डा. अंबेडकर एक व्यक्ति नहीं, विचार धारा के प्रवर्तक: जरावता

बाबा साहेब की जयंती समानता दिवस के रूप में मनाई जा रही.
डॉक्टर अंबेडकर, वर्ग विशेष के नहीं 36 बिरादरी के प्रेरणा स्रोत

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी से बीजेपी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा की भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर वास्तव में एक व्यक्ति नहीं, विचार धारा के प्रवर्तक रहे हैं । मौजूदा परिवेश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा दिए गए संदेश विशेष रुप से राजनीति को एक नई दिशा सहित लक्ष्य की ओर ले कर जा रहे हैं । यह लक्ष्य है समाज के सबसे निचले पायदान पर मौजूद व्यक्ति को उसके अधिकार और सरकार की सुविधाओं को उपलब्ध करवाया जाना । यह बात उन्होंने अंबेडकर जयंति के उपलक्ष्य पर पटौदी में समारोह के दौरान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत बातचीत में कहीं । इस मौके पर विशेष रुप से पटौदी पालिका के वाइस चेयरमैन जरमन सैनी, दिनेश कमार, अनिल पार्षद, पार्षद पार्षद मनोज कुमार, पूर्व ब्रहम दोचानिया, पूर्व पार्षद उर्मिला, शिव कुमार, जयभगवान अंबेडकर सभा के पदाधिकारी व अन्य कार्यकर्ता और समर्थक भी मौजूद रहे ।

इस मौके पर उन्होंने कहा की संविधान की मूल भावना के मुताबिक आज प्रदेश में और देश में बीजेपी की सरकार काम कर रही है । देश में भारत सरकार का नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश में बीजेपी सरकार का नेतृत्व सीएम मनोहर लाल खट्टर कर रहे हैं । उन्होंने कहा यह दोनों ही नेता सत्ता के शीर्ष पर जाति विशेष की बदौलत नहीं पहुंचे , बलिक विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए और जनहित में सभी वर्गों के लिए विकास कार्य सहित अन्य योजनाएं लागू करके आज देश और दुनिया के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं ।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा अब समय के साथ लोगों की सोच और विचारधारा बदल रही है । सामंतवादी और बड़े राजनीतिक राजघराना के लोगों के मुकाबले समाज में से ही अन्य लोगों को भी आगे आने का मौका मिल रहा है । इसका एक ही मुख्य कारण है की शिक्षा का भरपूर प्रचार और प्रसार होने के साथ-साथ सभी वर्ग के लोगों तक शिक्षा की सुविधा को उपलब्ध करवाया गया है । बाबा साहेब यही कहते थे कि शिक्षित बनो, संघर्ष करो और आगे बढ़ो । उनके यह कथन आज पूरी तरह से प्रासंगिक साबित हो रहे हैं । उन्होंने कहा की वास्तव में शिक्षा ही सामाजिक और वैचारिक क्रांति ला सकती है । यही कारण है कि हरियाणा में सरकार के द्वारा कक्षा आठ से कक्षा बारहवीं तक सभी वर्ग के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को टेबलेट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं । किसान मजदूर व्यापारी समाज के पिछड़े उपेक्षित सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य की सरकार योजनाएं बनाते हुए धरातल पर भी लागू कर रही है । 

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