खून के कण-कण में है पवित्र ग्रंथ गीता का वास, गीता उदगम स्थली कुरुक्षेत्र को नमन करने के लिए पहुंची महोत्सव में, हरियाणा में कलाओं का अपार भंडार, समाज को बदलने में नारी शक्ति की अहम भूमिका।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 12 दिसंबर : बॉलीवुड की प्रसिद्घ अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि ने कहा कि 30 साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर बॉलीवुड के बड़े पर्दे पर काम करेंगी। इस फिल्म जगत में दामिनी जैसी फिल्मे तैयार करने की मन में इच्छा लेकर अमेरिका से मुंबई लौटी है। इस बार फिल्मों में काम करने का अवसर उनके पति और दो बेटों ने दिया है। अब बड़े पर्दें पर फिल्में तैयार करने की पूरी रुपरेखा तैयार कर ली है।

फिल्म अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि गत्त देर सायं अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड के हर मुकाम तक पहुंचने के लिए पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश उनके सारथी बने, उनके रक्त के कण-कण में पवित्र ग्रंथ गीता वास करती है। इस गीता उदगम स्थली कुरुक्षेत्र से जैसे ही अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आने का निमंत्रण मिला तो, उनके मन में पावन धरा के दर्शन करने की उत्सुकता पैदा हो गई। इस निमंत्रण के बाद ही कुरुक्षेत्र के लिए महाभारत पर आधारित द्रौपदी डांस ड्रामा तैयार किया। इस डांस ड्रामा के माध्यम से अपने मन की भावनाओं को मंच पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।

फिल्म अभिनेत्री ने कहा कि बॉलीवुड में दामिनी व घातक जैसी फिल्मों में काम करने के उपरांत 1995 से अमेरिका चली गई और पूरा टाईम अपने परिवार को दिया और अमेरिका रहकर भी क्रिएटिविटी का काम किया। इस दौरान कभी कभार ही बॉलीवुड की याद आई, पूरा समय अपने पति और बच्चों के साथ गुजारा। अब परिवार के कहने पर 3 माह पहले 30 साल के लंबे अंतराल के बाद मुंबई आई है। एक बार फिर बॉलीवुड में अपनी दूसरी पारी को शुरु करने जा रही है। इस नई पारी के लिए कई तरह की स्क्रीप्ट उनके सामने आई है। इन स्क्रीप्ट को देखने और पढऩे के उपरांत दामिनी और घातक जैसी फिल्मों में काम करना चाहेंगी। एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि अब ओटीटी प्लेटफार्म पुराने और नए कलाकारों को बेहतरीन मंच उपलब्ध करवा रहा है। जिन नए कलाकारों को मंच नहीं मिलता, उनके लिए ओटीटी एक वरदान साबित हो रहा है।

उन्होंने प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा की धरा ने बॉलीवुड को फिल्म जगत की कई नामी हस्तियां दी है। इन कलाकारों ने हरियाणा का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। इससे स्पष्ट नजर आता है कि हरियाणा की माटी में कला और कलाकारों का अपार भंडार है। इस समय दक्षिण के क्षेत्र के लोग वर्तमान के दौर के अनुसार बॉलीवुड में काम कर रहे है, जिसके कारण आज साउथ सिनेमा शिखर पर पहुंच गया है। एक अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए अभिनेत्री ने कहा कि हरियाणा के साथ-साथ उत्तर भारत के डीएनए में कुछ जबरदस्त प्रभाव है, यहां की नारी शक्ति समाज के बदलाव में अपना अहम योगदान अदा कर रही है। उन्होंने कहा कि उम्र कभी भी कला और कलाकारों की तरक्की में रुकावट नहीं होती। कलाकार किसी भी उम्र में अपना मुकाम हासिल कर सकता है। इतना ही नहीं वर्ष 2025 में ओटीटी नेटवर्क पर भी वे नजर आ सकती है। इसके लिए विचार- विमर्श किया जा चुका है।

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