गुरनाम सिंह मंगलवार को पहुंचे बनीपुर चैक तथा जयसिंहपुर खेडा.
बोले भुखमरी की राह पर  आ जाएगा भारत का किसान व मजदूर.
बेरोजगारी व भुखमरी से आमजन का हाल भी बेहाल हो जाएगा

फतह सिंह उजाला

पटौदी। अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर हरियाणा-राजस्थान सीमा पर अहीरवाल के शाहजहंापुर बार्डर के अंर्तगत बावल में दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेडा के पास काले कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान हरियाणा गुजरात के सैकड़ो की संख्या में पिछले 10 दिनों से दिल्ली जाने की हट पर लंगर डाले हुए है।

मंगलवार को विशेष रूप से संयुक्त मोर्चा किसान आंदोलन को बावल के बनीपुर चैक तथा जयसिंहपुर खेडा बोर्डर पर लंगर डाले बैठे सैकड़ो किसानों के बीच राष्ट्रीय किसान नेता गुरूनाम सिंह चिडूनी ने केंद्र सरकार पर तीखे व्यंगय कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार किसान नेताओं को चिटृठी दिखाकर गुमराह कर रही है । केंद्रीय किसान कमेटी में वे स्वंय मौजूद रहे , केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, आंदोलनकारी किसानो और नेताओं को गुुमराह करने की कौशिश कर रहे है।

उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार किसानों के शांतिप्रिय और अहिंसात्क तथा मजबूत भाईचारे के लंगर डाल आंदोलन से बुरी तरह से बौखला गई है। सरकार, सरकार के मंत्री और कथित दलाल अब किसानो सहित आंदोलन को दो फाड करना चाह रहे है ? पीएम मोदी की केंद्र सरकार किसानों को दो फाड करके किसानो की संपत्ति कृषि जमीन को सभी कारपोरेट घरानो को सौंपने पर आमादा है व किसानो की एकजुटता को तार-तार करना चाह रही है । उन्होंनंे कहा कि वास्वत में कृषि, किसानी, अपनी आने वाली पीढ़ी सहित किसानों को अपने संगठनों में मजबूती दिखाने की आज अति आवश्यक्ता है । अन्यथा किसानो के मसीहा दीन बंधु सर छोटू राम और पूर्व पीएम चैधरी चरण सिंह के द्वारा किसान व कमेरे वर्ग के लिए किए गए प्रयास मिट्टी में मिलते नजर आएंगे और वो दिन भी दूर नही जब भारत भुखमरी की कगार पर होगा । यहां पर केवल और केवल कारपोरेट घरानों सहित ध्नाढय लोगों का ही राज होगा ।

गुरनामसिंह चिडूनी ंने आहवान किया कि घरों में बैठने की बजाए अपने परिवार की रक्षा हेतु किसान ,मजदूर व कमेरेे वर्ग को चाहिए कि वे विभिन्न धरनारत ठिकानों पर उपस्थित किसानो की मदद के लिए धरने प्रर्दशनों में अपनी भागीदारी बढाए, जिससे उनके दो वक्त की रोटी के लाले पड़ने से बचाया जा सके। आलू का भाव, दाल, प्याज व अन्य जरूरतमंद चीजों का भाव कॉरपोरेट घरानो की मनमर्जी से बढाया जा रहा है । वो दिन दूर नही जब आटा, दाल, किसान व मजदूर वर्ग के बूते से बाहर होगा। बेरोजगारी व भुखमरी से आमजन का हाल-बेहाल होगा । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आज किसान आर पार की लडाई लड़ने के लिए लालायित और दृढ़ संकल्प के साथ सरकार के सामने है । किसान राज्यराज मार्गो पर छह माह का राशन लेकर व सर पर कफन बांध कर घरों से निकल चुका है । किसानों की यह लडाई तीनों कृषि कानून को वापस लिये जाने तक जारी रहेगी ।