बल्लभगढ़, हरियाणा प्रदेश में फरीदाबाद और गुरुग्राम दो ऐसे जिले है जिनमें कोरोना मरीजों का रिकॉर्ड बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने हरियाणा रोडवेज को दिशा निर्देश दे दिय है की अब बसे  पूरी सवारियां भरकर चलेंगी। यानी अब सोशल डिस्टन्सिंग की पालना हरियाणा रोडवेज की बसों में नहीं होगी। कोरोना काल में सरकार का यह फैसला बस यात्रियों के लिए खतरे की घंटी नज़र आता है। 

हरियाणा रोडवेज की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए  कोरोना के चक्कर में सरकार ने बसों  में सोशल डिस्टेंस का पालन करने का आदेश दिया हुआ था जिससे बसों में यात्री कम मिलते थे और हरियाणा रोडवेज को इसका लगातार घाटा हो रहा था। बसों की संख्या कम होने और उसमें सवार यात्रियों की संख्या कम होने के कारण  हरियाणा सरकार ने अपने आदेश में यह कहा है कि हरियाणा रोडवेज की बसें अब यात्रियों को फुल कैपेसिटी में लेकर चलेंगी।

वहीँ हरियाणा रोडवेज के डिपो में खड़े यात्री की माने तो उनका कहना ये है कि सरकार का यह फैसला  कहीं न कहीं मौत को बुलावा है। भले ही बस सेनीटाइज़ होकर चले लेकिन जब स्टॉप पर बीएस रुकेगी तो यात्रियों के चढ़ने उतरने में कोरोना के संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है किसे पता कोण अपने साथ क्या कीटाणु लेकर बीएस में सफर के लिए चढ़ा है। ऐसे में अगर किसी एक यात्री को भी संक्रमण हुआ तो सभी की जान कोरोना की भेट चढ़ जायँगी। सरकार को अपने फैसले पर पुनः विचार की आवशयकता है। 

 बैरहाल सरकार ने अपने घाटे को घटाने के लिए ये निर्देश जरी किय है जहाँ एक तरफ कोरोना की गाइडलाइन्स को फॉलो करने की बात आती है तो वहीँ सरकार के इस फैसले से ये साफ़ होता है की सरकार अपने आप में उलझी है और उसकी मंशा साफ नहीं है। अब देखना ये होगा की बसों को खचा खच्च भरकर चलाने का यह फैसला कितना कारगर या खतरा भरा होगा।

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