परिवार पहचान पत्र बना अन्तोदय को सफल बनाने में अहम दस्तावेज

मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की सफलता लाभार्थियों की जुबान से 

चण्डीगढ़, 9  सिंतबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के दर्शन पर काम करने की सोच को आज एक बड़ी सफलता देखने को मिली जब मुख्यमंत्री अंत्योदय  परिवार उत्थान योजना से स्वरोजगारी बने समाज की पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्तियों ने अपनी सफलता की कहानी अपनी ही जुबान से सुनाई। 

मुख्यमंत्री ने इस योजना के प्रभाव पर संकलित ‘‘सफलता की कहानियाँ’’ नामक पुस्तिका को विमोचित किया तो उनका कहना था कि यह पुस्तक गरीबी पर काबू पाने में अंत्योदय परिवारों के संघर्षों और चुनौतियों से पाठकों को अवगत करवाएगी। मुख्यमंत्री का मानना है कि गरीब से गरीब व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कराहट लाना ही उनका राजनीति का लक्ष्य है। 

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा उपलब्ध आंकड़ों को सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा संकलित पुस्तक में योजना के लाभपात्रों की सफलता की कहानी में भिवानी की 19 वर्षीय मोनिका ने अपने पिता की मृत्यु के तुरंत बाद एक छोटी डेयरी इकाई शुरू करके अपने परिवार की जिम्मेदारी ली। इसीप्रकार, बेरोजगारी से जूझ रहे अंबाला के अमनप्रीत ने अपना कॉमन सर्विस सेंटर शुरू किया और नौकरी तलाशने वाले से एंटरप्रेन्योर बन गए। यमुनानगर की एक विधवा, प्रवीण कुमारी ने अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए अपने घर पर ही सिलाई का कार्य शुरू किया। 

इन सभी लोगों के बीच एक सामान्य बात यह है कि वे हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की एक अनूठी मिशन योजना मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के लाभार्थी हैं। नवंबर 2021 से शुरू हुई इस योजना के अब जमीनी स्तर परिणाम आने लगे हैं। 

प्रदेश में पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के जीवनस्तर को ऊपर उठाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की गई। योजना के तहत वास्तविक जरूरतमंद व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘परिवार पहचान-पत्र पोर्टल’ के माध्यम से ऐसे परिवारों की पहचान की गई, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये से कम है उनकी आय को 1.8 लाख रुपये तक बढ़ाने तथा उन्हें ऋण प्रदान करने, कौशल-विकास और रोजगार सृजन योजनाओं से जोडक़र उन्हें स्वरोजगारपरक बनाना है। 

इसके लिए हरियाणा के सभी 22 जिलों में तीन चरणों में कुल 861 अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों का आयोजन किया गया है। मेलों के लिए चिह्नित एवं आमंत्रित किए गए  3,35,344 लाभार्थियों में से 1,36,130 लाभार्थी मेलों में उपस्थित हुए और विभिन्न ऋण आधारित योजनाओं, कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार सृजन योजनाओं के तहत 76,454 लाभार्थियों के आवेदन सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत किए गए और 32,743 लाभार्थियों के ऋण स्वीकृत किए गए, जिनमें से 14,000 लाभार्थियों को ऋण वितरित भी किये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 436 लाभार्थियों को निजी रोजग़ार से जोड़ा गया और 1185 लाभार्थियों को कौशल विकास प्रदान किया गया है। इसके अलावा, 908 लाभार्थियों ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अनुबंध आधार पर नौकरियां पक्की करने में सफल रहे हैं।

इस योजना की सबसे अनूठी विशेषताओं में से एक विशेषता यह है कि यह पूर्ण रूप से परिवार के समग्र उत्थान पर केंद्रित है। इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू ‘अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों’ का आयोजन है। इन मेलों के माध्यम से लाभार्थियों को विभाग/संगठन, बैंक और जिला प्रशासन द्वारा एक ही स्थान पर सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। 

‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ में अब तक 18 विभागों की 49 योजनाओं को जोड़ा गया है और कोई भी व्यक्तिhttps://parivarutthan.haryana.gov.in पोर्टल पर इन योजनाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है।
पुस्तक में 37 लाभपात्रों की सफलता की कहानियों का उन्हीं की जुबान से वर्णन है जिसमें जिला अम्बाला से अमनप्रीत, कंवरजीत सिंह व श्रीमती रूपा बिचुकले; भिवानी से मोनिका व बबली; चरखी दादरी से सुदेश कुमारी; फरीदाबाद से उदय वीर व आरती; फतेहाबाद से हरजीत सिंह, गुरुग्राम से अनीता व पूजा; हिसार से रिंकू व परशुराम; झज्जर से कृष्णन व राजबीर; जींद से संगीता व सुरेन्द्र सिंह; कैथल से विक्रम; करनाल से अमित गुढ़ा;  कुरुक्षेत्र से जीतो देवी, कृष्णा रानी व कृष्णन कुमार; महेन्दगढ़ से अविनाश; नूंह से नजीर अहमद; पलवल से मिथलेश; पंचकूला से संतोषकुमारी व प्रिंस; पानीपत से रानी व चंचल कुमार; रेवाड़ी से इंद्रा सैनी व रश्मि; रोहतक से सुनीता व सतीश; सिरसा से राम निवास व सविता रानी; सोनीपत से सुनील तथा यमुनानगर जिले से प्रवीण कुमारी शामिल हैं।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने 10 जिलों में हरियाणा प्रगति रैलियों के माध्यम से ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ के इन्हीं लाभपात्रों को अपने कर कमलों से ऋण पत्र वितरित  किए थे जो उनकी अंत्योदय की भावना के साथ गरीब से गरीब व्यक्ति को आगे बढ़ाने की सोच को चरितार्थ करता है। इसके अलावा, पुस्तक में अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों की प्रमुख झलकियां को भी चित्रों के साथ दर्शाया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी.एस.ढेसी, प्रधान सचिव श्री वी.ऊमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव व सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के उप-अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री के. एम.पांडुरंग,मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के मिशन निदेशक श्री मनदीप सिंह बराड़, अतिरिक्त मिशन निदेशक श्रीमती रूचि सिंह बेदी, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री अमन कुमार व अन्य वरिष्ठï अधिकारी भी उपस्थित थे। 

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