मुख्यमंत्री ने खुद संभाली थी कमान, वैक्शीन उपलब्ध करवाने के लिए केंद्रीय मंत्री से की थी मुलाकात वैक्शीनेशन के बाद प्रदेश में घटी लम्पी स्किन बीमारी से प्रभावित पशुओं की संख्या चंडीगढ़, 21 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में प्रदेश के 17 लाख 35 हजार गौवंश पशुधन का लम्पी वैक्शीनेशन पूरा किया जा चुका है। हरियाणा ने दूसरे राज्यों की अपेक्षा तेजी से इस वैक्शीनेशन कार्य को पूरा किया है। इस वजह से अब प्रदेश में लम्पी स्किन बीमारी से प्रभावित पशुओं की संख्या में भी एकदम कमी आई है। गौरतलब है कि अब वही गौवंश पशुधन वैक्शीनेशन से बचा है जिनकी आयु चार महीने से कम है या इस लम्पी बीमारी से प्रभावित है क्योंकि इन दोनों ही स्थिति में पशु का वैक्सीनेशन नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बीमारी की शुरूआत में ही लम्पी स्किन बीमारी से बचने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। उन्होंने स्वंय हर दिन बीमारी से जुड़े आंकड़ों का अध्ययन किया और पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाकर रखी। उनके निर्देश पर मुख्य सचिव ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए और प्रदेश में इस बीमारी पर काबू पाया गया। केंद्रीय मंत्री से बात कर 20 लाख वैक्शीनेशन डोज का किया इंतजाम मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने लम्पी स्किन बीमारी को लेकर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला से बात की। उनके प्रयासों से ही प्रदेश को 20 लाख डोज वैक्शीन मिल पाई। इसी वजह से वैक्शीनेशन कार्यक्रम को तेजी से चलाया गया। इसके अतिरिक्त प्रभावित पशुओं की सुरक्षा के लिए विभाग ने दवाईयों की व्यवस्था की। धारा-144 लगने से पशुओं की आवाजाही कम हुई और बीमारी का प्रसार घटा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के आदेश के बाद प्रदेश में धारा-144 लगाई गई। पशुओं की आवाजाही को एक जिले से दूसरे जिले और राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई। इसके बाद लम्पी स्किन बीमारी का प्रसार घटा। मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए थे। इसी का असर है, जो दूसरे प्रदेशों से इस बीमारी से प्रभावित पशु नहीं आ सके। मक्खियों व मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग के आदेश मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मक्खियों व मच्छरों की रोकथाम के लिए सभी गऊशालाओं में फॉगिंग के आदेश दिए थे। इसके बाद से पूरे प्रदेश की गऊशालाओं में फॉगिंग करवाई गई। इसके अतिरिक्त बीमारी से मृत हो चुके पशुओं को जिला प्रशासन द्वारा गड्ढे खोदकर दफनाया गया। इससे भी बीमारी के फैलाव में कमी आई। हर जिले को 7-7 लाख रुपये की दी गई थी अतिरिक्त राशि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हर जिले को वैक्शीन खरीदने के लिए 7-7 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी गई थी। इसके साथ-साथ पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को मुख्यमंत्री ने तेजी से वैक्शीनेशन करने के निर्देश दिए थे। प्रदेश के 1 हजार 42 पशुपालन अस्पतालों के सभी डॉक्टरों ने इस वैक्शीनेशन को पूरा किया। अब जो भी गौवंश 4 महीने से ऊपर हो रहा है, उसका वैक्शीनेशन किया जा रहा है। Post navigation लोगों की मांग के मुताबिक बाढ़ड़ा और बादली को फिर दिया जाए पंचायत का दर्जा – हुड्डा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की युवा पीढी नौकरी खोजने वाली नहीं, रोजगार देने वाली बनेगी : राज्यपाल बंडारू दतात्रेय