जिन टीचर का हुआ तबादला, जाने से पहले स्टूडेंट बनाए प्रतिनिधि
विद्यालय से ग्यारह पी.जी.टी व चार टी.जी.टी अध्यापको का तबादला
राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय फर्रूखनगर में बनी एक नई मिसाल

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय फर्रूखनगर से अध्यापकों की सामान्य तबादला नीति के अंतर्गत विद्यालय में से ग्यारह पी.जी.टी और चार टी.जी.टी तबादला होकर अपने-अपने मनपसंद स्कूलों में कार्यग्रहण कर चुके हैं। इससे पहले भी विद्यालय में चार पी.जी.टी और एक टी.जी.टी की पोस्ट काफी समय से रिक्त पड़ी हुई है। वर्तमान में मॉडल संस्कृति विद्यालय में अब कुल पंद्रह पी.जी.टी और पांँच टी.जी.टी के पद रिक्त हैं। ऐसी परिस्थिति किसी को भी परेशान कर दें।

परन्तु ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी प्राचार्य जितेंद्र यादव विद्यार्थियों के हित में डटे हुए हैं और उन्होंने एक अनूठी पहल की हुई है। यहाँ से तबादला होकर विदा होने वाले सभी अध्यापक साथियों से निवेदन किया था कि वे जाने से पहले अपनी-अपनी कक्षाओं में अपने-अपने प्रतिनिधि के रूप में छात्र-छात्राओं को तैयार करेंगे। ताकि जब तक विभाग की नीति और नियमानुसार मॉडल संस्कृति विद्यालय में अध्यापक नहीं आ जाते हैं तब तक ये छात्र -छात्राएं अपने-अपने फेवरेट अध्यापक का रोल मॉडल प्रतिनिधित्व करते हुए नियमित रूप से प्रत्येक दिन अपनी-अपनी कक्षाओं में अध्यापन का कार्य सुचारू रूप से करवाएंगे। प्राचार्य जितेंद्र यादव ने ठान रखा है कि हम इस चुनौती का सामना करते हुए अवश्य पार पाएंगे और उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे इस मुहिम में अपने सहपाठियों को पूर्ण सहयोग दें। वे नियमित रूप से विद्यालय में आएं। उन्होंने इस संदर्भ में साफ साफ निर्देश दिया हुआ है कि विद्यार्थियों के पढ़ने-पढ़ाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

विद्यालय में प्रत्येक दिन अध्यापक के प्रतिनिधि के रूप में काम करने वाले छात्र-छात्राएं अपने विषय से संबंधित तैयारी करके आते हैं और नियमित रूप से वे अपने सहपाठियों को पढ़ा रहे हैं। इस विद्यालय में लगभग सभी कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड लगे हुए हैं और प्राचार्य ने पहले ही विद्यालय की सभी कक्षाओं को वाई-फाई से जुड़वा रखा है। इस गम्भीर और चुनौतीपूर्ण समय में उन डिजिटलीकरण का भरपूर उपयोग किया जा रहा है और आवश्यकता अनुसार विद्यार्थियों को विषय से संबंधित शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के लिए जरूरी वीडियो भी दिखाई जा रही हैं। इसी दौरान इसी विद्यालय के खेल मैदान पर पहली बार हो रहें खण्ड स्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिता का उद्घाटन करने खण्ड शिक्षा अधिकारी रणधीर सिंह आएं तो उन्होंने देखा कि प्राचार्य जितेंद्र यादव और विद्यार्थियों ने विद्यालय में बिना अध्यापकों के भी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से चलाया हुआ है, तो वे अचंभित हुए और सभी की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

ये छात्र बने अपनी कक्षा के प्रतिनिधि
प्राचार्य जितेंद्र यादव के नेतृत्व में सभी कक्षाएं नियमित रूप से लग रही हैं । अध्यापक की भूमिका में कार्य कर रहे हैं छात्र-छात्राओं के नाम इस प्रकार हैं – कक्षा नौवीं- प्रीत,चाहत,आस्था,हिमेश , कक्षा दसवीं -निशा,प्रिया, राहुल, हर्ष, विकास,समीर,
कक्षा ग्यारहवीं -दिव्या, किरण,लोकेश,सचिन, नितिन,गौरव,मोहित , कक्षा बारहवीं -दिप्ति, खुशी,मुकेश,हंसराज, दीपक।

सच्चे अध्यापक बनकर कार्य करेंगे
शिक्षक दिवस पर तो विशेष आयोजन था कि सभी छात्र -छात्राएं अपने प्रिय अध्यापक की तरह तैयार होकर अध्यापन कार्य करवायें। प्राचार्य जितेंद्र यादव ने इस अवसर पर सभी को अध्यापक दिवस की बहुत-बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएं दी और कहा कि हम डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बताए मार्ग पर चलकर समाज और देश के लिए समर्पित भाव से काम करेंगे और सही अर्थों में सच्चे अध्यापक बनकर कार्य करेंगे। यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वास्तव में प्राचार्य जितेंद्र यादव की आँखें भर आईं जब उन्होंने यह मंजर देखा कि उनके होनहार विद्यार्थी न केवल अध्यापक दिवस वाले दिन रोल प्ले कर रहे हैं बल्कि विद्यालय को हुई अध्यापकों की इतनी बड़ी क्षति की भरपाई प्रतिदिन अध्यापन की तैयारी करके स्वयं अध्यापक की भूमिका निभाकर कर रहे हैं द्य उन्होंने अपने समस्त विद्यार्थियों और अध्यापक का कार्य कर रहे विशिष्ट विद्यार्थियों को विशेष रूप से बधाई दी।

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