खट्टर सरकार का कदम एक सुनियोजित रणनीति के तहत शिक्षा का भगवाकरण का कुप्रयास : विद्रोही

हरियाणा में रिटायर्ड शिक्षकों व प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर भर्ती करने की बजाय बाहर के शिक्षको को क्यों लगाया जो रहा है। विद्रोही
पिछडेे वर्ग के शिक्षक 45 प्रतिशत न्यूनतम अंकों के आधार पर शिक्षक भर्ती हुए, उन पर पै-ग्रेड, एसीपी के लिए 50 प्रतिशत अंकों की प्राथमिकता करना गैरसंवै़द्यानिक ही नही अपितु पिछडे वर्ग के प्रति भेदभाव व द्वेषपूर्ण व्यवहार का जींवत प्रमाण है। जो पिछडा वर्ग का शिक्षक परीक्षाओं में 45 प्रतिशत अनिवार्यता के साथ भर्ती हुए, उनके अब 50 प्रतिशत अंक कहा से आएंगे? विद्रोही
प्रदेश में लगभग 2 लाख बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हो तब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली 40 हजार पदों की नियमित भर्ती क्यों नही की जा रही और नियमित भर्ती होने तक बाहर के रिटायर्ड संघी पृष्ठभूमि के शिक्षकों को रखने की बजाय प्रदेश के बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षकों को अनुबंध रोजगार देने को प्राथमिकता क्यों नही दी जा रही? विद्रोही

2 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार सत्ता दुरूपयोग से हरियाणा की शिक्षा का भगवाकरण करने व पिछडे, दलित वर्ग के शिक्षकों एवं छात्रों को शिक्षा से बाहर करने का षडयंत्र रच रही है। विद्रोही ने सवाल किया कि जो पिछडेे वर्ग के शिक्षक 45 प्रतिशत न्यूनतम अंकों के आधार पर शिक्षक भर्ती हुए, उन पर पै-ग्रेड, एसीपी के लिए 50 प्रतिशत अंकों की प्राथमिकता करना गैरसंवै़द्यानिक ही नही अपितु पिछडे वर्ग के प्रति भेदभाव व द्वेषपूर्ण व्यवहार का जींवत प्रमाण है। जो पिछडा वर्ग का शिक्षक परीक्षाओं में 45 प्रतिशत अनिवार्यता के साथ भर्ती हुए, उनके अब 50 प्रतिशत अंक कहा से आएंगे? और जब उनके 50 प्रतिशत अंक ही नही तो उन्हे पै-ग्रेड, एसीपी नही मिलेगी, यह नियम भेदभाव व द्वेषपूर्ण नही तो क्या है? भाजपा खट्टर सरकार को पिछडे वर्ग से इतनी घृणा क्यों है? उनके आरक्षण पर भी कटौती और नौकरी मिलने पर पहले से मिल रहे अधिकारों पर भी कटौती। पिछडे वर्ग का सोचना होगी कि आखिर वे मनुवादी संघी सोच की सरकार को समर्थन देकर अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाडी मारने को क्यों उतारू है? 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि विभिन्न स्तर के स्कूलों में शिक्षकों के 40 हजार रिक्त पदों को सीधी भर्ती से भरने की बजाय हरियाणा से बाहर के राज्यों के रिटायर्ड शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर भर्ती करने की योजना के पीछे दो लक्ष्य है। पहला चोर दरवाजे से पिछडे, दलितों के आरक्षणे को शिक्षक भर्ती में खत्म करना व दूसरा पूरे उत्तर भारत में संघी पृष्ठभूमि से जुड़े रिटायर्ड शिक्षकों को अनुबंध आधार पर भर्ती करके सुनियोजित ढंग से प्रदेश की शिक्षा का भगवाकरण करना व रिटायर्ड हो चुके संघी शिक्षकों को फिर से रोजगार देना। सवाल उठता है कि यदि सरकार को तत्काल आवश्यकता के लिए रिटायर्ड शिक्षकों की भर्ती स्कूली छात्रों के कथित हितों के कारण करनी पड़ रही है तो हरियाणा में रिटायर्ड शिक्षकों व प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर भर्ती करने की बजाय बाहर के शिक्षको को क्यों लगाया जो रहा है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा खट्टर सरकार का यह कदम एक सुनियोजित रणनीति के तहत शिक्षा का भगवाकरण का कुप्रयास है। जब प्रदेश बेरोजगारी में पूरे देश में नम्बर वन हो चुका है। अपने राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की बजाय बाहर के रिटायर्ड शिक्षकों को अनुबंध आधार पर नौकरी देना शिक्षा का भगवाकरणे करने का षडयंत्र नही तो क्या है? 

विद्रोही ने कहा कि प्रदेश में लगभग 2 लाख बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हो तब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली 40 हजार पदों की नियमित भर्ती क्यों नही की जा रही और नियमित भर्ती होने तक बाहर के रिटायर्ड संघी पृष्ठभूमि के शिक्षकों को रखने की बजाय प्रदेश के बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षकों को अनुबंध रोजगार देने को प्राथमिकता क्यों नही दी जा रही? 

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