चंडीगढ़, 17 दिसंबर। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य में भर्ती प्रणाली में निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सिपाही (पुरुष) की भर्ती विज्ञापन संख्या 8/2015 (श्रेणी संख्या-1) के तहत 5 हजार पदों पर नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें 517 पद सामान्य जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यार्थियों (ईबीपीजी) के लिए आरक्षित किए गए थे। इस भर्ती में 499 उम्मीदवारों का चयन हुआ और 18 पदों पर नियुक्ति नहीं की गई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी पर्यवेक्षक की भर्ती विज्ञापन संख्या 7/2015 (श्रेणी संख्या-17) के तहत 171 पदों पर नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें 13 पद आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यार्थियों (ईबीपीजी) के लिए आरक्षित किए गए थे। कर्मचारी चयन आयोग ने इस पद के लिए 16 (13 चयनित + 3 प्रतिक्षार्थ) उम्मीदवारों की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि ऑक्शन रिकॉर्डर की भर्ती विज्ञापन संख्या 7/2015 (श्रेणी संख्या-19) के तहत 126 नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें 27 पद आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यार्थियों (ईबीपीजी) के लिए आरक्षित किए गए थे। डिप्टी सीएम ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग ने इस पद के लिए 35 (27 चयनित + 8 प्रतिक्षार्थ) उम्मीदवारों की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि कराधान निरीक्षक की भर्ती विज्ञापन संख्या 11/2015 (श्रेणी संख्या-2) के तहत 269 पदों पर नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इनमें 17 पद आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यार्थियों (ईबीपीजी) के लिए आरक्षित किए गए थे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग ने 17 पदों के लिए सिफारिश की है। इन तीनों भर्तियों में चयन सूची के विरूद्ध कोई नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है, क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा हरियाणा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े व्यक्तियों की नियुक्ति के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दे रखे हैं। Post navigation भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा में उठाया शहीद किसानों का मुद्दा विधानसभा में विधायक नैना चौटाला ने रखी मांग, दादरी जिले में दूर हो डॉक्टरों व टेक्निकल स्टाफ की कमी