पहले चंडीगढ़ के सभी महत्वपूर्ण विभागों में हरियाणा के कोटे से अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लगाया जाता था लेकिन अब कुछ ही विभाग बचे हैं जहां प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है

चंडीगढ़ के सभी विभागों में हरियाणा के अधिकारियों को 60:40 रेशो के अनुसार किया जाए नियुक्त

चंडीगढ़, 8 जनवरी। इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने चंडीगढ़ के एडवाइजर के पद को खत्म करके मुख्य सचिव का पद मंजूर करने पर कहा कि चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर हरियाणा का हक बनता है। हरियाणा जब पंजाब से अलग होकर नया राज्य बना था तब यह समझौता हुआ था कि चंडीगढ़ के प्रशासनिक पदों पर साठ प्रतिशत पंजाब कैडर और चालिस प्रतिशत हरियाणा कैडर के प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा। 2005 तक चंडीगढ़ में हरियाणा को उसका हिस्सा मिलता रहा लेकिन उसके बाद केंद्र में कांग्रेस और अब बीजेपी की सरकार के दौरान धीरे धीरे चंडीगढ़ से हरियाणा का हिस्सा लगातार कम कर दिया गया। पहले चंडीगढ़ के सभी महत्वपूर्ण विभागों जैसे जेल विभाग, निगम और फोरेस्ट विभाग, फूड एंड स्पलाइ विभाग, भवन, सडक़ एवं लोक निर्माण विभाग, टूरिस्म, इंडस्ट्री, पुलिस और प्रशासन विभाग में हरियाणा के कोटे से अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लगाया जाता था लेकिन अब कुछ ही विभाग बचे हैं जहां प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है।

रामपाल माजरा ने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत हरियाणा का चंडीगढ़ पर हक खत्म करने की तैयारी की जा रही है। इनेलो पार्टी चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक खत्म करने की साजिश की पूरजोर खिलाफत करती है और चंडीगढ़ के सभी विभागों में हरियाणा के अधिकारियों को 60:40 रेशो के अनुसार नियुक्त करने और चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर हरियाणा कैडर के अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर लगाने की मांग करती है। 

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