सोमवार को नायब तहसीलदार पटौदी पहुंचे परिसर का मुआयना करने

गांव जटोली के लोगों की मांग हरियाणा सरकार स्कूल का करें अधिकरण

गांव जटोली के लोगों की तरफ से कोर्ट में भी की जा रही है कार्यवाही

फतह सिंह उजाला 

जाटोली / पटौदी । पटौदी क्षेत्र ही नहीं जिला गुरुग्राम की 100 वर्ष से अधिक पुरानी शिक्षण संस्थान मुंशीलाल आनंद विद्यालय एवं औषधालय का सरकारी करण गांव जटोली बासींदों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है । एमएलए वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाटोली के नाम से पहचान बनाए हुए संस्था के आधिपत्य अथवा अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद दिन पर दिन गहराते हुए पेचीदा होता जा रहा है । इस संस्था के सरकारी कारण अथवा हरियाणा सरकार के द्वारा अधिग्रहण किया जाने के मुद्दे को लेकर गांव जटोली में प्रबुद्ध ग्रामीणों की कई दौर की पंचायती भी हो चुकी है। इन्हीं पंचायत में यह बात भी सामने आई है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर ग्रामीणों के द्वारा बनाई गई कमेटी के द्वारा कोर्ट में भी कार्रवाई की जा रही है। दूसरी तरफ संस्था प्रबंधन समिति के प्रबंधक अमीर सैनी का कहना है कि जून 2022 में संस्था के आजीवन सदस्यों की बुलाई गई आम बैठक में बहुमत से यह फैसला हो चुका है कि संस्था को यथावत स्थिति में ही रखा जाए । अथवा सरकार को सोप जाने का अधिकांश सदस्यों के द्वारा विरोध किया जा चुका है।

सोमवार को भी पटौदी के नायब तहसीलदार सुरजीत सिंह के द्वारा एमएलए वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाटोली परिसर का मौका मुआयना किया गया । इस मौके पर विशेष रूप से हेली मंडी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिंह, मेजबान संस्था प्रबंधन समिति स्कूल के पूर्व चेयरमैन राज सिंह, पूर्व कप्तान जनक सिंह, सतबीर पंवार, प्रवीण ठाकरिया, अजयपाल सिंह चौहान, सतपाल चौहान, अशोक सिंह, किशोर सिंह, रवि चौहान, सुभाष चौहान,  विक्रम सिंह, हरीश चौहान, बीरेंद्र सिंह नंबरदार  राजेश सिंह हिन्दू. अनिल शर्मा, शेर सिंह व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इन लोगों के द्वारा संस्था परिसर में ही संस्था के आदि अधिष्ठाता स्वामी प्रेमानंद महाराज की प्रतिमा के समक्ष प्रशासन होश में आओ- एमएलए स्कूल को सरकारी बनाओ। प्रशासन होश में आओ – एमएलए स्कूल को सरकारी बनाओ जैसे नारे भी लगाए। प्रशासन की तरफ से पहुंचे नायब तहसीलदार के द्वारा संस्था परिसर का निरीक्षण और मौका मुआयना किया जाने के दौरान सदस्यों के द्वारा संस्था के और संस्था संचालकों के विषय में जानकारी भी विस्तार से उपलब्ध करवाई गई । सोमवार को यहां पहुंचे नायब तहसीलदार के द्वारा निरीक्षण का क्या उद्देश्य रहा और उनके द्वारा अपनी रिपोर्ट किसके समक्ष प्रस्तुत की जानी है इस विषय में फोन किया जाने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

प्रशासनिक एवं राजस्व विभाग के अधिकारी के समक्ष मौके पर मौजूद लोगों के द्वारा इस स्कूल को सरकार के द्वारा अधिग्रहण करने या अपने अधीन करने की पुरजोर तरीके से मांग रखी गई। इसके साथ ही स्कूल परिसर अथवा भवन की निगरानी के लिए पुलिस प्रशासन या फिर सरकारी प्रबंध किए जाने की मांग भी उठाई गई। ग्रामीणों का दावा है कि मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार के द्वारा उनकी मांगों को पूरा किया जाने का आश्वासन दिया गया है। इसी कड़ी में स्कूल प्रबंधन समिति के प्रबंधक अमीर सैनी व संस्था से जुड़े हुए सूत्रों के मुताबिक प्रशासनिक स्तर पर मांगी गई जानकारी संस्था की तरफ से अधिकृत लोगों के द्वारा उपलब्ध करवाई जा चुकी है । इस संबंध में कुछ लोगों के द्वारा कोर्ट में जो केस डाला गया है, उसके विषय में भी जवाब दिए जाते आ रहे हैं । इसी प्रकरण में अन्य सूत्रों का कहना है कि मेजबान संस्था जिसका पूरा नाम मुंशीलाल आनंद विद्यालय एवं औषधालय ट्रस्ट है और इसी ट्रस्ट के अधीन शिक्षण संस्था सहित औषधि का भी संचालन होता रहा। ट्रस्ट अधिकार की ट्रस्ट के द्वारा संचालित प्रॉपर्टी को स्थानांतरण किया जाना बहुत ही जटिल प्रक्रिया है । यह भी बताया गया है कि यहां पर बहुत ही सीमित संख्या में जो छात्र अध्यनरत थे । उन सभी छात्रों को शिक्षा विभाग की सहमति लेकर अन्य शिक्षण संस्थानों में समायोजित किया जा चुका है । जिससे कि उनकी पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं हो। बहरहाल अब देखना यह है कि इस पूरे विवाद का कैसा और कब तक पर्दा उठेगा या पटाक्षेप हो सकेगा।

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