इस चुनाव में प्रदेश में क्षेत्रीय दलों की प्रासंगिकता ख़त्म हो जाएगी   

कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार बेहद करीबी मुकाबले में हैं व 15 बैटलग्राउंड सीटें चुनाव का परिणाम निर्धारित कर सकती हैं : आवेश तिवारी, डॉ राजन पांडे, आर दिलीप रेड्डी   

प्रदेश में चुनाव घोषणा से कुछ दिन पूर्व हरियाणा मूड सर्वे-2024 में इस सर्वे एजेंसी ने कॉंग्रेस को मामूली बढ़त दिखाई थी

चण्डीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सम्पन्न हो चुका है व एग्जिट पोल्स भी सामने आ चुके हैं, जिनमें सभी ने राज्य में कॉंग्रेस की वापसी दिखाई है। इसी कड़ी में सर्वे एजेंसी पीपुल्स पल्स रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (पीपीआरओ) ने भी अपना एग्जिट पोल जारी किया है जिसके मुताबिक कॉंग्रेस को विधानसभा की 90 सीटों में से 63 से 67 सीटें मिलती दिखाई गईं हैं जबकि भाजपा को 15 से 20 सीटें दी गईं हैं। इसके अलावा अन्य पार्टियों (जेजेपी, आईएनएलडी+बीएसपी, आप और निर्दलीय) को 3-8 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे एजेंसी के निदेशकों आवेश तिवारी, डॉ राजन पांडे व आर दिलीप रेड्डी ने इस एग्जिट पोल से सामने आये नतीजों का खुलासा करते हुए कहा कि कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार बेहद करीबी मुकाबले में हैं। कम से कम 15 बैटलग्राउंड सीटें हैं जो चुनाव का परिणाम निर्धारित कर सकती हैं।   

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चुनाव घोषणा से कुछ दिन पूर्व हरियाणा मूड सर्वे-2024 में इस सर्वे एजेंसी ने कॉंग्रेस को मामूली बढ़त दिखाई थी। 

उन्होंने बताया कि अपने विविधतापूर्ण परिवेश, कृषि और औद्योगिक पृष्ठभूमि की वजह से हरियाणा देश के महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस हालिया लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को जारी रखे हुए है जबकि 10 साल की सत्ता विरोधी लहर ने भाजपा को बैकफुट पर धकेल दिया है। आवेश तिवारी, डॉ राजन पांडे व आर दिलीप रेड्डी ने बताया कि उनकी संस्था पीपुल्स पल्स रिसर्च आर्गेनाइजेशन ने प्रदेश के सभी 22 जिलों में राजनीतिक और चुनावी नब्ज को टटोलने की कोशिश की है। इस हेतु उन्होंने पिछले कई महीनों से अपने विशेषज्ञों के माध्यम से प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर व्यापक जमीनी अध्ययन किया है  इस अध्ययन में हमने समूचे प्रदेश को 6  डिविजनों, संभागों में विभाजित किया और हर एक विधानसभा सीट में सभी समुदायों, वर्गों के औसतन 125 से 150 मतदाताओं से बातचीत कर उनके राजनीतिक रुझान को जानने की कोशिश की।   

उन्होंने ये भी बताया कि हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के मध्य हुए मुख्य मुकाबले में क्षेत्रीय दलों की प्रासंगिकता ख़त्म हो जाएगी। 

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