अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहली बार ब्रह्मसरोवर के घाटों पर संस्थाओं के सहयोग से हुए यज्ञ।

ब्रह्मसरोवर की फिजा में गुंजे पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोक।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 15 दिसंबर : केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहली बार 18 दिन तक लगातार घाटों पर गीता पाठ और हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। यह हवन यज्ञ पूर्ण आहुती के साथ संपन्न हुए। इन हवन यज्ञ और गीता पाठ के उपदेशों की गूंज से पवित्र ब्रह्मसरोवर पर रोजाना सुनाई दी। अहम पहलू यह है कि इन श्लोकों का उच्चारण रोजाना सुबह के सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की तरफ से नंबर 1 स्टॉल पर बनाए गए सूचना केंद्र से किया गया।

मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शहर की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को इस बार ब्रह्मसरोवर के महिला घाटों पर गीता पाठ और हवन यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इन संस्थाओं ने केडीबी के अनुरोध पर 28 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक लगातार सभी घाटों पर सुबह के समय गीता पाठ और हवन यज्ञ किए गए। यह प्रयास कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से पहली बार किया गया और यह प्रयास काफी सफल भी रहे। इस सफलता का सारा श्रेय समाजसेवी और धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जाता है, जिन्होंने 18 दिन लगातार गीता पाठ और हवन यज्ञ का आयोजन किया।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में मेले के साथ-साथ पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाना है। इन सभी उद्देश्यों को रोजाना घाटों पर होने वाले हवन यज्ञ और गीता पाठ के माध्यम से पूरा करने का प्रयास किया गया। इस प्रकार आने वाले वर्षों में भी ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन ब्रह्मसरोवर के घाटों पर किया जाएगा। इन सभी यज्ञों में हजारों लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और एक जगह से मंत्रोच्चारण और गीता के श्लोकों का पॉडकास्ट लाखों लोगों तक पहुंचा है।

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