विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन कहा- बैंकों से मिलना चाहिए 25 लाख तक का लोन पंचकूला में हाउसिंग के लिए भूखंड भी चाहिए चंडीगढ़, 17 दिसंबर – पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में पेंशन रिवाइज करना और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर चिकित्सा भत्ता और अन्य सुविधाएं प्राप्त करना है। विस अध्यक्ष ने उनकी मांगों को प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है। मांगों की समीक्षा के लिए विस अध्यक्ष ने देश की दूसरी विधानसभाओं से भी जानकारी संग्रहित करने के भी निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामबीर सिंह और महासचिव रणबीर मन्दौला पूर्व विधायकों की मांगों के बारे में विस्तार से बात रखी। पूर्व विधायकों के प्रति सरकारी अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की शिकायत पर विस अध्यक्ष ने कहा कि हर पद पर बैठे व्यक्ति को शिष्टाचार और मान-सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब एक ही समाज के घटक हैं। इसलिए हम सभी को समाज में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना विकसित करनी चाहिए। ऐसा वातावरण बनाना होगा जिसमें कि बड़े बुजुर्ग अधिकारपूर्वक युवाओं को समझा सकें। नैतिकता का विकास धरातल स्तर से होना चाहिए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विस अध्यक्ष को बताया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों को इलाज के लिए चिकित्सा भत्ता व अन्य सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रतिमाह कम से कम 20 हजार रुपये आउटडोर इलाज के लिए दिया जाए और इनडोर इलाज के लिए कैशलैस कार्ड उपलब्ध करवाए जाएं। वहीं, एसोसिएशन के महासचिव रणबीर मन्दौला ने कहा कि 60 वर्ष की उम्र के बाद पूर्व विधायकों को बैंक लोन नहीं देते। हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों को 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाता है। हरियाणा में भी पूर्व विधायकों को इसी तर्ज पर कार खरीदने व मकान की मुरम्मत के लिए विधानसभा से 25 लाख रुपये का लोन दिया जाना चाहिए। इसकी रिकवरी पेंशन से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की वजह से यात्रा भत्ता भी बढ़ाया जाना चाहिए। पूर्व विधायकों को मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में 2 लाख रुपये और झारखंड में 3 लाख रुपये प्रति वर्ष यात्रा भत्ता दिया जाता है। हरियाणा में भी यह भत्ता 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लिए ‘नो लोस नो प्रोफिट’ पर पंचकूला में भू-खण्ड की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से पूर्व विधायकों की पेंशन रिवाइज नहीं हुई। वर्ष 2016 में भत्ते व पेंशन संशोधन बिल में पेंशन पर एक लाख रुपये होने पर कैप लगाया था। इस कैप में मंहगाई भत्ता, यात्रा भत्ता आदि भी जोड़ दिया। इसलिए मंहगाई भत्ते सहित सभी भत्तों से यह कैप हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकारें पेंशनर्स को 80 वर्ष की आयु पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देती है। इसमें अब केन्द्र व राजस्थान-हिमाचल व कई प्रदेशों में पेशनर्स की मांग पर इस स्लैब में संशोधन स्वीकार कर 65 वर्ष पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत, 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत और 85 वर्ष पर 30 प्रतिशत करने का फैसला हुआ है। इसलिए पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी भी इसी तर्ज पर होनी चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर चिकित्सा भत्ता, सेवादार (अर्दली भत्ता) व टेलीफोन भत्ता दिलाने की मांग भी की। कहा कि पूर्व विधायकों को सामाजिक कार्यों, धार्मिक स्थलों, खेलों व सांस्कृतिक उत्सवों में भी आर्थिक देनदारी होती है। साथ में आगुन्तकों की आवभगत करनी होती है। इसके लिए उन्हें सत्कार भत्ता देना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व विधायक रामवीर सिंह, रामफल कुंडू, आजाद मोहम्मद, बिजेंद्र सिंह कादियान, रमेश गुप्ता, शशि रंजन परमार, मास्टर धर्मपाल ओबरा, डॉ. शिव शंकर भारद्वाज, जसवीर सिंह मलौर, सुभाष कत्याल, रामकुमार कटवाल, ईश्वर सिंह पलाका, लहरी सिंह, सोमवीर सिंह, अनीता यादव समेत अनेक पूर्व विधायक मौजूद रहे। Post navigation स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर आयोजित हों व्यापार मेले: मुख्य सचिव प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन हर मनुष्य का कर्तव्य, अधिक से अधिक लगाएं पेड़-पौधे – नायब सिंह सैनी