कहा- कोरोना की पहली लहर के दौरान अपनाए गए अनुशासन को सख्ती से अपनाएँ. सामूहिक हुक्के, ताश या चौपाल में समूह बनाकर बैठने से करें परहेज- हुड्डा. संक्रमण को रोकने लिए गांवों की तरफ विशेष ध्यान दे सरकार- हुड्डा. ये राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता के साथ महामारी से लड़ने का वक्त- हुड्डा 

10 मई, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गांव में बढ़ते कोरोना के मामलों के मद्देनजर ग्रामीणों से एहतियात बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश और आपसी भाईचारे के चलते गांव में सामूहिक हुक्का पीना, ताश खेलना, चौपाल या बैठक में समूह बनाकर चर्चा करना दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है। लेकिन, कोरोना संक्रमण के इस दौर में इन सब गतिविधियों से फिलहाल परहेज करने की जरूरत है। क्योंकि, इससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

हुड्डा ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान गांववालों ने संक्रमण रोकने के लिए बेहतरीन अनुशासन की मिसाल पेश की थी। उन्होंने अपने स्तर पर गांव-गांव में टीकरी पहरा देने, लोगों को जागरुक करने के लिए मुनादी करवाने और सामाजिक दूरी के नियम बनाए थे। मुंह पर गमछे के साथ डाठा मारने की परंपरा को भी बड़ी तादाद में लोगों ने अपनाया था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एकबार फिर से उसी अनुशासन को सख्ती से अपनाने की जरूरत है। क्योंकि इस बार संक्रमण बड़े और छोटे शहरों के बाद गांव तक फ़ैल चुका है। इससे बड़ी तादाद में ग्रामीणों की मौत हो रही है। टिटौली और मुढ़ाल जैसे गांवों में दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। बीमारी के इस विकराल रूप को देखते हुए कई गांवों ने स्वतः लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है, जो सराहनीय है। बीमारी के खिलाफ लोगों में जितनी ज्यादा जागरूकता होगी, संक्रमण की दर उतनी ही कम होगी। इसलिए लोगों को बीमारी के लक्षण महसूस होने पर टेस्टिंग करवाने और इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन लगवाने के लिए स्वतः आगे आना चाहिए। 

नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि फिलहाल कोरोना के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उनमें गांवों के आंकड़े शामिल नहीं हैं। क्योंकि गांवों में ना टेस्टिंग की कोई व्यवस्था है और ना ही इलाज का कोई बंदोबस्त। सरकार को ऑक्सीजन, दवाई, हॉस्पिटल में बेड, मेडिकल स्टाफ और वैक्सीन आदि की उपलब्धता बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए। साथ ही, सरकार गांवों व शहरों में संक्रमण रोकने के लिए विशेष नीति बनाए और उसे प्रभावी ढंग से लागू करे। बहरहाल, सरकार को जल्द से जल्द गांवों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और मेडिकल कैंप की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके लिए टास्क फोर्स, हेल्प डेस्क और विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने की जरूरत है। कई विशेषज्ञ ऐसे मरीजों का इलाज घर पर ही करने की सलाह देते हैं जिन्हें बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं हैं। ऐसे मरीजों को घर पर ही कोरोना किट मिल सके, इसके लिए सरकार को एक व्यापक वितरण प्रणाली स्थापित करनी चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर इस महामारी के खिलाफ लड़ना होगा। बतौर विपक्ष हम सरकार का हर सहयोग करने को तैयार हैं। सरकार को विपक्ष की तरफ से दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन पर अमल भी करना चाहिए और राजनीतिक गुणा-भाग किए बिना व्यवस्थाओं की खामियों को स्वीकार कर दूर भी करना चाहिए।

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