-पिछले साल से 11 हजार मिट्रिक टन अधिक उपलब्ध-सीएम ने केंद्रीय मंत्री से फोन पर बातचीत कर 6 अतिरिक्त रैक बढ़ाने पर ली सहमति– प्रदेश के लिए 24 रैक उपलब्ध हैं, 5 रैक और आएंगे, 6 अतिरिक्त रैक पर सहमति के बाद 31 अक्तूबर तक 11 रैक और उपलब्ध होंगे– किसानों से धैर्य बनाए रखने की अपील की चंडीगढ़, 24 अक्तूबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में डीएपी खाद की कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि बाजार में इस साल डीएपी खाद पिछले साल की तुलना में 11 हजार मिट्रिक टन अधिक मात्रा में उपलब्ध है फिर भी किसानों की मांग को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्री श्री मनसुख मांडविया से फोन पर बातचीत कर 6 अतिरिक्त रैक बढ़ाने की मांग की है जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति जता दी है। उन्होंने किसानों से धैर्य बनाए रखने के लिए अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश के किसानों के लिए 24 रैक डीएपी उपलब्ध हंै, 5 रैक और आएंगे। आज केंद्रीय मंत्री से बात करने के बाद 6 अतिरिक्त रैक आने पर 31 अक्तूबर तक प्रदेश के पास कुल 11 रैक और उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री की ओर से राज्य की सीमाओं पर भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रदेश से डीएपी की अन्य राज्यों में कालाबाजारी न की जा सके। मुख्यमंत्री ने आज शाम अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें डीएपी खाद की उपलब्धता व डिमांड पर चर्चा की गई। उन्होंने प्रदेश के सीमावर्ती जिलों रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, नूह तथा झज्जर के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नाके लगाकर प्रदेश से बाहर जाने वाले वाहनों की जांच-पड़ताल करें ताकि डीएपी खाद को प्रदेश से बाहर अवैध तौर पर न ले जाया जा सके। मुख्यमंत्री ने डीएपी की मांग से बनी परिस्थितियों पर पैनी नजर रखने के लिए उक्त 6 जिलों के लिए तुरंत प्रभाव से प्रशासनिक सचिवों को इंचार्ज नियुक्त कर दिया है, वे संबंधित जिलों में कल 25 अक्तूबर से 27 अक्तूबर तक मौजूद रहेंगे और डीएपी वितरण पर निगाह रखेंगे।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन किसानों ने रबी फसलों के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है, उसके अनुसार ही किसानों को डीएपी खाद का वितरण किया जाए ताकि असल किसानों को समय पर डीएपी उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को डिमांड के अनुसार डीएपी की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिस क्षेत्र के किसानों को पहले डीएपी की जरूरत है वहां पहले सप्लाई किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में जहां 24 अक्तूबर तक 87,000 मीट्रिक टन डीएपी की बिक्री की गई थी वहीं इस वर्ष आज तक 98,000 मीट्रिक टन की बिक्री की जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वे आवश्यता के अनुसार ही डीएपी की खरीद करें, अतिरिक्त भंडारण न करें ताकि सभी किसानों को समान रूप से वितरित किया जा सके। Post navigation विधायक नीरज शर्मा ने अपना दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर अपना रिपोर्ट कार्ड किया प्रस्तुत ….. मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की सोच गलत है कि किसानों का विरोध समाप्त हो जाएगा