–कमलेश भारतीय बदलते समय के साथ पत्रकारों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। सोशल मीडिया के दौर में पत्रकारों को बहुत सचेत रहने की जरूरत है। सही खबर लोगों तक पहुंचे इसका खास ध्यान रखना चाहिए। पत्रकारों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उनका काम watchdog का है जो समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। सोशल मीडिया के आज के दौर ने पत्रकारिता का स्वरूप बादल दिया है। आज दर्शक न केवल कार्यक्रम देखते हैं बल्कि सीधे सवाल जवाब भी करते हैं । बहुत सारे किसान मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से सम्पर्क करते हैं, और फिर मैं उनके सवाल विशेषज्ञों के सामने रखती हूँ। यह बहुत सुखद स्थिति है। यह कहना है दूरदर्शन के किसान कार्यक्रम की एंकर अंजू सिंह का । जो मूलतः तो उत्तर प्रदेश के रायबरेली से हैं और जन्म भी वहीं हुआ लेकिन सारी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में ही हुई । रामलाल आनंद काॅलेज से बीकाॅम के बाद एम बी ए भी किया और South Delhi पालीटेक्निक से जनसंचार में डिप्लोमा भी किया । इसी दौरान टोटल टीवी में इंटर्नशिप की और बाद में यहीं पहली जाॅब भी मिली ।कॉमर्स की पढ़ाई के बाद कुछ समय बैंक कर्मी भी रहीं लेकिन मीडिया ही लुभाने लगा । -टोटल टीवी में कितने समय तक ?-मात्र तीन माह । -फिर ?-जनमत में रही सन् 2005 से 2013 तक । कुछ समय इंडिया न्यूज में भी । -फिर दूरदर्शन में कब से ?-सन् 2015 से दूरदर्शन किसान चैनल में एंकर और किसान कार्यक्रम की प्रस्तोता । -एक बैंककर्मी से एंकर कैसे बन गयीं ?-जब जनसंचार कर रही थी तब एक अनाथाश्रम था -मातृछाया इस पर फिल्म बनाने गयी थी । कच्ची समझ थी और कैमरा भी कोई बहुत बढ़िया नहीं था लेकिन जब वहां छोटे छोटे अनाथ बच्चे देखे तो मन बहुत उदास और भावुक हो गया । छोटी छोटी बच्चियां या बीमारीग्रस्त लड़के यानी दोनों ही समाज में उपेक्षित । मुझे लगा कि यही टर्निंग प्वाइंट रहा मेरा पत्रकारिता में आने का । कोई भी सामाजिक मुद्दा इसी के माध्यम से उठा सकती हूं । बस । पत्रकार ही बन गयी । -आपकी पसंदीदा एंकर कौन ?-मैं ही अपनी प्रेरणा हूं और मैं ही अपनी चुनौती कि और अच्छा करूं । -परिवार के बारे में बताइए ।-पति अनिरुद्ध देव सिंह बिजनेसमैन हैं और तीन साल का बेटा है अक्षराज सिंह जो अभी स्कूल जाने लगा है । -कोई पुरस्कार ?-एक जर्नलिस्ट के नाते कोरोना वारियर का पुरस्कार । इसके अतिरिक्त यूनाइटिड नेशन आर्गेनाइजेशन से जापान व मोरक्को में जलवायु परिवर्तन विषय पर कवरेज के लिए प्रशस्ति पत्र जबकि फ्रांस में ऑनलाइन कवरेज पर प्रशस्ति पत्र मिला ।-पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर क्या कहेंगी आप ? -पत्रकारिता और पत्रकार के स्वरूप बदलते जा रहे हैं । सोशल मीडिया से अब दर्शक सीधे जुड़ते हैं और सवाल जवाब भी पूछते हैं और सचमुच पत्रकारिता की जवाबदेही होनी ही चाहिए । बहुत अच्छा लगता है । हमें पाॅजिटिव साइड ही देखनी चाहिए ।-कृषि कार्यक्रम के किसान कार्यक्रम में क्या विषय रहते हैं ? कृषि विकास , आधुनिक कृषि पद्धति, ग्रामीण विकास , पशुपालन, जलवायु परिवर्तन, कृषि और मौसम, कृषि बाज़ार, कृषि योजनाएँ,महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य आदि ।हमारी शुभकामनाएं अंजू सिंह को ।[email protected]Twitter – anjusinghddInstagram anjusinghddFacebook – Anju Singh Post navigation भारत के गौरवपूर्ण इतिहास के निर्माण में महिलाओं का अविस्मरणीय योगदान: कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज आखिर विरोधियों को जाने क्यों नहीं देते ?