दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से आज शाम को वायु प्रदूषण पर आपातकालीन मीटिंग बुलाई गई. मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई गंभीर टिप्पणियों और उन आदेश-निर्देशों पर भी गहन चर्चा की गई जिसमें वायु प्रदूषण के बढ़ते लेवल को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने पर विचार करने को कहा गया था. मीटिंग में उन सभी पहलुओं पर चर्चा की गई जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके. नई दिल्ली – दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी टिप्पणियां की हैं. केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को इसका समाधान निकालने के लिए भी सख्त आदेश दिए हैं. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से आज शाम को आपातकालीन मीटिंग बुलाई गई. मीटिंग में सीएम केजरीवाल के अलावा डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, चीफ सेक्रेटरी विजय कुमार देव के अलावा अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे. मीटिंग के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई गंभीर टिप्पणियों और उन आदेश निर्देशों पर भी गहन चर्चा की गई जिसमें वायु प्रदूषण के बढ़ते लेवल को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने पर विचार करने को कहा गया था. मीटिंग में उन सभी पहलुओं पर चर्चा की गई जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके. मीटिंग में फैसला लिया गया कि सोमवार से एक सप्ताह के लिए सभी सरकारी स्कूल बंद रहेंगे. वस्तुतः जारी रखने के लिए ताकि बच्चों को प्रदूषित हवा में सांस न लेनी पड़े. इसके अलावा दिल्ली में 14 से 17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज पर रोक रहेगी. इसके अलावा बैठक में यह भी निर्णय लिए गए हैं कि दिल्ली के सरकारी ऑफिस के कर्मचारी एक सप्ताह के लिए वर्क फ्रॉम होम करेंगे. सभी सरकारी दफ्त्तर एक सप्ताह के लिए बंद रहेंगे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से लॉकडाउन लगाने के विचार पर प्रस्ताव कोर्ट के समक्ष रखेंगे. कोर्ट के सामने इस संबंध में प्रस्ताव रखेंगे कि लॉकडाउन कैसे लगा सकते हैं. सीएम केजरीवाल ने यह भी कहा कि लॉकडाउन बहुत बड़ा फैसला है. इसको लेकर केंद्र और सभी एजेंसी के साथ बात करने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला लिया जा सकता है. Post navigation ‘दो दिन के लॉकडाउन जैसे कदम उठाएं’ : दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को सलाह प्राप्त को पर्याप्त मानने वाला ही साधु: मोरारी बापू