भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। रविवार को मोदी के मन की बात के बहुचर्चित कार्यक्रम परीक्षा पर चर्चा पर भारी पड़ी गुरुग्राम भाजपा के संगठन चुनाव में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति। कुछ दिनों पहले भाजपा जिला इकाई की ओर से बताया गया था कि 19 जनवरी रविवार को मोदी के मन की बात को गुरुग्राम में सैकड़ों स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सुना जाएगा लेकिन कल और आज का दिन भी गुजर गया, अभी तक जिला इकाई की ओर से ऐसी कोई सूचना आई नहीं कि उन्होंने कोई मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुना।

परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का बड़े जोरों से प्रचार किया गया था और साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी कराया था, ऐसी सूचना प्राप्त हुई थी। लेकिन गुरुग्राम में संगठन चुनाव के मुकाबले में शायद मोदी के मन की बात कार्यक्रम गौन हो गया। यह एक आश्र्चजनक बात है, जबकि मुख्यमंत्री ने मोदी के मन की बात कार्यक्रम को बहुत तन्मयता से सुना और उसमें हरियाणा के गुरूओं की प्रशंसा करने के लिए मोदी जी का आभार भी जताया।

अब बात करें संगठन चुनाव की तो यह ज्ञात हुआ है कि अब गुरुग्राम में 27 मंडल बना दिए गए हैं, जिनमें शनिवार और रविवार को 17 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की गई। तात्पर्य यह कि 10 की नियुक्ति अभी भी बाकी है। यह कार्यक्रम गुरुग्राम के गुरूकमल में आयोजित हुआ, जिसमें विधायक मुकेश शर्मा, विधायक विमला देवी और विधायक तेजपाल तंवर भी उपस्थित थे। यद्यपि विधायक और मंत्री राव नरबीर की वहां उपस्थित नजर नहीं थे।

भाजपा कार्यकर्ताओं में चर्चा यह है कि मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति विधायकों के अनुमोदन से की जा रही है और अधिकतर उनमें वे हैं, जो विधायकों के अतिप्रिय हैं। मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में कार्यकर्ताओं की वरीयता, चरित्र और कार्य का ध्यान नहीं दिया गया है।

गुरुग्राम भाजपा में सदस्यता अभियान में भी यह चर्चा चलती रही कि समझ नहीं आता कि जिनका जनाधार दिखाई नहीं देता, वह 10 हजार या उससे अधिक सदस्यता बनाने में सफल हुए, जबकि गुरुग्राम विधायक और गुरुग्राम सांसद के बनाए गए सदस्यों की संख्या अत्याधिक कम रही।

कुछ चर्चाएं यह भी सुनी गईं कि कुछ महत्वकांक्षी और धनी लोगों ने एजेंसियों द्वारा मेंबर बनाए। नाम न छापने की शर्त पर अनेक कार्यकर्ताओं ने कि यदि मेंबर वास्तव में साढ़े 4 लाख से अधिक बने हैं और वह समर्पित कार्यकर्ताओं के बने हैं तो भाजपा इकाई के किसी एक बूथ सदस्यों की लिस्ट लेकर चेक करके देख लें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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