उमेश जोशी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोरोना के कारण आपूर्ति श्रृंखला और मांग में कई अड़चनें आ गई थीं। इसके बावजूद भारतीय परिधान उद्योग (रेडीमेड गारमेंट्स) वापस उसी राह पर आ गया है जिस राह पर कोरोना महामारी से पहले था। सिले-सिलाए कपड़ों का हमारा उद्योग धीरे-धीरे फिर से अपनी क्षमताओं और विशेषताओं का प्रदर्शन कर रहा है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हम नए लक्ष्य तलाशेंगे। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के नए अध्यक्ष नरेंद्र कुमार गोयनका का मानना है कि वर्ष 2022 में परिधान निर्यात में और तेजी आएगी। दिसंबर 2021 में सिले-सिलाए कपड़ों (रेडीमेड गारमेंट्स) का निर्यात 22 प्रतिशत बढ़कर 1.46 अरब डॉलर हो गया, जो दिसंबर 2020 में 1.20 अरब डॉलर था। यह निर्यात चालू वित्त वर्ष (2021-22) के पहले नौ महीनों में 11.13 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर 2020) में 8.22 अरब डॉलर से 35 प्रतिशत ज्यादा है। इससे स्थिति और मजबूत हो रही है। वैश्विक मांग में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है और भारतीय रेडीमेड गारमेंट्स उद्योग के पास अच्छे ऑर्डर हैं। भारत दुनिया के सबसे पुराने कपड़ा उद्योगों में से एक है। आज भारत वैश्विक कपड़ा निर्यात कारोबार में पांचवें स्थान पर है। भारत को कपड़े की घरेलू आपूर्ति का लाभ है। दुनिया में कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के नाते इसे निर्यात में विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा भारत कुछ विशेष रेशम फाइबर का उत्पादन भी करता है। भारत में दो कपड़ा क्षेत्र हैं, एक असंगठित हथकरघा और हस्तशिल्प और दूसरा यंत्रीकृत है। पारंपरिक करघे औजारों और पुरानी विधियों के साथ काम करते हैं। भारत ने तकनालाजी के मामले में बहुत सुधार किया है और अच्छी गुणवत्ता वाले वस्त्र और परिधान के उत्पादन में नया मुकाम हासिल किया है और कड़ी प्रतियोगिता में मजबूती से डटा हुआ है। जर्मनी करीब 40 अरब डॉलर के निर्यात मूल्य के साथ दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। सिंथेटिक यार्न, बुना हुआ परिधान कपड़ा और मानव निर्मित फाइबर के निर्यात में जर्मनी का विशिष्ट स्थान है। जर्मनी में अधिकांश उद्योग मध्यम और छोटे आकार के हैं। यह देश उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्रों के उत्पादन पर अधिक ध्यान देता है। बांग्लादेश कपड़ा और परिधान उद्योग में एक प्रमुख प्रतियोगी के रूप में उभरा है। कम श्रम लागत और बड़े पैमाने पर श्रम उपलब्ध होने के कारण बांग्लादेश दुनिया में कपड़ा और परिधान का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। बांग्लादेश का निर्यात मूल्य करीब 39 अरब डॉलर है। दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश पश्चिमी फास्ट फैशन ब्रांडों का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है। वियतनाम उच्च गुणवत्ता वाले विनिर्माण के समृद्ध इतिहास के साथ दुनिया में वस्त्रों का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है। वियतनाम के पास कुशल श्रम शक्ति और कम वेतन वाले मजदूरों की उपलब्धता जैसे कई फायदे हैं। वियतनाम मुख्य रूप से जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ जैसे देशों को निर्यात करता है। वियतनाम का निर्यात मूल्य करीब 38 अरब डॉलर है। वियतनाम प्रतिस्पर्धी बाजार में बने रहने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं का उत्पादन करता है। भारतीय कपड़ा और परिधान उद्योग की दुनिया के कपड़ा और परिधान बाजार में लगभग चार प्रतिशत हिस्सेदारी है। कपड़ा और परिधान उद्योग उत्पादन, विदेशी मुद्रा आय और रोजगार के मामले में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में इस उद्योग का लगभग सात प्रतिशत , सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत और देश की निर्यात आय में 15 प्रतिशत का योगदान है। यह उद्योग साढ़े चार करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है और कृषि के बाद रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है। विश्व व्यापार सांख्यिकी समीक्षा 2018 में विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, भारत दुनिया में रेडीमेड गारमेंट का 5वाँ सबसे बड़ा निर्यातक है। Post navigation नेता जी सुभाष चन्द्र बोस महान देशभक्त, क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय अभी प्राणों की आहुति देना शेष है: सुभाष चंद्र बोस