शहरी निकाय चुनाव में भाजपा टिकट के दावेदारों में  बढ़ गया कंपटीशन

भाजपा की टिकट एक प्रकार से मानी जा रही है इलेक्शन विक्ट्री की गारंटी

केंद्र और राज्य में मंत्रियों सहित संगठन और पार्टी पदाधिकारी की भी अपनी पसंद

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । हरियाणा राज्य चुनाव आयुक्त सहित सत्ताधारी भाजपा को दिल्ली इलेक्शन सहित रिजल्ट का ही इंतजार बना हुआ था। शनिवार को दिल्ली इलेक्शन रिजल्ट सामने आने के बाद इस बात से इनकार नहीं की हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के चयन अथवा टिकट वितरण को लेकर भाजपा की टेंशन निश्चित रूप से बढ़ेगी ! हरियाणा महाराष्ट्र और अब दिल्ली के चुनाव परिणाम के बाद विशेष रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने यह बात गांठ बांध ली है कि भाजपा की टिकट इलेक्शन विक्ट्री की गारंटी से काम नहीं है। हरियाणा प्रदेश में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के लिए 2 मार्च को मतदान करवाया जाना निश्चित किया गया है। इसके परिणाम 12 मार्च को घोषित होंगे।

हरियाणा में भाजपा संगठन और केंद्र सहित हरियाणा सरकार के मंत्रियों और भाजपा के सहयोगी कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक तथा बजरंग दल अन्य संगठनों के बड़े चेहरों को देखा जाए, तो इनमें सभी के अपने-अपने कार्यकर्ता और समर्थक होने से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता। वर्तमान समय में इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं कि भाजपा में ऐसे बड़े चेहरे और सरकार में मंत्रियों की अच्छी खासी संख्या है जो की 2014 से पहले और इसके बाद भाजपा में शामिल होकर कमल के सिंबल पर ही राजनीतिक ताकत या फिर पॉलिटिकल टॉनिक बने हुए हैं। लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए तो बड़े चेहरे और बड़े नेता अपने-अपने प्रभाव सहित संगठन के मजबूत कंधों का भी सहारा लेते रहे हैं । इसी प्रकार से विधानसभा चुनाव से लेकर शहरी निकाय या फिर पंचायत चुनाव तक भी राजनीतिक आका के दरबार में हाजिरी लगाकर टिकट की दावेदारी लेकर पहुंचने का सिलसिला बना रहता है।

यहां पर विशेष रूप से गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के साथ ही पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद के अलावा और भी शहर में भी स्थानीय निकाय के चुनाव होना है । इसी प्रकार से पूरे प्रदेश में शहरी निकाय के चुनाव की तिथि घोषित की जा चुकी है। अब सबसे बड़ा रोचक सहित जिज्ञासा का विषय यही है कि दिल्ली चुनाव परिणाम जहां भाजपा को स्पष्ट रूप से बहुत-बहुत मिल चुका है। यही बहुमत अब शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा की टिकट के ऊपर इलेक्शन व्यक्ति की गारंटी माना जा रहा है। गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र को देखा जाए तो यहां सबसे अधिक प्रभाव और राजनीतिक पकड़ केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की ही है। विधानसभा चुनाव में भी उनके द्वारा अपनी पसंद के उम्मीदवारों को टिकट दिलवाई गई। अपवाद स्वरूप कुछ भाजपा नेता अपने अनोखे अंदाज और तल्ख तेवर दिखाते हुए टिकट लाने में सफल होने के साथ राज्य सरकार में मंत्री भी बने हैं।

हरियाणा प्रदेश भाजपा संगठन के द्वारा साफ किया जा चुका है कि निकाय चुनाव कमल के फूल के निशान पर ही लड़े जाएंगे । गुरुग्राम और मानेसर निगम में अध्यक्ष की टिकट के साथ ही वार्ड सदस्य की टिकट के लिए भी दावेदार सक्रिय होकर पार्टी संगठन के पदाधिकारी से लेकर अपने राजनीतिक आका के दरबार में हाजिरी लग रहे हैं। टिकट का अंतिम फैसला टिकट वितरण कमेटी के द्वारा ही किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक जिस प्रकार की खींचतान भाजपा संगठन सहित नेताओं के बीच देखी गई। मौजूदा समय में इस बात से भी बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता की बड़े नेता विधानसभा स्तर के नेता और संगठन पदाधिकारी अपनी अपनी पसंद या फिर समर्थकों को टिकट दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इन सब हालात को देखते हुए यह बात कहने में कोई भी संकोच नहीं है कि दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद अब शहरी निकाय चुनाव परिणाम में अपनी अपनी बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए उम्मीदवारों का चयन और उन्हें टिकट दिया जाना भाजपा के लिए टेंशन से काम नहीं माना जा सकता।