग आज देश विदेश में अच्छे पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे है। गंगवा शनिवार को गुरूकुल आर्यनगर के वार्षिकोत्सव के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान गुरूकुल कार्यकारिणी की तरफ से मुख्यातिथि गंगवा को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। गुरूकुल शिक्षा पद्वति को आज के समय की जरूरत पर बल देते हुए मुख्यातिथि ने कहा कि आज समाज में चारों तरफ का माहौल पाश्चत्य संस्कृति के रंग में रंगीन सपने दिखाकर युवा पीढी को दिग्भ्रमित करने का कार्य हो रहा है। इसलिए गुरूकुलीय शिक्षा पद्वति और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि गुरूकुलों से एक संस्कारित नागरिक निकलता है जो देश व समाज के उत्थान में अपना अहम योगदान देता है। उन्होंने उपस्थित ब्रह्मचारियों से भी आह्वान किया कि वे गुरूकुल में ली गई शिक्षा व अनुभवों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर समाज की भलाई में अपना योगदान दें। कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योगपति पाला राम गनौर ने की तथा गुरुकुल को ढाई लाख रुपए अनुदान देने की घोषणा की। वेद प्रकाश आर्य, नागरमल गुरी एचआर ज्वैलर विशिष्ठ अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम के दौरान सांयकालीन सभा में बतौर मुख्यातिथि के तौर पर राजकुमार आर्य काठमंडी ने शिरकत की, जिनका कार्यकारिणी की ओर से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन यज्ञ में पधारे यजमानों का पुष्पमालाओं के साथ स्वागत किया गया। गुरूकुल के मंत्री एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री बहन कुमारी सैलजा कार्यक्रम में मुख्यातिथि होंगी। इसके साथ देशभर से कई विद्वान व महापुरूष कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। इस अवसर पर गुरूकुल के प्रधान स्वामी सुमेधानंद सरस्वती सांसद सीकर कार्यकारी प्रधान रामकुमार आर्य, मंत्री एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल, पाला राम गनौर, आचार्य रामस्वरूप शास्त्री मानद कुलपति, मुख्याधिष्ठाता मानसिंह पाठक, कर्नल ओमप्रकाश एडवोकेट, संरक्षक राजकुमार आर्य काठमंडी, स्वामी सांतानंद,अभिमन्यु, इंद्रदेव शास्त्री,सुरेश कुमार शास्त्री प्रबंधक, दीपकुमार आर्य,आचार्य देवपाल शास्त्री, रमेश कुमार शास्त्री, परमोद योगार्थी, कर्नल ओमप्रकाश, रामफल वर्मा, शेर सिंह किरतान, सीता राम आर्य, सत्यवर्त आर्य, जगतपाल शास्त्री, गणेश शास्त्री, कृष्ण आर्य नगर, फकीर चंद आर्य नगर, हिमांशु आर्य खोवाल, समाजसेवी अरूण तिवारी, संजय डालमिया, डॉ केके वर्मा, राधेश्याम महला, गौरव, स्वेता शर्मा एडवोकेट, गौरव टूटेजा एडवोकेट, तरुण जैन सहित गुरूकुल कार्यकारिणी के सभी सदस्य व गुरूकुल के ब्रह्मचारी मौजूद थे। Post navigation मंडी आदमपुर का घमासान ……. आदिपुरुष : क्रिएटिव लिबर्टी के बहाने, आस्था पर निशाने