उच्चतर शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव ने हरियाणा राज्य में स्थित सभी राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों (Principals) को आदेश दिये हैं कि वे हरियाणा के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत एक्सटेन्शन लेक्चरर की पीएचडी डिग्री की जांच करके एक माह के अंदर रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपे जुलाई माह में हरियाणा (Haryana) के विभिन्न जिलों से कुछ संदिग्ध लोगों ने बिना ही किसी जांच एवं पड़ताल के लगभग 18 विश्वविद्यालयों की डिग्री को फर्जी करार दिए जाने के बाद अब इस पर आगे का संज्ञान भी लिया जा रहा है। हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव ने हरियाणा राज्य में स्थित सभी राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों (Principals) को आदेश दिये हैं कि वे हरियाणा के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत एक्सटेन्शन लेक्चरर की पीएचडी डिग्री की जांच करके एक माह के अंदर रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपे। पटौदी हलके के राजकीय महवद्यिालय जाटौली-हेलीमंडी की एक्सटेन्शन लेक्चरर एशोसिएशन के प्रधान तथा एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के गुरुग्राम के जिला सलाहकार डा. त्रिलोक सिंह ने बताया कि मुख्य सचिव के आदेशों की अनुपालना करते हुए एक महीने के भीतर संबंधित यूनिवर्सिटी से वेरिफिकेशन रिपोर्ट लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग को भेज दी गई है। यूनिवर्सिटी से प्राप्त वेरिफिकेशन रिपोर्ट तथा एक्सटेन्शन लेक्चरर से प्राप्त किये गये पीएचडी डिग्री के दस्तावेज के आधार पर रिपोर्ट भेजी गई है। जिसमें किसी तरह की कोई खामी नहीं पाई गई है। Post navigation MHA ने अनलॉक 4 की गाइडलाइन जारी की अनलॉक-4 : क्या रहा पहले जैसा, नया क्या है?