गत माह 13 दिसम्बर को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी । मृतक युवक का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया है। तब से ही युवक का शव सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में ही रखा हुआ है

धरने पर बैठे हुए हैं, मृतक मोहित के पिता कैलाश चंद शर्मा का कहना है कि परिवार के लोग बेटे का अंतिम संस्कार तभी करेंगे, जब पुलिस रामबिलास शर्मा, उनके बेटे और साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मृतक के पिता ने याचिका दायर कर पूर्व मंत्री पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है

चण्डीगढ़,सतीश भारद्वाज: जिला महेंद्रगढ़ में एक युवक द्वारा किए गए सुसाइड केस का मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जिससे भाजपा के पुर्व मंत्री रामबिलास शर्मा की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मृतक के पिता ने याचिका दायर कर पूर्व मंत्री पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। जिसने गत माह 13 दिसम्बर को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

यह मामला महेंद्रगढ़ के बाघोत गांव निवासी मोहित (26) से जुड़ा हुआं है। जिसमें इतना ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन परिवार ने मृतक युवक का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया है। युवक का शव सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में ही रखा हुआ है। परिजन सरकार से मांग कर रहे हैं कि जब तक आरोपीयों पर मामला दर्ज नहीं होगा वे अपने मृतक लड़के का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

इसी मामले के चलते वे धरने पर बैठे हुए हैं, मृतक मोहित के पिता कैलाश चंद शर्मा का कहना है कि परिवार के लोग बेटे का अंतिम संस्कार तभी करेंगे, जब पुलिस रामबिलास शर्मा, उनके बेटे और साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी। सिविल अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे दुःखी पिता का कहना था कि उन्होंने रामबिलास शर्मा को 22 करोड़ रुपए दे रखे हैं, वहीं याचिका में कैलाश चंद ने कहा कि साल 1996 से 2016 तक उनके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ अच्छे संबंध थे। वह उनके साथ पैसों का लेन-देन भी करते थे। उन्होंने रामबिलास शर्मा की मांग पर विभिन्न अवसरों पर करीब 22 करोड़ रुपए दे चुका है। इस दौरान अचानक उसको व्यवसाय में घाटा हो गया,तब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी पैदा हो गई। वहीं पीड़ित पिता ने मिडिया को बताया कि पुर्व मंत्री की क्रूरता की वजह से दुखी होकर उसकी पत्नी नीलम ने भी जहर निगलकर आत्महत्या की कोशिश की थी। मगर समय पर इलाज मिलने के कारण उसकी जान बच गई। पिछले साल अगस्त में ठीक होने के बाद दिए गए बयान में भी उसने रामबिलास शर्मा, उसके बेटे और उनके साथियों का नाम लिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं सूत्रों से जानकारी मिली है कि याचिका में आरोप लगाया गया है कि रामबिलास शर्मा और उनके सहयोगियों ने सत्तारूढ़ पार्टी में अपनी पावर का दुरुपयोग करके उनके परिवार को बहुत परेशान किया है। उन्हें अपमानित किया और धमकाया गया। विभिन्न आपराधिक मामलों में झूठा फंसाया गया। उसके बेटे मोहित पर भी पॉक्सो के झूठे केस में फंसा दिया गया। जिसके आरोप में उसे 3 महीने जेल में भी रहना पड़ा । वहीं जेल के अंदर भी रामबिलास के गुर्गों ने कई बार उसकी पिटाई की थी। जब उसका लड़का जमानत पर बाहर आया तो घर में काफी डरा सहमा और तनाव में रहने लगा था। तथा अपने आपको अपमानित भी समझने लग गया था। आखिर में दुखी होकर मेरे बेटे के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।

हरियाणा के सीएम से भी न्याय की गुहार लगा चुके थे

वहीं याचिका में यह भी बताया गया है कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी मिले थे,यहां उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था,लेकिन रामबिलास शर्मा के प्रभाव के कारण आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवार के साथ हो रहे अन्याय और दुर्व्यवहार को देखकर उसके बेटे ने छोटी उम्र में ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

हालांकि पूर्व मंत्री इस सारे मामले को राजनीतिक से प्रेरित बता रहे हैं। अब आगे देखना होगा कि हाईकोर्ट इस पर क्या आदेश देता है।

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