चण्डीगढ,13 जून:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा,वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान सुरेश लाठर, महासचिव संजय गुलाटी, उप-महासचिव विमल शर्मा ग्योंग, कैशियर अशोक कुमार, आडिटर चन्द्रभान सोलंकी,चेयरमैन गुरदीप सिंह व कानूनी सलाहकार गगनदीप सिंह ढिल्लो ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए आरोप लगाया है कि परिवहन निदेशक के पास कर्मचारियों से मिलने व उनकी समस्या सुनने का का समय नहीं है और उन्हे मिलने के लिए पहले अप्वायमैन्ट लेनी पङती है। लेकिन बिचौलियों के लिए कोई पाबन्दी नहीं है जो सुबह से लेकर शाम तक परिवहन निदेशक की साथ वाली कुर्सी पर विराजमान रहते हैं।

उन्होंन बताया कि कुछ चापलूस किस्म के लोग पत्रकारिता के नाम पर निजी ट्रांसपोर्टर्स व परिवहन अधिकारियों के बीच सांठगांठ करके बिचौलिए का काम कर रहे हैं। परिवहन के उच्च अधिकारियों ने निजी आपरेटर को मनमानी करने की खुली छूट दे रखी है। अगर कोई डिपो महाप्रबंधक मनमानी के खिलाफ उचित कार्यवाही करने का प्रयास करता है तो परिवहन निदेशक द्वारा उन्हे निलंबित या मुख्यालय में बैठाने का काम किया जाता है। निजि संचालकों को प्रत्येक महिने 9,000 किलोमीटर की बजाय 12,000 किलोमीटर करने की छूट भी सांठगांठ का ही परिणाम है जबकि एग्रीमेंट प्रति माह सिर्फ 9,000 किलोमीटर करने का हुआ था। कोई भी निजी आपरेटर हुए एग्रीमेंट के तहत किसी भी हिदायत को पुरा नहीं कर रहे। मिलीभगत के कारण परिवहन अधिकारियों का निजी ट्रांसपोर्टर्स पर कोई नियंत्रण नहीं है।

उन्होंन बताया कि निजी ट्रांसपोर्टर्स की मनमानी के खिलाफ अगर कोई रोङवेज कर्मचारी या युनियन नेता बोलने की हिम्मत जुटाता है तो उसके साथ सरेआम मारपीट की जाती है और हमारे अधिकारी मुकदर्शक बनकर बैठे रहते हैं तथा अपने कर्मचारी का पक्ष लेने की बजाय निजी आपरेटर का पक्ष लेकर रोङवेज कर्मचारी व युनियन नेताओं के तबादले व निलंबित करने का काम करते हैं। आज रोङवेज का कर्मचारी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है तथा यह नहीं समझ पा रहा कि परिवहन अधिकारी उनके अपने हैं या निजी ट्रांसपोर्टर्स के।

इसका मुख्य उदाहरण पंचकूला डिपो है जहां पर परिवहन के उच्च अधिकारियों से मिलीभगत के कारण निजी आपरेटर ने सभी हिदायतें ताक पर रखी हुई हैं। कोई भी बस अपने निर्धारित रूट तक नहीं जा रही तथा अवैध मार्गो पर चल रही हैं। बस स्टैंड पर पूर्ण रूप से अपना कब्जा जमा रखा है तथा और भी बहुत सी अनियमतांए बरती जा रही हैं। निजी संचालकों द्वारा बरती जा रही सभी अनियमताओं को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन को शिकायत भेजकर जांच करवाने की मांग की है। अब देखना यह है कि इस शिकायत पर कितना अमल होता है। अगर अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन ने इस पर कोई उचित कार्यवाही नहीं की तो यह शिकायत परिवहन मन्त्री व मुख्य मन्त्री जी को भेजकर जांच करवाने की मांग की जायेगी।

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