चण्डीगढ, 9जून:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा,वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान सुरेश लाठर, महासचिव संजय गुलाटी,उप- महासचिव विमल शर्मा ग्योंग, कैशियर अशोक कुमार,आडिटर चन्द्रभान सोलंकी व पवन कुमार संहारण ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए आरोप लगाया है कि चहेतों के इशारे पर परिवहन निदेशक ने एक द्वेष भावना के तहत युनियन नेताओं को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। युनियन प्रतिनिधिमंडल जल्दी ही परिवहन निदेशक से मिलकर अपना विरोध जतायेगा। अगर फिर भी मसला हल नहीं हुआ तो परिवहन निदेशक के खिलाफ सीधा मोर्चा खोला जायेगा।

प्रान्तीय प्रधान दोदवा ने बताया कि रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन ने 8 जून को गुरूग्राम में डिपो कमेटी का गठन किया था,जिसमें डिपो के सैंकङो कर्मचारी शामिल हुए थे,जो परिवहन निदेशक व उनके चहेतों को रास नहीं आ रहा। संगठन के बढते ग्राफ से परिवहन अधिकारियों के साथ-साथ अन्य कर्मचारी संगठनो में भी बेचैनी बढ गई है। इसीलिए परिवहन निदेशक अपने चहेतों के इशारे पर युनियन नेताओं के आदेश इधर-उधर करके एक खोप पैदा कर रहे हैं ताकि भयभीत होकर कर्मचारी संगठन में शामिल न हों। लेकिन कर्मचारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं है और भय व्याप्त होने की बजाय कर्मचारियों में एक उत्साह है तथा भारी तादाद में कर्मचारी संगठन में शामिल हो रहे हैं।

दोदवा ने बताया कि कल गुरूग्राम डिपो में संगठन में शामिल हुए कर्मचारियों की भारी संख्या से बोखलाकर परिवहन अधिकारियों ने युनियन नेता राज्य के वरिष्ठ उप-प्रधान सुरेश लाठर व सोनी कम्बोज करनाल डिपो, राज्य के आडिटर व चण्डीगढ डिपो के प्रधान चन्द्रभान सोलंकी तथा गुरूग्राम डिपो के प्रधान पवन कुमार संहारण के आदेश मार्ग डयूटी के कर दिए हैं जबकि उनसे जूनियर कर्मचारी कार्यालय व अन्यों सीटों पर बैठे हुए हैं।

मुख्यालय ने खुद आदेश पारित किए थे कि जूनियर कर्मचारी मार्ग पर तथा सिनियर कर्मचारी अन्य सीटों पर कार्य करेंगे लेकिन आज खुद मुख्यालय ही अपने आदेशों की धज्जियां उङा रहा है। परिवहन निदेशक इससे पहले भी राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा का तबादला चार बार भिन्न-भिन्न डिपुओं में कर चूके हैं तथा बार-बार नोकरी खराब करने की धमकियां दे रहे हैं।युनियन नेताओं के द्वेष भावना तहत किये गए ये आदेश परिवहन निदेशक की औच्छी मानसिकता को दर्शाते हैं। परिवहन निदेशक के इस रवैए से कर्मचारियों में काफी रोष है तथा एक गलत अधिकारी के कारण सरकार की भारी बदनामी भी हो रही है। इसलिए सरकार ने ऐसे अधिकारी का तबादला तुरंत प्रभाव से कर देना चाहिए ताकि विभाग व सरकार की बदनामी ना हो।

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