2004 से 2014 तक अनुसूचित जाति के उत्पीड़न के मामलों की एफआईआर नहीं होती थी दर्ज, आम लोगों को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भटकना पड़ता था
हमारी सरकार आने के बाद यह निर्देश दिए गए कि हर एफआईआर दर्ज की जाए- मनोहर लाल एफआईआर की संख्या बढ़ने से अपराध बढ़ने का अंदाजा नहीं लगाया जाना चाहिए…