चंडीगढ, 14 जुलाई -हरियाणा के वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा विकसित आवासीय भूखंडों के मामले में अलग-अलग आवासीय इकाई के रूप में विभिन्न मंजिलों का पंजीकरण हेतु अतिरिक्त दिशानिर्देशों को जारी किया है ताकि स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क में होने वाले लीकेज से बचा जा सके। इस बारे में हरियाणा के वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने राज्य के सभी उपायुक्त, तहसीलदार-सह-उप पंजीयक और राज्य में सभी नायब तहसीलदार-सह-उप/संयुक्त-रजिस्ट्रार को पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि एचएसवीपी द्वारा विकसित आवासीय भूखंडों के मामले में विभिन्न मंजिलों (चाहे 2/3/4) को अलग आवासीय इकाई के रूप में अनुमति दी गई है परंतु यह देखा गया है कि इस मामले में जारी विभिन्न निर्देशों/दिशानिर्देशों का गंभीरता से पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए अतिरिक्त दिशा-निर्देश/निर्देश जारी किए गए हैं। जारी किए गए आर्थिक निर्देशों के तहत एच.एस.वीपी द्वारा लिए गए सभी निर्णय तथा दिनांक 06.03.2019 के उक्त पत्र के माध्यम से अवगत कराये गये निर्देशों का अक्षरशः से पालन किया जाए। क्षैतिज(हॉरिजॉन्टल)पूर्ण मंजिल को स्थानांतरित और पंजीकृत करने की अनुमति किसी भी मंजिल का कोई लंबवत(वर्टिकल) स्थानांतरण नहीं होगा, अर्थात, एक ही मंजिल को दो या दो से अधिक अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर पंजीकरण करने वाले द्वारा पंजीकृत नहीं किया जा सकता है। इसलिए, पंजीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का केन्द्रीय अधिनियम 16) के तहत केवल क्षैतिज(हॉरिजॉन्टल)पूर्ण मंजिल को स्थानांतरित और पंजीकृत करने की अनुमति है। भूखंड का लंबवत रूप से खंडन नहीं किया जाएगा और सभी स्वतंत्र मंजिल मालिकों के पास स्वतंत्र मंजिल वाली भूमि का पूरा भूखंड होगा। स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क के प्रयोजन के लिए भूमि लागत का विभाजन सभी स्वतंत्र तलों के बीच समान अनुपात में होगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि संबंधित जिलों में समय-समय पर निर्धारित कलेक्टर दरों के अनुसार दो मंजिलों के लिए 50प्रतिशत प्रत्येक मंज़िल , 3 मंजिलों के लिए प्रत्येक मंज़िल 33.1/3 प्रतिशत और 4 मंजिलों के लिएप्रत्येक मंज़िल 25 प्रतिशत होगा। खाली या निर्मित प्लॉट के विशिष्ट मंजिल के पंजीकरण से पहले एचएसवीपी की पूर्व अनुमति अनिवार्यखाली या निर्मित प्लॉट के विशिष्ट मंजिल के पंजीकरण से पहले एचएसवीपी की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। यदि एक निर्मित मंजिल को स्थानांतरित किया जाता है, प्लॉट की विभाजित लागत के साथ-साथ कलेक्टर दर के अनुसार उस मंजिल के निर्माण की लागत को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क लगाने के उद्देश्य से जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार, ऐसे स्वतंत्र तलों के पंजीकरण के लिए, सामान्य स्टाम्प शुल्क के अलावा, एक प्रतिशत अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क का भुगतान ज्ञापन संख्या 7/3/09-2टीसीपी के अनुसार फर्श वार आवासीय इकाइयों के पंजीकरण के इच्छुक आवेदक द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन निर्देशों को अक्षरशः लागू किया जाए। इसके किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाए। Post navigation अनिल विज की नवजोत सिंह सिद्धू को सलाह अब जरूरत है, ‘आरटीएस’ यानी सेवा का अधिकार को सख्ती से लागू करने की : श्रीमती मीनाक्षी राज