Haryana Chief Minister, Sh. Manohar Lal, who is also holding the portfolio of State Finance presiding over a review meeting regarding fund devolution to ULBs and PRIs as per guidelines of State Finance Commission and Central Finance Commission at Chandigarh on June 2, 2022. Urban Local Bodies Minister, Dr. Kamal Gupta and Development and Panchayats Minister, Sh. Devender Singh Babli are also seen in the picture.

फण्ड के लिए परिवार पहचान पत्र के सत्यापित आकड़ों से होगी जनसंख्या की गणना

चंडीगढ़, 2 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में शहरी स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थानों को फण्ड का हस्तांतरण राज्य वित्त आयोग व केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा सात प्रतिशत के निर्धारित मानदण्ड के अनुरूप हो, इसके लिए वित्त विभाग द्वारा जारी आवंटित बजट तथा 31 दिसम्बर, 2021 तक के परिवार पहचान पत्र के सत्यापित आंकड़ों से जनसंख्या की गणना की जाए।

मुख्यमंत्री आज शहरी स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थानों को आवंटित बजट व फण्ड के हस्तांतरण पर बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में शहरी स्थानीय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता तथा विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देेवेन्द्र सिंह बबली भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राज्य वित्त आयोग व केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सात प्रतिशत के फण्ड का हस्तांतरण व गणना सही तरीके से नहीं हो पा रही हैं इसलिए आगे से फण्ड का आवंटन जनगणना के अनुरूप व संस्थान अनुसार किया जाए। आवंटित फण्ड पंचायतों को 75 प्रतिशत, ब्लॉक समिति को 15 प्रतिशत व जिला परिषद को 10 प्रतिशत के अनुरूप होता है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि दोनों संस्थाएं चाहे वह शहरी स्थानीय निकाय हो या पंचायती राज संस्थान हो इनको धीर-धीरे अपने वित्तीय संसाधन बढ़ाने होंगे। प्रदेश में 92 शहरी स्थानीय निकाय हैं जिनमें 11 नगर निगम, 22 नगर परिषद व 59 नगरपालिका शामिल हैं । इनमें छ : क्लस्टर हैं और लगभग 2800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हैं तथा लगभग 1.04 करोड़ की जनसंख्या रहती है। ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 1.82 करोड़ जनसंख्या रहने का अनुमान है। हलांकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या के आकड़ें भिन्न थे।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने लगातार तीसरी बार विधानसभा में जब अपना बजट प्रस्तुत किया था तो हर बार की तरह उस बजट में भी कुछ न कुछ नया देखने को मिला, जिसकी सराहना विपक्ष के सदस्यों ने भी की। यहां तक की एक सदस्य ने तो मुख्यमंत्री को एक अनुभवी अर्थशास्त्री तक की संज्ञा दी थी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी.एस. ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन प्रसाद, नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शरही सम्पदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमित झा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल व श्रीमती आशीमा बराड़ के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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